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एक भी टूर का नहीं मिला फायदा फिर 50 लाख खर्चने की तैयारी

स्टडी टूर का शहरवासियों को फायदा नहीं मिला है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Feb 2019 11:08 PM (IST)Updated: Sat, 16 Feb 2019 11:08 PM (IST)
एक भी टूर का नहीं मिला फायदा फिर 50 लाख खर्चने की तैयारी
एक भी टूर का नहीं मिला फायदा फिर 50 लाख खर्चने की तैयारी

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पार्षदों और अधिकारियों के एक भी स्टडी टूर का शहरवासियों को फायदा नहीं मिला है। इसके बावजूद नए वित्तीय सत्र के लिए जो 1260 करोड़ रुपये का बजट पास किया गया है, उसमें 50 लाख रुपये की राशि का प्रावधान स्टडी टूरों के लिए रखा गया है। इसलिए ही शहरवासी भी पार्षदों के स्टडी टूर के खिलाफ रहे हैं। अब तक जितने भी स्टडी टूर गए हैं, उसका शहर को कोई फायदा नहीं मिला है। जबकि स्टडी टूरों पर लाखों रुपये खर्च हो चुके हैं। साल 2004 से लेकर 2018 तक पार्षदों के स्टडी टूरों पर एक करोड़ 64 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं। टूरों की रिपोर्ट तो बनी पर चर्चा तक नहीं हुई

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पिछले साल अलग-अलग पार्षदों का स्टडी टूर इंदौर, विजयवाड़ा और मैसूर गया था। ये टूर इन जगहों पर सफाई व्यवस्था और कचरे का सेग्रीगेशन सिस्टम को देखने के लिए गए थे। इन स्टडी टूरों की रिपो‌र्ट्स भी तैयार हुई, लेकिन सदन में यह व्यवस्थाएं लागू होना तो दूर, एक बार भी चर्चा नहीं हुई। जबकि इन टूरों पर नगर निगम का 20 लाख रुपये का खर्चा हुआ था। सूखे और गीले कचरे का सेग्रीगेशन सिस्टम भी लागू नहीं हुआ है। अभी ये टूर गए हैं, जिनका नहीं मिला फायदा

साल टूर का स्थल व्यय (लाखों में)

2004 चेन्नई, हैदराबाद और बेंगलुरु 125400

2004 गोवा 347100

2004 बेंगलुरु और मैसूर 301210

2007 मुंबई 19530

2007 सिगांपुर और बैंकाक 1510560

2009 गुजरात 586075

2010 केरल 1381600

2010 गंगटोक 1607791

2010 कोलकाता और गंगटोक 1389032

2010 केरल 1381600

2010 दिल्ली संसद 47000

2011 बेंगलुरु से कोयंबटूर 1639700

2011 चेन्नई और पुडुचेरी 1104744

2011 चेन्नई, पुडुचेरी, मुदरै, कोयंबटूर 1104744

2013 गुजरात 389492

2013 जामनगर, जूनागढ़ और दीव 361616

2014 वाटर सप्लाई केा देखने के लिए कई शहरी एरिया 1011240

2014 नासिक 365129

2015 तमिलनाडू 350000

2015 स्पेन 285000

2018 इंदौर, विजयवाड़ा, और मैसूर 2000000 टूर में तबीयत खराब होने से पार्षद की हो चुकी है मौत

2014 में पार्षद चेन्नई, कोलकाता और पोर्ट ब्लेयर के स्टडी टूर पर गए थे। इस टूर में उस समय अकाली पार्षद मलकीयत ¨सह की तबीयत खराब होने से मौत भी हो गई थी। इस विवादित स्टडी टूर के लिए 13 पार्षदों से 9-9 हजार रुपये की रिकवरी भी ली गई थी, क्योंकि इस टूर में पार्षद अपने रिश्तेदारों और परिवार के सदस्यों को भी साथ ले गए थे। जिससे टूर का खर्चा बढ़ गया था। पिछले साल भी पार्षद चंद्रवती शुक्ला के साथ उनके पति सरकारी टूर पर साथ चले गए थे। -चंडीगढ़ रेजिडेंट्स एसोसिएशन वेलफेयर फेडरेशन के वाइस चेयरमैन सुरेंद्र शर्मा का कहना है कि जब शहरवासी चाहते ही नहीं कि पार्षद स्टडी टूर पर जाएं, तो फिर बजट में इसे क्यों बार-बार शामिल किया जाता है। आजकल सभी जानकारी ऑनलाइन हैं, कुछ अध्ययन करना है तो इंटरनेट के माध्यम से किया जा सकता है।

-मेयर राजेश कालिया का कहना है कि वह स्टडी टूर के खिलाफ नहीं हैं। टूर में जाकर पार्षदों को काफी कुछ नया सीखने को मिलता है। इस साल जो भी स्टडी टूर जाएगा। सुनिश्चित किया जाएगा कि जो भी जिस लक्ष्य के लिए जाए, वह पूरा हो।


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