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सरकारी शिक्षकों के वार्षिक मूल्यांकन का बदला पैटर्न; अब सिर्फ अच्छा रिजल्ट ही काफी नहीं

नए एपीएआर सिस्टम में 60 फीसद वेटेज एकेडिमक रिजल्ट और 40 फीसद वेटेज शिक्षकों के काम के प्रति नजरिया, व्यवहार आदि अन्य कार्यों को दिया गया है।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Thu, 24 Jan 2019 12:12 PM (IST)Updated: Thu, 24 Jan 2019 12:12 PM (IST)
सरकारी शिक्षकों के वार्षिक मूल्यांकन का बदला पैटर्न; अब सिर्फ अच्छा रिजल्ट ही काफी नहीं
सरकारी शिक्षकों के वार्षिक मूल्यांकन का बदला पैटर्न; अब सिर्फ अच्छा रिजल्ट ही काफी नहीं

चंडीगढ़ [डाॅ. सुमित सिंह श्योराण]। सरकारी शिक्षकों के वार्षिक मूल्यांकन रिपोर्ट (एपीएआर) में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। अब केवल उन्हीं शिक्षकों को एपीएआर में बेहतर अंक मिलेंगे, जो क्लास में अच्छा रिजल्ट देने के साथ-साथ स्कूल और बच्चों से जुड़ी अन्य गतिविधयों में भी पूरे उत्साह के साथ हिस्सा लेंगे। अप्रैल 2019 से एपीएआर का फार्मेट पूरी तरह से बदल जाएगा।

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शिक्षकों के लिए तैयार नए एपीएआर फार्मेट को शिक्षा सचिव ने भी मंजूरी दे दी है। जल्द ही इसे शिक्षा विभाग की वेबसाइट और स्कूलों को भी भेज दिया जाएगा।

बीते सत्र में शहर के सरकारी स्कूलों के बेहद खराब रिजल्ट के बाद शिक्षा विभाग ने यूटी प्रशासक वीपी सिंह बदनौर के निर्देश पर शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली में बड़े स्तर पर बदलाव का प्लान तैयार किया है। विभिन्न एक्सपर्ट की कमेटी के सहयोग से करीब दो महीने में नए एपीएआर को तैयार किया गया है।

चालीस प्रतिशत वेटेज अन्य गितिविधयों का

नए एपीएआर सिस्टम में 60 फीसद वेटेज एकेडिमक रिजल्ट और 40 फीसद वेटेज शिक्षकों द्वारा काम के प्रति नजरिया, एनसीसी, एनएसएस, स्काउट, स्कूल में स्वच्छता अभियान, स्कूल हेड द्वारा दिए गए काम को समय पर पूरा करना, अनुशासन, स्कूल में अन्य सदस्यों के साथ बेहतर रिलेशन के हैं। इसके अलावा 20 फीसद वेटेज शिक्षकों को उनके द्वारा आरटीई, सीबीएसई गाइडलाइंस, डिजास्टर मैनेजमेंट, स्कूल मैनेजमेंट कमेटी, कमजोर बच्चों के लिए एक्सट्रा क्लास लगाने, कंप्यूटर की बेसिक नाॅलेज के तय किए गए हैं।

जेबीटी और एनटीटी शिक्षकों पर लागू नहीं होगा  

शिक्षा विभाग द्वारा तैयार नया सेल्फ अपरेजल प्रोफोर्मा चंडीगढ़ के 115 सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले 4500 शिक्षकों पर लागू होगा। अधिकारियों के अनुसार नया एपीएआर परफोर्मा एनटीटी और जेबीटी टीचर्स पर लागू नहीं होगा क्योंकि राइट टू एजुकेशन (आरटीई) के तहत पहली से आठवीं क्लास तक स्कूलों में बच्चों को फेल नहीं किया जाता। शिक्षा विभाग के सभी रेगुलर टीजीटी,पीजीटी और एसएसए शिक्षकों के 2018-19 सत्र के लिए भरे जाने वाले एपीएआर में नया सिस्टम लागू हो जाएगा।      

दो कैटेगरी में रखा जाएगा शिक्षकों को

शिक्षा विभाग की ओर से तैयार नए एपीएआर फार्मेट में शिक्षकों की दो कैटेगरी बनाई गई हैं। पहली कैटेगरी में अर्बन स्कूल (सेक्टर) और दूसरी कैटेगरी में कालोनी और गांव के स्कूल के शिक्षकों को रखा गया है। कालोनी और ग्रामीण स्कूल के शिक्षकों को अर्बन स्कूल के शिक्षकों के मुकाबले एकेडिमक रिजल्ट में पांच से दस फीसद अधिक वेटेज मिलेगी। जानकारी अनुसार जल्द ही शिक्षा विभाग सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के लिए नए रोटेशन पाॅलिसी को भी लागू करने का प्लान तैयार कर रहा है। जिससे सभी शिक्षकों को गांव और काॅलोनी में भी पढ़ाने का मौका दिया जाए।

शिक्षकों की एपीएआर में इस तरह से हेड देंगे वेटेज  

0 से 20 फीसद- बिलो एवरेज
21-40- एवरेज
51-60- गुड
61-80- वेरी गुड
81-100- आउटस्टेंडिंग

सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के वार्षिक मूल्यांकन के लिए नया प्रारूप तैयार कर लिया गया है। शिक्षकों की एकेडिमक परफोरमेंस के साथ अन्य गतिविधियों में भागेदारी के 40 फीसद अंक तय किए हैं। नए सिस्टम से शिक्षक बेहतर आउटपुट देंगे और बच्चों की ओवरआॅल डेवलेपमेंट में भी सुधार होगा। शिक्षकों की वार्षिक रिपोर्ट सिर्फ स्कूल हेड की मर्जी या चापलूसी से नहीं बनेगी। अब शिक्षकों के लिए हर फील्ड में उनके योगदान के अंक निर्धारित कर दिए गए हैं। इसी सत्र से इसे लागू किया जाएगा।  
-बीएल शर्मा, शिक्षा सचिव यूटी  

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