पंजाब में बिजली दरें 9.33 फीसद तक बढ़ी, नई दरें एक अप्रैल से होंगी लागू
पंजाब में बिजली दरों में वृद्धि कर दी गई है। नई दरें अप्रैल 2017 से लागू होंगी। उपभोक्ताओं से नौ महीने में बढ़ी दरें वसूली जाएंगी।
जेएनएन, चंडीगढ़: पंजाब में बिजली और महंगी हो गई है। बिजली नियामक आयोग (रेगुलेटरी कमीशन ) ने सोमवार को घरेलू, औद्योगिक व कमर्शियल उपभोक्ताओं के लिए बिजली की नई दरों का एलान किया। इनमें अलग-अलग स्लैब में 9.33 फीसद तक की वृद्धि की गई है।
बढ़ी हुई दरें बीते अप्रैल से लागू मानी जाएंगी। नवंबर के बिजली बिल बकाया एरियर के साथ भेजे जाएंगे। कमीशन ने 2,522.62 करोड़ रुपये के घाटे को पूरा करने के लिए तीन साल बाद यह वृद्धि की है। बढ़ी हुई दरें अगले तीन सालों के लिए निर्धारित की गई हैं। हालांकि, कांग्रेस ने चुनाव से पहले व बिजली मंत्री राणा गुरजीत सिंह ने चुनाव के बाद वादा किया था कि बिजली की दरों में वृद्धि नहीं की जाएगी।
एरियर की वसूली किश्तों में
कमीशन की चेयरपरसन कुसुमजीत सिद्धू ने बताया कि बढ़ी दरों के एरियर की वसूली नौ माह में किश्तों के रूप में की जाएगी। एक साल की राजस्व वसूली देखने के बाद कमीशन दरों में संशोधन कर सकता है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि बढ़ी हुई दरों से पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) को तीन हजार करोड़ का लाभ होगा। डिफॉल्टरों की नई लिस्ट तैयार की जा रही है। उसके बाद ही स्पष्ट हो सकेगा कि उनसे कितनी धनराशि वसूलनी है।
रात को चलने वाले कारखानों को लाभ
नई दरों में रात को चलने वाले कारखानों के लिए पिछली दरों की तुलना में नई दरों में 25 पैसे प्रति यूनिट की छूट दी गई है। पहले रात को निर्धारित दर से एक रुपये प्रति यूनिट कम दर पर बिजली की सप्लाई की जाती थी। अब रात को ऑन डिमांड कारखानों को बिजली की सप्लाई में 1.25 पैसे प्रति यूनिट की छूट दी जाएगी।
उद्योगों पर 10 पैसे सरचार्ज खत्म
कमीशन ने लगातार चलने वाले उद्योगों पर लगने वाला 10 पैसे का सरचार्ज खत्म कर दिया है। 2017-18 के लिए सरकार पर बिजली सब्सिडी का बोझ 10,970 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है। इसमें किसानों को मिलने वाली मुफ्त बिजली सब्सिडी का 2800 करोड़ रुपये का बकाया भी शामिल है।
कितनी महंगी हुई बिजली
घरेलू बिजली की पुरानी व नई दरें प्रति यूनिट रुपये में
उपभोक्ता- पुरानी दरें- वृद्धि- नई दरें- वृद्धि फीसद में
घरेलू (0-100 यूनिट)- 4.52- 46 (पैसे)- 4.98 (रुपये)- 10.18
घरेलू (101-300 यूनिट)- 6.14- 41 (पैसे)- 6.55 (रुपये)- 6.68
घरेलू (301-500 यूनिट)- 6.56- 59 (पैसे)- 7.15 (रुपये)- 8.99
घरेलू (500 यूनिट से ज्यादा) 6.56- 80 (पैसे)- 7.36 (रुपये)- 12.20
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औद्योगिक इकाइयों के लिए पुरानी व नई दरें
उद्योग का प्रकार- पुरानी दर- बढ़ोतरी- नई दर- वृद्धि फीसद में
छोटे उद्योग- 5.47- 65 (पैसे)- 6.12 (रुपये)- 11.88
मध्यम उद्योग- 5.99- 58 (पैसे)- 6.57 (रुपये)- 9.68
बड़े उद्योग- 6.35- 54 (पैसे)- 6.89 (रुपये)- 8.50
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नॉन रेजिडेंशियल-कमर्शियल के लिए पुरानी व नई दरें
वर्ग- पुरानी दरें- वृद्धि- नई दरें- वृद्धि फीसद में
0-100 यूनिट- 6.53- 57 (पैसे)- 7.10 (रुपये)- 8.73
101-500 यूनिट- 6.75- 60 (पैसे)- 7.35 (रुपये)- 8.89
500 यूनिट से ज्यादा- 6.75- 72 (पैसे)- 7.47 (रुपये)- 10.67
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राज्य में बिजली कनेक्शन
घरेलू 64 लाख
कमर्शियल 10.18 लाख
औद्योगिक 1.29 लाख
एग्रीकल्चर 12.65 लाख
कुल कनेक्शन 88.12 लाख
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उद्योगों को पांच रुपये प्रति यूनिट बिजली देने में हो सकती है देर
सिद्धू ने कहा है कि सरकार ने उद्योगों को पांच रुपये प्रति यूनिट बिजली देने का वादा किया है। इस पर अभी कमीशन होमवर्क कर रहा है कि यह कैसे संभव है और इतनी दर में बिजली देने से कितना नुकसान होगा। उसकी भरपाई के लिए सरकार कैसे सब्सिडी देगी। उन्होंने इशारा किया कि फिलहाल एक से दो हफ्ते में यह होम वर्क पूरा हो पाएगा कि उद्योग को पांच रुपये प्रति यूनिट बिजली देने के बाद कितना नुकसान होगा। उसके बाद सरकार को इसकी रिपोर्ट सौंपी जाएगी। जब सरकार की तरफ से संबंधित धनराशि जारी कर दी जाएगी, तो ही पांच रुपये यूनिट बिजली दे पाना संभव होगा।
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