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Amritpal Singh: 80,000 पुलिसकर्मी होने के बाद भी कैसे भाग गया अमृतपाल? हाई कोर्ट ने सरकार को लगाई फटकार

पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने पूछा कि पुलिस को अमृतपाल की कई गंभीर मामलों संलिप्तता के बारे में अच्छी तरह से जानकारी थी। वह देश की सुरक्षा के लिए खतरा बन रहा था उस समय राज्य की 80000 पुलिस क्या कर रही थी जब वह जहां हथियार लेकर घूम रहा था।

By Nidhi VinodiyaEdited By: Nidhi VinodiyaPublished: Tue, 21 Mar 2023 06:41 PM (IST)Updated: Tue, 21 Mar 2023 06:41 PM (IST)
Amritpal Singh: 80,000 पुलिसकर्मी होने के बाद भी कैसे भाग गया अमृतपाल? हाई कोर्ट ने सरकार को लगाई फटकार
80,000 पुलिसकर्मी होने के बाद भी कैसे भाग गया अमृतपाल? हाई कोर्ट ने सरकार को लगाई फटकार

चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो । पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि पंजाब पुलिस की इस कहानी पर विश्वास करना मुश्किल है कि खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को राज्य पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया है और वह भाग गया है।

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कोर्ट ने पूछा कि पुलिस को अमृतपाल की कई गंभीर मामलों संलिप्तता के बारे में अच्छी तरह से जानकारी थी। वह देश की सुरक्षा के लिए खतरा बन रहा था ,उस समय राज्य की 80,000 पुलिस क्या कर रही थी जब वह जहां हथियार लेकर घूम रहा था।

हाई कोर्ट ने पूछा- इतने पुलिसकर्मी होने का बाद कैसे भागा अमृतपाल 

हाई कोर्ट के जस्टिस एन के शेखावत ने यह टिप्पणी अमृतपाल को लेकर दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते की। कोर्ट ने हैरानी जताई कि उसके बारे में सभी सूचनाओं होने और काफी तादाद पुलिस बल के बावजूद वह भागने में कैसे कामयाब रहा जबकि उसके सभी साथी गिरफ्तार कर लिए गए है। कोर्ट ने कहा कि यह राज्य की खुफिया विफलता को दर्शाता है। बहस के दौरान पंजाब सरकार ने कोर्ट में दलील दी कि वह फरार अमृतपाल को पकड़ने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।

सरकार ने कहा- कई जानकारियों को ओपन कोर्ट में नहीं बता सकते 

सरकार की तरफ से पक्ष रखा गया कि जिस राज्य में जी 20 की बैठक के चलते पुलिस कानून व्यवस्था में लगी हुई थी। सरकार की तरफ से कोर्ट को कहा गया कि कुछ ऐसी जानकारी है जो ओपन कोर्ट में नहीं दी जा सकती। हाई कोर्ट ने राज्य पुलिस को इस मुद्दे पर स्टेटस रिपोर्ट दायर करने का आदेश देते हुए मामले की सुनवाई 28 मार्च तक स्थगित कर दी। कोर्ट ने इस मामले में कोर्ट की मदद के लिए हाई कोर्ट की एक महिला वकील तनु बेदी को कोर्ट मित्र (एमिकस क्यूरी) नियुक्त करने का भी आदेश दिया है।

पिता को पक्ष रखने की कोर्ट ने नहीं दी इजाजत

मामले की सुनवाई के दौरान अमृतपाल सिंह के पिता तरसेम सिंह भी मौजूद थे और याची पक्ष के वकील ने उनको पक्ष रखने के लिए कोर्ट से इजाजत मांगी लेकिन कोर्ट ने कहा कि वो इस मामले में याची नहीं है , कोर्ट ने अमृतपाल सिंह के पिता को पीछे बैठने का आदेश दिया।

मामला क्या है

यह मामला अमृतपाल सिंह के नेतृत्व वाले संगठन वारिस पंजाब दे के कानूनी सलाहकार इमान सिंह खारा द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका के मद्देनजर हाई कोर्ट के समक्ष आया। मामले की सुनवाई के दौरान पंजाब पुलिस की तरफ से भी हाईकोर्ट के समक्ष एक हलफनामा दाखिल कर अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी से इनकार किया।

पुलिस ने रखा पक्ष 

पुलिस की तरफ से पेश किए गए हलफनामे के अनुसार सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए, अमृतपाल सिंह को हिरासत में लेने का एक प्रस्ताव तैयार किया गया था और 17 मार्च को एसएसपी अमृतसर ग्रामीण द्वारा जिला मजिस्ट्रेट अमृतसर को भेजा गया था, उन्होंने धारा 3 के तहत हिरासत के विस्तृत आधारों के साथ 18 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत हिरासत आदेश जारी किया था।

गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार है अमृतपाल 

हलफनामे के अनुसार अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार करने और हिरासत में लेने के लिए छापेमारी की गई है, लेकिन उसे अब तक हिरासत में नहीं लिया जा सका है। जिला मजिस्ट्रेट अमृतसर के आदेशों के अनुसार वह राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तारी से बचने के लिए वह फरार है और खुद को छुपा रहा है। इस संबंध में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत एक रिपोर्ट न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी अमृतसर को भी भेजी गई है।

अमृतपाल पंजाब को देश से अलग करने की रच रहा साजिश

कोर्ट को यह भी बताया गया कि अमृतपाल कट्टरपंथी विचारधारा का पालन कर रहा है और उसने पंजाब को भारत से अलग करने की मांग उठाई है। वह खालिस्तान नाम से एक अलग राष्ट्र के लिए राज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए सक्रिय रूप से उकसा रहा है और साजिश कर रहा है।


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