Move to Jagran APP

कोरोना की लड़ाई में आंवला और इससे बने उत्पादों की बढ़ी मांग

आंवला और इससे बनने वाले उत्पादों की मांग काफी बढ़ गई है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 May 2020 09:39 PM (IST)Updated: Tue, 26 May 2020 09:39 PM (IST)
कोरोना की लड़ाई में आंवला और इससे बने उत्पादों की बढ़ी मांग
कोरोना की लड़ाई में आंवला और इससे बने उत्पादों की बढ़ी मांग

राजेश ढल्ल, चंडीगढ़ : इस कोरोना की लड़ाई में आंवला और इससे बनने वाले उत्पादों की मांग काफी बढ़ गई है। हालांकि अभी ताजा आंवला मंडी में नाममात्र ही आ रहा है। आयुर्वेद से जुड़े डॉक्टर लोगों को कैल्शियम, फाइबर और विटामिन सी की प्रचूर मात्रा के लिए आंवला खाने के लिए सुझाव दे रहे हैं। ऐसे में अब आंवला जूस, कैंडी, चूर्ण और सूखे आंवला की मांग बढ़ गई है। चंडीगढ़ में ही तीन हजार से ज्यादा आंवला के पेड़ लगे हुए हैं। कोरोना वायरस से मुकाबला करने के लिए इम्युनिटी पावर बढ़ाने के लिए लोग आंवला का सेवन जमकर कर रहे हैं। शहर में आंवला का सीजन जनवरी से अप्रैल माह तक रहता है। उस समय दस से लेकर 30 रुपये किलो आंवला बिकता है। इस समय जो मंडी में नाममात्र ताजा आंवला आता है तो वह 60 से 70 रुपये में 250 ग्राम तक भी बिक रहा है। मांग बढ़ने से 20 फीसद तक बढ़े रेट

loksabha election banner

आंवले की मांग बढ़ने से इनसे बनने वाले उत्पाद के रेट भी 20 फीसद बढ़ गए हैं। एक किलो आंवले का चूर्ण 250 से 280 रुपये किलो में बिक रहा है। चंडीगढ़ में सेक्टर-23 में विशेष तौर पर आंवले का एक पार्क भी है जहां पर सैकड़ों पेड़ लगे हुए हैं। सेक्टर-27 में राधा स्वामी सत्संग भवन है, यहां पर ही 150 आंवले के पेड़ लगे हुए हैं। हाल ही में एक प्रशासनिक अधिकारी को भी जब शहर से ताजा आंवला नहीं मिला तो बागवानी विभाग के एक कर्मचारी ने शहर में ढूंढ़कर एक पेड़ में नाममात्र लगे आंवले तोड़कर दिए। खपत में एकदम से बढ़ोतरी

आला चंडीगढ़ रिटेल करियाना एसोसिएशन राजेंद्र कुमार जैन का कहना है कि आंवले से जुड़े हुए उत्पादों की खपत एकदम से बढ़ गई है। आंवले से बने जूस और मुरबा ज्यादा बिक रहे हैं। 250 ग्राम आंवले के चूर्ण का रेट 70 रुपये किलो है। सूखा आंवला 80, मुरबा 180 से 200 रुपये किलो में बिक रहा है। कई कंपनियां मुरबा बना रही हैं। जबकि आंवला कैंडी का रेट 200 रुपये किलो है। इसके साथ आंवले से बने आचार भी बिक रहे हैं। मंडी में सप्लाई हुई कम

आंवला विक्रेता राहुल महाजन का कहना है कि सीजन में आंवला हरियाणा, पंजाब और यूपी से आता है। इस समय ताजा आंवला मंडी में नाममात्र ही आ रहा है। ऐसे में स्टोर किया हुआ आंवला ही बिक रहा है। आंवले से बढ़ती है रोग प्रतिरोधक क्षमता

आंवला खाने से शरीर में कैल्शियम, फाइबर और विटामिन सी बढ़ता है। जिससे रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है। ग्रीन आंवले का सीजन बेशक नहीं है लेकिन इसके जूस और चूर्ण को खाकर भी कमी को पूरी किया जा सकता है। जूस पीना ज्यादा बेहतर है। आयुर्वेद में आंवला टॉनिक है। च्वयनप्राश भी खाया जा सकता है क्योंकि उसमें भी आंवला होता है। जितनी शरीर की इम्युनिटी पावर ज्यादा होगी, उतनी व्यक्ति बीमारी को दूर भगा सकता है। आंवला खाने से आंखों की रोशनी बढ़ती है। पेट साफ रहता है। बालों से संबंधित जो रोग हैं, वे आंवले से दूर हो जाते हैं।

-डॉ. राजीव कपिला, सरकारी सीनियर आयुर्वेदिक फिजिशियन


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.