अमरिंदर कल करेंगे किसान कर्जमाफी की शुरूआत, विरोध की भी तैयारी
सीए कैप्टन अमरिंदर सिंह रविवार को किसान कर्जमाफी की शुरूआत करेंगे। दूसरी ओर, किसान संगठनों ने कर्जमाफी में भेदभाव को आरोप लगाया है और प्रदर्शन की घोषणा की है।
जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह रविवार को किसान कर्जमाफी की शुरूआत करेंगे। वह मानसा में आयोजित राज्यस्तरीय समारोह में कर्जमाफी के लिए किसानों की सूची जारी करेंगे। दूसरी ओर, कर्ज माफी की सूचियों के भेदभाव का आरोप लगाते हुए किसान संगठनों ने समारोह के विरोध का एेलान किया है। आम आदमी पार्टी ने भी कैप्टन को काले झंडे दिखाने की घोषणा की है।
किसान संगठनों ने चेतावनी दी है कि वे मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का घेराव करेंगे। भारतीय किसान यूनियन (उगराहां) के सदस्य गुरचरन सिंह ने कहा कि कांग्रेस बड़े वादे करके सत्ता में आई थी। उसने सभी किसानों के कर्जमाफ करने का वादा किया था, लेकिन अब इसमें भेदभाव किया जा रहा है।
दूसरी ओर, कैप्टन सरकार ने 5.63 लाख किसानों की सूची जारी की है। हालांकि, यह सूची बीते वर्ष दिए गए प्रस्ताव की अपेक्षा कम है। उसमें 10 लाख किसानों के कर्ज माफी का जिक्र था। कैप्टन मानसा में 170 करोड़ रुपये की पहली किश्त में 46000 किसानों का कर्ज माफ करेंगे। इनमें पांच जिलों मानसा, मोगा, मुक्तसर, बङ्क्षठडा व फरीदकोट के किसान शामिल हैं। भारतीय किसान यूनियन (डकौंदा) के बरनाला जिला प्रधान दर्शन सिंह ने कहा कि बड़े किसानों को फायदा दिया गया है।
वहीं, आम आदमी पार्टी के विधायक व विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष सुखपाल सिंह खैहरा ने कहा है कि 7 जनवरी को मालवा में किसानों के कर्ज माफी के मामले को लेकर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता काले झंडे दिखाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार ने तमाम घोषणाओं व वादों के बाद दो लाख रुपये तक के कर्ज माफ करने का एेलान किया है। इसके बाद भी सैकड़ों की संख्या में दो लाख तक के कर्ज वाले किसानों के नाम लिस्ट से गायब हैं।
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उन्होंने कहा कि इससे किसान खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। इसके विरोध में आप कार्यकर्ता मुख्यमंत्री की रैली में काले झंडे दिखाएंगे। पार्टी के उप प्रधान व विधायक अमन अरोड़ा ने कहा है कि मानसा में होने वाली रैली में कैप्टन सरकार की पोल खोली जाएगी। उन्होंने सरकार के कर्ज माफी समागम को नाटक करार देते हुए कहा कि यह किसानों और खेत-मजदूरों के साथ विश्वासघात है।
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कर्ज वसूलने आए तीन बैंक अधिकारियों को चार घंटे बना रखा बंधक
मानसा : क्षेत्र के गांव तामकोट में किसान से कर्ज का पैसा वसूलने आए तीन बैंक अधिकारियों को गांव के लोगों व किसान यूनियन ने चार घंटे तक बंधक बनाए रखा। लैंड मॉर्टगेज बैंक के तीन अधिकारी किसान दल सिंह से कर्ज वूसल करने पहुंचे। किसानों ने बैंक अधिकारियों को धरना स्थल पर कुर्सियां लगाकर बिठा दिया और वापस जाने नहीं जाने दिया। बाद में मानसा सदर थाने से पुलिस व बैंक अधिकारी गांव पहुंचे। दल सिंह ने 10 लाख रुपये कर्ज लिया था। किसान का कहना है कि अभी तक वह 6.50 हजार रुपये बैंक को दे चुका है, लेकिन बैंक उससे अभी भी 28 लाख रुपये मांग रहा है।
पंजाब किसान यूनियन के जिला समिति मेंबर रणजीत सिंह तामकोट और भारतीय किसान यूनियन एकता (उगाराहां) के राम सिंह भैनी ने कहा कि सरकार बैंक अधिकारियों को घर भेजकर किसानों को जलील कर रही है। लैंड मॉर्टगेज बैंक के एजीएम सुखविंदर सिंह का कहना था कि वे अपना काम कर रहे हैं।
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फरीदकोट में भड़के किसान, नारेबाजी
फरीदकोट: गांव बहिबल कलां-निआमीवाला में शुक्रवार को किसानों ने राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। किसान महिंदर सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदरसिंह सरकार ने किसानों के कर्ज माफी के वादे को पूरा करने के लिए पहले चरण में ढाई एकड़ जमीन वाले किसानों के सहकारी सोसाइटी से संबंधित कर्ज माफ करने की सूची जारी की गई है, लेकिन इस सूची में कई ऐसे किसानों के नाम भी शामिल है, जिनकी जमीन ढाई एकड़ से ज्यादा है। नोडल अधिकारी परमजीत सिंह संधू ने कहा कि कर्ज माफी को लेकर राज्य सरकार की ओर से अभी पहली सूची जारी की गई है। वंचित रह गए योग्य किसानों के नाम अगली सूची में आ जाएंगे।
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मात्र सात रुपये कर्ज किया माफ
नाभा (पटियाला): गांव घमरौदा के किसान बलविंदर सिंह की सवा किले जमीन है। इस पर उसने 39 हजार रुपये का कर्ज लिया था। किसान ने बताया कि उसका मात्र सात रुपये का कर्ज माफ किया गया है। गांव के किसानों ने कहा कि सिफारिशी लोगों के लिस्टों में नाम डाले गए हैं। लिस्टों में नाम न आने पर पंजाब भर के किसानों में रोष है। उन्होंने कहा कि यह किसानों के साथ मजाक है। इसी गांव के जगरूप सिंह व राजवंत सिंह ने कहा ढाई एकड़ के कई किसानों के नाम लिस्ट में नहीं है। नाभा के एसडीएम अमित कुमार ने बताया कि जो लिस्ट जारी की गई है, वह फाइनल नहीं है। जो भी सरकार की शर्तों को पूरा करेगा उसे इस स्कीम का लाभ जरूर दिया जाएगा।
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