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बिजली दरों में प्रस्तावित बढ़ोतरी वापस ले अमरिंदर सरकार: सुखबीर बादल

शिअद के प्रधान और पूर्व उपमुख्‍यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने पंजाब में बिजली दरों में प्रस्‍तावित वृद्धि का विरोध किया है। उन्‍होंने कहा कि अमरिंदर सरकार इस प्रस्‍ताव को वापस ले।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 27 Dec 2018 12:33 PM (IST)Updated: Thu, 27 Dec 2018 06:03 PM (IST)
बिजली दरों में प्रस्तावित बढ़ोतरी वापस ले अमरिंदर सरकार: सुखबीर बादल
बिजली दरों में प्रस्तावित बढ़ोतरी वापस ले अमरिंदर सरकार: सुखबीर बादल

चंडीगढ़, जेएनएन। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने पंजाब स्टेट पावर कारपोरेशन लिमिटेड (पीएसपीएसएल) को 2019-20 के  दौरान बिजली की दरों में आठ से 14 फीसद तक बढ़ोतरी करने के लिए मजबूर करने की निंदा की है। उन्होंने इस जनविरोधी कदम को तुरंत वापस लेने की मांग की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार पिछले दो वर्षों में बिजली की दरों में 15 से 20 फीसद बढ़ोतरी करने के बावजूद पीएसपीसीएल को सब्सिडी देने में नाकाम रही है।

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मनप्रीत वित्त प्रबंध चलाने में विफल, जरूरी कदम उठाने में नाकाम रहने पर तुरंत बर्खास्त किया जाए

उन्‍होंने कहा कि सभी वर्गों के लिए बिजली की दरों में आठ से 14 फीसद की वृद्धि करना आम आदमी के खिलाफ क्रूरता के बराबर है। सुखबीर ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से मांग की है कि वे पीएसपीसीएल को बिजली की दरों में वृद्धि करने वाली वार्षिक राजस्व मांग (एआरआर) तुरंत वापस लेने के लिए कहें। इसकी जांच करवाई जानी चाहिए कि सरकार पीएसपीसीएल को आवश्यक सब्सिडी देने में क्यों नाकाम हुई है।

सुखबीर ने कहा कि प्रस्तावित बढ़ोतरी विधानसभा चुनाव से पहले किए वादे के खिलाफ है। वित्तमंत्री मनप्रीत बादल से जवाब मांगना चाहिए कि वह राज्य का वित्तीय प्रबंध चलाने में क्यों नाकाम हो रहे हैं। उनकी असफलताओं का अंजाम आम आदमी क्यों भुगते? यदि एआरआर वापस लेने के लिए जरूरी कदम उठाने में वित्तमंत्री नाकाम रहते हैं तो उन्हें तुरंत बर्खास्त कर देना चाहिए।

सुखबीर ने कहा कि पिछले वर्षों के दौरान पंजाब में बिजली 15 से 20 फीसद महंगी हो गई है। सरकार को इसमें कटौती करनी चाहिए। इससे पहले पिछले साल अप्रैल 2017 से सरकार ने बिजली की दरों में नौ से 12 फीसद की वृद्धि की थी।


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