कर्जमाफी मामले में विधायकों को भरोसे में लेगी अमरिंदर सरकार
कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार अब किसानों की कर्जमाफी के मुद्दे पर कांग्रेस केे विधायकों को विश्वास में लेगी। अब कर्जमाफी कार्यक्रमों में उनको जरूर बुलाया जाएगा।
चंडीगढ़,[कैलाश नाथ]। कर्ज माफी योजना को लेकर नौकरशाही और विधायकों के बीच जमी बर्फ को पंजाब सरकार ने पिघलाने की कोशिश शुरू कर दी है। विधायकों काे गुस्सा था कि कर्ज माफी को लेकर सरकार पूर्ण रूप से अफसरशाही के भरोसे रही। इसकी शुरुआत के बावजूद उसे रिस्पांस नहीं मिल रहा तो अब किसानों के गुस्से का सामना करने के लिए विधायकों को आगे किया जा रहा है। बहरहाल अब सरकार ने फैसला किया है कि कर्जमाफी के बारे में विधायकों को विश्वास में लिया जाएगा और आगे से कर्ज माफी के लिए कार्यक्रमों में विधायक को जरूर बुलाया जाएगा।
नौकरशाही से खफा विधायकों ने मंत्री को सुनाई खरी-खरी
कर्ज माफी के बाद भी सरकार की हो रही किरकिरी को रोकने के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने विधायकों को शामिल करने का फैसला किया था। इसी क्रम में ग्रामीण विकास मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा और वित्त विभाग की प्रिंसिपल सेक्रेटरी कम वित्त कमिश्नर विनी महाजन की अगुवाई में एक बैठक हुई। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़े करीब 24 विधायकों ने हिस्सा लिया।
विधायकों में इस बात को लेकर रोष था कि कर्ज माफी को लेकर सरकार ने कभी भी उन्हें विश्वास में नहीं लिया। अब जब मामला हाथ से निकलने लगा तो किसानों के कोपभाजन के लिए उन्हें आगे किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार इस बैठक में यह बात भी निकल कर सामने आई कि विधायकों को कर्ज माफी के बारे में पूरी जानकारी ही नहीं थी।
सूत्र बताते हैं कि मंत्री ने भी यह बात मानी कि सरकार विधायकों को कर्ज माफी की पूरी योजना से अवगत नहीं करवा पाई। वहीं, इस दौरान मंत्री को विधायकों के गुस्से का भी सामना करना पड़ा। अहम पहलू यह रहा कि विधायकों ने कर्ज माफी को लेकर टीका-टिप्पणी तो बहुत की लेकिन जब उनसे सुझाव मांगे गए तो उनके पास कोई तर्कसंगत सुझाव नहीं थे।
जानकारी के अनुसार, पहले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और बाद में तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा द्वारा ली गई बैठक के बाद विधायकों के मन का लावा बाहर आया है। अब सरकार ने फैसला किया है कि ग्र्रामीण क्षेत्र से आने वाले विधायकों को कर्ज माफी योजना की पूरी जानकारी दी जाएगी।