कार बाजार में गिरावट से कार डीलरों को हुई परेशानी
जीएसटी स्टेट टैक्स एनओसी और ट्रेड सर्टिफिकेट जैसे विभिन्न मुद्दों को लेकर ऑल इंडिया कार डीलर्स एसोसिएशन की एनुअल डीलर मीट खरड़-चंडीगढ़ रोड पर स्थित कार्यालय में हुई।
जागरण संवाददाता, मोहाली : जीएसटी, स्टेट टैक्स, एनओसी और ट्रेड सर्टिफिकेट जैसे विभिन्न मुद्दों को लेकर ऑल इंडिया कार डीलर्स एसोसिएशन की एनुअल डीलर मीट खरड़-चंडीगढ़ रोड पर स्थित कार्यालय में हुई। डीलर मीट में एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रधान जेएस न्योल भी उपस्थित हुए। मीट के बाद जेएस न्योल ने कहा कि कार डीलर्स एसोसिएशन में सेकेंड हैंड कार सेल परचेस से जुड़े व्यवसायी ही सदस्य हैं। कार डीलर्स से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने के लिए ही वार्षिक मीटिग का आयोजन किया गया था। मीटिग में जीएसटी को लेकर विशेष रूप से चर्चा हुई।
सेकेंड हैंड कार पर सरकार द्वारा 28 फीसदी जीएसटी और 22 फीसदी सेस लगाया गया था। जिसे लेकर पूर्व स्वर्गीय केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से उनके शिष्टमंडल द्वारा मुलाकात कर इसमें सुधार की अपील की गई थी। इसके बाद छोटी कार पर 12 फीसदी और बड़ी कारों पर 18 फीसदी स्पाट जीएसटी तय किया गया। ट्रेड सर्टिफिकेट, स्टेट टैक्स, एनओसी और इनकम टैक्स की नई गाइडलाइंस के कारण कार बाजार में काफी गिरावट आई है, जिससे सभी कार डीलरों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। एसोसिएशन के स्टेट प्रेसिडेंट गणेश्वर जैन (शैंकी) ने बताया कि कार ट्रांसफर को लेकर स्टेट टू स्टेट और स्टेट के अंदर ही पेश आ रही समस्या का कोई हल नहीं निकल रहा। अगर एक बार 15 साल का टैक्स भर दिया जाता है तो स्टेट चेंज होते ही उन्हें दोबारा से टैक्स भरना पड़ता है जोकि सरासर गलत है। एक बार टैक्स लेने उपरांत दूसरी स्टेट में टैक्स नहीं लिया जाना चाहिए। एनओसी लेने का समाधान भी खत्म होना चाहिए क्योंकि कार खरीदने वाला कस्टमर उनसे उसी एरिया की गाड़ी रजिस्टर्ड की डिमांड करता है जिस एरिया का वह रहने वाला है। ऐसी छोटी-छोटी समस्याएं कार डीलरों के लिए बहुत बड़ी दिक्कतें पैदा कर रही है, जिस कारण उनका कारोबार बहुत ज्यादा निचले स्तर पर आ चुका है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि उनकी इन समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान किया जाए।