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पगड़ी की शान में अभिनेता अक्षय कुमार ने कह दी ऐसी बात, गर्व से सिर हो गया ऊंचा

मैं अब केसरी में पगड़ी पहन रहा हूं। सच कहूं तो इसे पहनकर ही शान का असली मतलब समझ में आता है। मैंने पूरी फिल्म में जब भी पगड़ी पहनी तो मुझे लगा कि मेरी रीढ़ की हड्डी सीधी हो गई है।

By Edited By: Published: Tue, 19 Mar 2019 01:18 AM (IST)Updated: Tue, 19 Mar 2019 12:20 PM (IST)
पगड़ी की शान में अभिनेता अक्षय कुमार ने कह दी ऐसी बात, गर्व से सिर हो गया ऊंचा
पगड़ी की शान में अभिनेता अक्षय कुमार ने कह दी ऐसी बात, गर्व से सिर हो गया ऊंचा

जेएनएन, चंडीगढ़ : मैंने सिंह इज किंग में पगड़ी पहनी, अब दोबारा केसरी में पहन रहा हूं। सच कहूं तो इसे पहनकर ही शान का असली मतलब समझ में आता है। मैंने पूरी फिल्म में जब भी पगड़ी पहनी तो मुझे लगा कि मेरी रीढ़ की हड्डी सीधी हो गई है। मुझमें एक अलग सा साहस बना रहा। शायद इसलिए पगड़ी पहनने वालों को सरदार कहा जाता है, जो एक लीडर होता है। फिल्म सिंह इज किंग के बाद एक्टर अक्षय कुमार दोबारा पगड़ी पहने केसरी में नजर आ रहे हैं, उन्होंने अपने पगड़ी से जुड़े अनुभव को कुछ इन्हीं शब्दों में साझा किया। सोमवार को वह एलांते मॉल में अपनी फिल्म की प्रोमोशन के सिलसिले में पहुंचे। उनके साथ परीणिती चोपड़ा और डायरेक्टर अनुराग भी शामिल हुए।

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नहीं ली एसजीपीसी से परमीशन

फिल्म केसरी की प्रमोशन के लिए पहुंची अभिनेत्री परिणीति चोपड़ा। 

सिंह इज किंग फिल्म में अक्षय की पगड़ी स्टाइल पर एसजीपीसी ने सवाल उठाए थे, जिसके बाद अक्षय को दोबारा नए सिरे से शूट करना पड़ा था, केसरी फिल्म के लिए क्या पहले से ही अक्षय ने एसजीपीसी से कोई परमीशन मांगी? पर अक्षय बोले नहीं, हमने इसके लिए कोई परमीशन नहीं मांगी। निर्देशक अनुराग ¨सह ने फिल्म की अच्छे से स्टडी की। उन्होंने हर किरदार और कहानी को अच्छे से पढ़ा और समझाया भी। ऐसे में हमें लगता है कि सारागढ़ी के युद्ध को हमने बेहतर तरीके से इस फिल्म के जरिए दिखाया है।

दुख है कि सारागढ़ी के युद्ध पर कोई जानकारी नहीं

फिल्म के लिए गाना गाते बी प्राक

अक्षय ने कहा कि ये बहुत दुखद बात है कि 21 सिखों ने कैसे दस हजार सैनिकों का सामना किया। इस कहानी से जुड़ा खास लिट्रेचर अवेलेबल नहीं। ऑनलाइन भी इसकी जानकारी कम है। ऐसे में मैंने इस फिल्म को करने के लिए हामी भरी। हम इसे डॉक्यूमेंट्री फिल्म नहीं बना रहे। ऐसे में इसमें आपको थोड़ा रोमांच और फिल्मी स्टाइल जरूर मिलेगा। हां, तीन से चार दिन मैंने गतका सीखने में जरूर लगाए। क्योंकि मैं पहले से ही मार्शल आर्ट जानता था, ऐसे में मुझे गतका को सीखने में कोई ज्यादा मुश्किल नहीं आई।

नहीं चाहता पाकिस्तान और भारत के बीच जंग हो

निर्देशक अनुराग ने कहा कि पंजाब में रहते हुए उन्होंने अनेक बार सारागढ़ी युद्ध के किस्से सुने हैं। ऐसे में उन्हें फिल्म बनाने के लिए इस घटना से जुड़ी जानकारी दोबारा इक्कठी की। उन्होंने कहा कि युद्ध पर आधारित फिल्म के लिए मुझे लोकेशन बिल्कुल वैसी ही चाहिए थी, जैसी सारागढ़ी में थी। ऐसे में मैंने लद्दाख और महाराष्ट्र के नजदीक ऐसी लोकेशन को चुना। हालांकि मैंने युद्ध पर फिल्म बनाई, मगर मैं युद्ध के समर्थन में बिल्कुल नहीं हूं। जानता हूं कि पाकिस्तान और भारत में युद्ध की स्थिfत है, मगर मैं युद्ध के पक्ष में नहीं हूं। मैं नहीं चाहता कि कोई इसे राजनीति से जोड़े। परिणिती चोपड़ा ने कहा कि उन्हें किरदार करने में बहुत आसानी लगी। उनका रिश्ता पंजाब से है। हालांकि ये युद्ध से जुड़ी फिल्म है, ऐसे में इसमें औरतों का किरदार भी अहम है।

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