कृषि अध्यादेश पर अकाली दल का यू-टर्न, सुखबीर बादल के नेतृत्व में केंद्र से मिलेेेेंंगे पार्टी नेता
कृषि अध्यादेशों पर अकाली दल ने यू टर्न ले लिया है। अब पार्टी कोर कमेटी का कहना है कि सुखबीर बादल के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल केंद्र सरकार से मिलेगा।
जेएनएन, चंडीगढ़। कृषि अध्यादेश के पक्ष में चले आ रहे एनडीए के घटक दल शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने इस मामले में को यू-टर्न ले लिया है। राज्य में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस द्वारा अध्यादेश का विरोध किया जा रहा है। केवल अकाली दल ही अध्यादेशों का समर्थन करता आया है, परंतु किसान संगठनों द्वारा लगातार इसका विरोध किए जाने के बाद एनडीए के घटक दल, अकाली दल के लिए संकट की स्थिति पैदा हो गई। अब अकाली दल चाहता है कि इन तीन कृषि अध्यादेश को तब तक संसद में पारित करने के लिए न लाया जाए जब तक किसानों के संदेह दूर नहीं हो जाते।
अकाली दल की कोर कमेटी की शनिवार को हुई बैठक में शामिल नेताओं ने कहा कि 'अन्नदाता' की समस्याओं को दूर करना उनकी जिम्मेदारी है और अकाली दल उनके सभी मुद्दों को केंद्र सरकार के समक्ष उठाने के लिए प्रतिबद्ध है। बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया कि पार्टी प्रधान सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल केंद्र सरकार के साथ मुलाकात करके किसानों की आशंकाओं को लेकर बात करेगा।
इस दौरान अन्य समान विचारधारा वाले दलों के नेताओं को भी साथ लिया जाएगा। एक अन्य प्रस्ताव पारित कर कहा गया कि चाहे कुछ भी हो जाए, किसानों के हितों के साथ समझौता नहीं किया जाएगा। बैठक में पार्टी नेताओं द्वारा पिछले दिनों किसान संगठनों, खेत मजदूरों और कृषि विशेषज्ञों से हुई मुलाकात में सामने आए तथ्यों का हवाला देते हुए कहा गया कि किसानों के मन में अध्यादेशों को लेकर कई प्रकार के संदेह हैैं। जिन्हें दूर करने के लिए अकाली दल को केंद्र सरकार के साथ बात करनी चाहिए।
बैठक में बलविंदर सिंह भूंदड़, जत्थेदार तोता सिंह, प्रोफेसर प्रेम सिंह चंदूमाजरा, चरनजीत सिंह अटवाल, निर्मल सिंह काहलों, महेशइंदर सिंह ग्रेवाल, गुलजार सिंह रणीके, जनमेजा सिंह सेखों, सिकंदर सिंह मलूका, डॉ. दलजीत सिंह चीमा, हीरा सिंह गाबडिय़ा, बलदेव सिंह मान, जगमीत सिंह बराड़ तथा मनजिंदर सिंह सिरसा मौजूद रहे।