पंजाब में सीटों की अदला-बदली पर भाजपा व शिअद के सुर अलग-अलग
शिअद व भाजपा में सीटों की अदला बदली को लेकर सुर अलग-अलग हैं। शिअद अदला-बदली का बात कर रही है, जबकि भाजपा इससे इन्कार कर रही है।
जेएनएन, चंडीगढ़। शिरोमणि अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी के सुर सीटों की अदला-बदली को लेकर अलग-अलग हैं। शिअद के प्रधान सुखबीर बादल जहां BJP से सीटों की अदला-बदली की बात कर रहे हैं वहीं, BJP के लोकसभा चुनाव प्रभारी कैप्टन अभिमन्यु और प्रदेश प्रधान श्वेत मलिक इससे इन्कार कर रहे हैं। उनका कहना है कि अभी तक दोनों पार्टियों की तरफ से ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं रखा गया है।
पंजाब में लंबे समय से राजनीतिक चर्चा सरगर्म है कि अकाली दल BJP से अमृतसर की सीट चाहता है। इसके बदले में लुधियाना की सीट BJP को देना चाहता है। सुखबीर ने भी दो दिन पहले कहा था कि BJP के साथ सीटों की अदला-बदली को लेकर बातचीत चल रही है। हालांकि उन्होंने यह नहीं स्पष्ट किया था कि किस सीट को लेकर बात चल रही है।
कैप्टन अभिमन्यु का कहना है कि दोनों ही पार्टियां तय अनुपात में चुनाव लड़ेंगी। सीटों की अदला-बदली को लेकर अभी तक कोई मुद्दा उठा ही नहीं है। महत्वपूर्ण यह है कि अगर यह मुद्दा उठा ही नहीं है तो फिर सुखबीर बादल ने इस बात की पुष्टि क्यों की कि सीटों की अदला-बदली हो सकती है।
चोर व चौकीदार के बीच होगा लोकसभा चुनाव में मुकाबला : कैप्टन अभिमन्यु
लोकसभा चुनाव में पंजाब BJP प्रभारी बनाए गए हरियाणा के वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने कहा है कि अगले चुनाव में चोर व चौकीदार और मजबूर व मजबूत के बीच मुकाबला होगा। वह BJP के प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
सतलुज यमुना लिंक (SYL) नहर के मुद्दे पर उन्होंने पहले चुप्पी साध ली, फिर कहा कि वही होना चाहिए जो सबके हित में हो। प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव के परिणाम से प्रदेश सरकार की कुंभकर्णी नींद टूटेगी। प्रदेश सरकार के प्रति लोगों में काफी गुस्सा है। प्रदेश की सभी सीटों पर गठबंधन जीतेगा। पंजाब में बेअदबी कांड के बाद BJP की सहयोगी पार्टी अकाली दल के गिरते ग्राफ के सवाल पर कहा कि यह लोकसभा चुनाव है। लोगों को केंद्र में मजबूत सरकार चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने पूरे विश्व में अपनी साख मजबूत की है।
कैप्टन ने कहा कि केंद्र सरकार पर किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार का आरोप नहीं है। कांग्र्रेस ने राफेल को मुद्दा बनाकर सरकार पर दोषारोपण करने की कोशिश की लेकिन हकीकत लोगों के सामने आ गई। विजय माल्या व नीरव मोदी के भागने के सवाल पर कहा कि देखने वाली बात यह है कि उन्हें ऋण किसने मुहैया करवाया? आखिर NDA की सरकार में उन्हें भागने जैसा कदम क्यों उठाना पड़ा? UPA की सरकार में ये भगौड़े खुद को सुरक्षित महसूस करते थे, जबकि NDA की सरकार में ऐसा नहीं था। कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि आजादी के बाद से 2008 तक बैंकों ने 18 लाख करोड़ रुपये के ऋण दिए, जबकि 2008 से 2014 के बीच में यह रकम 52 लाख करोड़ तक पहुंच गई। मात्र छह वर्षों में 34 लाख करोड़ के ऋण बांटे गए। कांग्र्रेस की गलत नीति के कारण बैंकों के सामने संकट खड़ा हो गया।
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव केंद्र सरकार की नीतियों पर न सिर्फ लड़ा जाएगा बल्कि जीता भी जाएगा। इस मौके पर उनके साथ BJP के प्रदेश प्रधान श्वेत मलिक, संगठन महामंत्री दिनेश कुमार और सुनील सिंगला आदि मौजूद थे।