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अवैध शराब की बिक्री व बीज घोटाले पर एक मंच पर शिअद-भाजपा, बढ़ेगी कांग्रेस की परेशानी

अवैध शराब की बिक्री और धान के बीज घोटाले को लेकर शिअद-भाजपा की बैठक हुई। इसमें इसकी जांच हाई कोर्ट के जज या सीबीआइ से करवानेे की मांग की गई।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 05 Jun 2020 09:16 AM (IST)Updated: Fri, 05 Jun 2020 09:16 AM (IST)
अवैध शराब की बिक्री व बीज घोटाले पर एक मंच पर शिअद-भाजपा, बढ़ेगी कांग्रेस की परेशानी
अवैध शराब की बिक्री व बीज घोटाले पर एक मंच पर शिअद-भाजपा, बढ़ेगी कांग्रेस की परेशानी

जेएनएन, चंडीगढ़। अवैध शराब की बिक्री और धान के बीज घोटाले को लेकर पंजाब सरकार की परेशानी बढ़ सकती है। अवैध शराब के कारण राज्य सरकार को हुए 5600 करोड़ रुपये के राजस्व नुकसान को लेकर दोनों पार्टियां अकाली दल और भाजपा एक मंच पर आ गई हैैं। दोनों इस मुद्दे को लेकर राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर को मांग पत्र सौंपेंगी और हाई कोर्ट के जज या सीबीआइ से जांच करवाने की मांग करेंगी।

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अकाली दल के दफ्तर में दोनों पार्टियों की हुई संयुक्त बैठक में यह फैसला वीरवार को लिया गया। बैठक की अध्यक्षता अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल और भाजपा के प्रधान अश्वनी शर्मा ने की। अभी तक दोनों पार्टियां अलग-अलग इस मुद्दे को उठा रही थीं। बैठक में संयुक्त रूप से कहा गया कि मुख्य सचिव करण अवतार सिंह ने शराब के अवैध कारोबार से 5600 करोड़ रुपये के नुकसान का मुद्दा उठाया था, जिस पर मंत्रियों ने विवाद खड़ा कर दिया और पूरे मामले पर पर्दा डालने की कोशिश की गई। कांग्रेस सरकार या तो हाई कोर्ट के सिटिंग जज से इसकी जांच करवाए या फिर इस मामले को सीबीआइ को सौंपे।

बैठक में कहा गया कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के धार्मिक सलाहकार के परिवार की एबी ग्रेन स्पिरिट्स प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई क्यों नहीं की गई जहां अवैध रूप से दो ट्रक शराब पकड़ी गई। दोनों पार्टियों के नेताओं ने कहा कि चार हजार करोड़ रुपये का बीज घोटाला भी हुआ। सीड स्टोर का मालिक पंजाब कैबिनेट के मंत्री का करीबी है। इस तरह के घोटालों का पर्दाफाश होना ही चाहिए। सुखबीर बादल और अश्वनी शर्मा ने यह भी कहा कि सरकार न केवल किसानों के साथ भेदभाव कर रही है, बल्कि उनके साथ दुव्र्यवहार भी कर रही है। दोनों ने कांग्रेस सरकार से यह बताने के लिए भी कहा कि उसने आपदा प्रबंधन कोष के तहत जमा हुए छह हजार करोड़ रुपये क्यों नहीं बांटे।

ये थे बैठक में शामिल

बैठक में बलविंदर सिंड़ भूंदड़, जत्थेदार तोता सिंह, प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा, महेश इंदर सिंह ग्रेवाल, डॉ. दलजीत सिंह चीमा, सिकंदर सिंह मलूका, बिक्रम सिंह मजीठिया, दिनेश शर्मा, अविनाश राय खन्ना, तरुण चुग, मदन मोहन मित्तल, जीवन गुप्ता, सुभाष शर्मा और मालविंदर कंग शामिल थे।

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