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हरिद्वार में गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी के बाद अब पुरी में मंगू मठ पर खतरा, दोनों को ढहाने की तैयारी

जगन्नाथ पुरी में श्री गुरु नानक देव जी से संबंधित मंगू मठ और नानक मठ को ढहाने की फिर से तैयारी शुरू हो गई है। पुरी के डीसी ने इसके लिए दो दिन का समय दे दिया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 19 Nov 2019 10:58 AM (IST)Updated: Wed, 20 Nov 2019 08:52 AM (IST)
हरिद्वार में गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी के बाद अब पुरी में मंगू मठ पर खतरा, दोनों को ढहाने की तैयारी
हरिद्वार में गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी के बाद अब पुरी में मंगू मठ पर खतरा, दोनों को ढहाने की तैयारी

चंडीगढ़ [इन्द्रप्रीत सिंह]। जगन्नाथ पुरी में श्री गुरु नानक देव जी से संबंधित मंगू मठ और नानक मठ को ढहाने की फिर से तैयारी शुरू हो गई है। ये मठ सोमवार को ही ढहा दिए जाने थे, लेकिन इनको बचाने में लगे सामाजिक कार्यकर्ताओं के विरोध के चलते पुरी के डिप्टी कमिश्नर बलवंत सिंह ने दो दिन का समय दे दिया है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले हरिद्वार (उत्तराखंड) में गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी साहिब को ढहा दिया गया था।

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सितंबर में फैसला हुआ था कि जगन्नाथ पुरी (ओडिशा) मंदिर की दीवार के साथ 70 मीटर तक के क्षेत्र को खाली करवाया जाएगा। इस दायरे में आने वाली सभी इमारतों को तोड़ दिया जाएगा। तब से ही यह मामला विवाद में आ गया। अब तक 68 मीटर के क्षेत्र को खाली करवाया जा चुका है। शेष बचे हुए क्षेत्र को खाली करवाने के लिए जिला प्रशासन ने सोमवार को फिर से जेसीबी मशीनें लगा दीं।

पुरी में इन दोनों मठों को बचाने में लगे सामाजिक कार्यकर्ता अनिल धीर ने दैनिक जागरण को फोन पर बताया कि हम सभी के रोष प्रदर्शन के कारण आज फिलहाल तो काम रोक दिया है, लेकिन डीसी ने 21 नवंबर को हर हालत में सभी मठ ढहाने की बात कह दी है। उन्होंने बताया कि यह मामला पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। कोर्ट ने इसे ढहाने की इजाजत अब तक नहीं दी है। फिर इस तरह की कार्रवाई समझ से परे है। उन्होंने बताया कि वह सुप्रीम कोर्ट में जाएंगे।

इन मठों को बचाने में लगे सतिंदर सिंह ने बताया कि ये दोनों मठ उस समय के हैं जब गुरु नानक साहिब अपनी उदासियों (धार्मिक यात्राओं) के दौरान पुरी में गए थे। उन्होंने वहां मंदिरों में होने वाली आरती की जगह ब्रह्मांड की आरती की बात की थी। बताया जाता है कि अपनी इस यात्रा के दौरान गुरु नानक देव जी यहां तीन महीने रहे। इस दौरान उन्होंने चैतन्य प्रभुु, गुरु गोपाल के साथ भी मुलाकात की। उनकी इस यात्रा का जगन्नाथ पुरी मंदिर ट्रस्ट की वेबसाइट पर भी जिक्र है।

साढ़े बारह हजार फीट में है गंगू मठ

पुरी में दो मठ बने हुए हैं। मंगू मठ 12,500 वर्ग फीट में फैला हुुआ है, जबकि पंजाबी मठ या नानक मठ साढ़े छह एकड़ में है। सतिंदर के अनुसार दोनों मठों में कोई भी गैरकानूनी कब्जा नहीं है। नानक मठ में सराय के बाहर जोड़ा घर व कुछ दुकानें हैं। अगर प्रशासन को लगता है कि ये गैरकानूनी हैं तो इन्हें बंद करवा दिया जाए।

एसजीपीसी ने की थी ओडिशा सरकार से बात

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रतिनिधियों ने सितंबर में ओडिशा सरकार से मुलाकात की थी। इससे पहले हरिद्वार में गुरु नानक साहिब से संबंधित गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी साहिब को भी ढहा दिया गया था जिसको लेकर काफी विवाद हुआ था। यह गुरुद्वारा भी गुरु नानक साहिब की उदासी से संबंधित है और यहां सूर्य को पानी देने वाली साखी काफी प्रचलित है।

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