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अब पंचकूला में भी रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी का भंडाफोड़, फार्मासिस्ट गिरफ्तार

कोरोना संक्रमण वाले गंभीर मरीजों को दिए जाने वाले इंजेक्शन रेमडेसिविर की कालाबाजारी की परतें खुलने लगी हैं। चंडीगढ़ के बाद अब पंचकूला में भी रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी का भंडाफोड़ हुआ है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Apr 2021 06:23 AM (IST)Updated: Tue, 20 Apr 2021 06:23 AM (IST)
अब पंचकूला में भी रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी का भंडाफोड़, फार्मासिस्ट गिरफ्तार
अब पंचकूला में भी रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी का भंडाफोड़, फार्मासिस्ट गिरफ्तार

जासं, पंचकूला : कोरोना संक्रमण वाले गंभीर मरीजों को दिए जाने वाले इंजेक्शन रेमडेसिविर की कालाबाजारी की परतें खुलने लगी हैं। चंडीगढ़ के बाद अब पंचकूला में भी रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी का भंडाफोड़ हुआ है। पंचकूला पुलिस ने फर्जी ग्राहक तैयार कर सोमवार को एक फार्मासिस्ट को इंजेक्शन की कालाबाजारी करते गिरफ्तार किया। क्राइम ब्रांच सेक्टर-26 की टीम ने सेक्टर-11 से रेमडेसिविर इंजेक्शन भी बरामद की है। गिरफ्तार शिव कुमार रामकला कालोनी बहादुरगढ़ जिला झज्जर (हरियाणा)का रहने वाला है, वह इन दिनों सिल्वर सिटी मुबारकपुर (मोहाली) में रहता था। पुलिस ने आरोपित को सोमवार को कोर्ट में पेश किया। इसके बाद उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

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बुधवार को क्राइम ब्रांच सेक्टर-26 पंचकूला के इंचार्ज अमन कुमार व उनकी टीम व ड्रग्स नियंत्रण अधिकारी पंचकूला की टीम ने सूचना के आधार पर जांच करते हुए नकली ग्राहक तैयार कर रेमडेसिविर इंजेक्शन खरीदने के लिए कॉल किया गया, जोकि आरोपित की ओर से प्रति इंजेक्शन का 13 हजार रुपये बताया गया। इस पर नकली ग्राहक बनकर क्राइम ब्रांच के सदस्य ने आरोपित से बातचीत की और उसकी बताई हुई जगह पर इंजेक्शन खरीदने के लिए चला गया। दोनों में बातचीत के दौरान सौदा तय हुआ। इसी बीच कार्रवाई करते हुए पुलिस ने आरोपित के कब्ज से 18 इंजेक्शन रेमडेसिविर बरामद किए। क्राइम ब्रांच की टीम ने शिव कुमार को खरीद रिकॉर्ड, दवाओं की बिक्री लाइसेंस और लाइसेंस प्रस्तुत करने के लिए कहा, लेकिन वह मौके पर कोई भी लाइसेंस या रसीद नहीं दिखा सका। फाइनेंस का काम करने वाले सुधीर से ली थी इंजेक्शन की खेप, तलाश शुरू

प्रभारी अमन कुमार के अनुसार शिव कुमार यह इंजेक्शन सेक्टर-11 निवासी सुधीर कुमार से लेकर आया था, जोकि फाइनेंस का काम करता है। मार्केट में रेमेडिसिवर इंजेक्शन उपलब्ध ना होने के कारण यह दोनों कालाबाजारी में लगे हुए थे। सीनियर ड्रग्स कंट्रोल ऑफिसर डा. प्रवीण कुमार के साथ टीम बनाकर रेड की गई। मार्केट में यह इंजेक्शन इस समय 15 से 20 हजार रुपये में बेचा जा रहा है। सेक्टर- 5 पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है और अन्य आरोपितों की तलाश की जा रही है। पुलिस के अनुसार बरामद इंजेक्शन के पैकेज पर एमआरपी 5400 रुपये और उसका एक्सपायरी डेट नवंबर 2021 अंकित है। इंजेक्शन निर्माण कंपनी भी सवालों के घेरे में

इस मामले में दवा बनाने वाली कंपनी भी संदेह के घेरे में है। इन इंजेक्शन की उत्पादक हेटेरो लैब लि. हैदराबाद और एसपिरो फार्मा लि. तेलंगाना है। कंपनी के सौ एमजी/20एमएल कोविफॉर इंजेक्शन बरामद हुए हैं। जिन पर लिखा है कि इनका प्रयोग केवल भारत में ही कर सकते हैं, इन्हें बाहर नहीं भेजा जा सकता। फरार सुधीर ने इतने इंजेक्शन कहां से लाकर शिवकुमार को दिए, इसकी भी जांच की जाएगी।


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