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फिर कोई अड़चन न हो, मिनिस्ट्री से अप्रूवल के बाद चंडीगढ़ प्रशासन ने तेज किया बर्ड एवियेरी का काम

सिटी फॉरेस्ट में बन रहे बर्ड एवियेरी प्रोजेक्ट को मिनिस्ट्री ऑफ एन्वायर्नमेंट फाॅरेस्ट व क्लाइमेट चेंज से क्लीयरेंस मिलने के बाद अब प्रशासन ढिलाई के मूड में नहीं है। फॉरेस्ट एंड वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट ने अब और तेजी से इस प्रोजेक्ट काे पूरा करने का काम शुरू कर दिया है।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Tue, 14 Sep 2021 04:37 PM (IST)Updated: Tue, 14 Sep 2021 04:37 PM (IST)
फिर कोई अड़चन न हो, मिनिस्ट्री से अप्रूवल के बाद चंडीगढ़ प्रशासन ने तेज किया बर्ड एवियेरी का काम
प्रशासन कोशिश में है जल्द से जल्द यह प्रोजेक्ट पूरा हो और इन पक्षियों को एवियेरी में छोड़ा जा सके।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। सिटी फॉरेस्ट में बन रहे बर्ड एवियेरी प्रोजेक्ट को मिनिस्ट्री ऑफ एन्वायर्नमेंट, फाॅरेस्ट व क्लाइमेट चेंज से क्लीयरेंस मिलने के बाद अब प्रशासन ढिलाई के मूड में नहीं है। फॉरेस्ट एंड वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट ने अब और तेजी से इस प्रोजेक्ट काे पूरा करने का काम शुरू कर दिया है। डिपार्टमेंट के अधिकारी नहीं चाहते कि इस प्रोजेक्ट में फिर से कोई अड़चन पैदा हो। पहले भी एक लॉबी इस प्रोजेक्ट को बंद कराने के लिए हर संभव कोशिश में जुटी है। मिनिस्ट्री से अप्रूवल मिलने के बाद अब यह संगठन दोबारा से चिट्ठी लिखकर इस पर रोक लगवाने के प्रयास में लगे हैं। यह जानकारी प्रशासन के अधिकारियों को भी है। इसलिए वह नहीं चाहते कि प्रोजेक्ट में और देरी होगी।

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सबसे बड़ी बात यह है कि इस एवियेरी में रखे जाने वाले 44 प्रजातियों के एग्जाटिक बर्ड्स चंडीगढ़ पहुंच एक महीने से ज्यादा समय हो चुका है। इन पक्षियों को सिटी फॉरेस्ट में ही बनाए गए वाइल्ड लाइफ वेटरनरी हॉस्पिटल में रखा गया है। प्रशासन कोशिश में है जल्द से जल्द यह प्रोजेक्ट पूरा हो और इन पक्षियों को एवियेरी में छोड़ा जा सके। ग्रुप में यह पक्षी महीने भर से चंडीगढ़ लाए जा रहे हैं। अब लगभग सभी पक्षी चंडीगढ़ आ चुके हैं। बर्ड एवियेरी में 44 दुर्लभ प्रजाती के करीब 1500 पक्षी रखे जाने हैं। एवियेरी के प्रोजेक्ट पर करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। इसमें से लगभग एक तिहाई राशि एग्जॉटिक बर्ड्स को खरीदने में खर्च हुई है। विदेशी सप्लायर्स से लाने के बाद इन पक्षियों को हॉस्पिटल में ही पिंजरों में रखा जा रहा है। वाइल्ड लाइफ की स्पेशल टीम इन पक्षियों की देख रेख कर रही है। 24 घंटे इनका ध्यान रखा जा रहा है। इस एरिया में किसी को भी जाने की अनुमति नहीं है।

पूर्व प्रशासक का ड्रीम प्रोजेक्ट है बर्ड एवियरी

बता दें कि यह चंडीगढ़ के पूर्व प्रशासक वीपी सिंह बदनौर का ड्रीम प्रोजेक्ट था। उनके आइडिया पर ही यहां काम शुरू हुआ। उसके बाद से ही इसे बहुत तेजी से पूरा किया जा रहा था। कई संस्थाओं की आपत्ति को देखते हुए मिनिस्ट्री ने इस पर रोक लगा दी थी।  प्रोजेक्ट का काम 80 फीसद पूरा हो चुका है। 44 दुर्लभ प्रजाति के बर्ड्स चंडीगढ़ पहुंच चुके हैं। अभी तक एवियेरी शुरू हो चुका होता अगर यह आपत्ति नहीं लगती।

प्रशासन का दावा नहीं होगी उड़ने में दिक्कत

बर्ड एवियेरी के इस प्रोजेक्ट पर लगभग साढ़े तीन करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। 60 गुणा 40 मीटर के दो एरिया यानी 2400-2400 स्क्वेयर मीटर एरिया को बर्ड एवियेरी के लिए रखा गया है। वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट के अधिकारियों का शुरू से ही दावा है कि बर्ड पार्क में पक्षियों को फ्री फ्लाई जोन मिलेगा। इसका कारण यह है कि एवियेरी की हाइट देश में अभी तक बने सभी एवियेरी से ज्यादा रखी गई है। यह नेचुरल हेबिटेट वाला एवियेरी होगा।


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