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आखिर नवजोत सिंह सिद्धू ने अचानक क्यों दे दिया इस्तीफा, जानें 'गुरु' की राजनीति की इनसाइड स्‍टोरी

Navjot Singh Sidhu Inside Story नवजोत सिं‍ह सिद्धू के पंजाब कांग्रेस अध्‍यक्ष पद से इस्‍तीफा देने को लेकर कारणों को लेकर कयासाें का बाजार गर्म है। सवाल उठता है कि गुरु सिद्धू ने अचानक इस्‍तीफा क्‍याें दिया। जानें इन इस्‍तीफा पालिटिक्‍स की इनसाइड स्‍टोरी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 30 Sep 2021 08:51 AM (IST)Updated: Thu, 30 Sep 2021 08:51 AM (IST)
आखिर नवजोत सिंह सिद्धू ने अचानक क्यों दे दिया इस्तीफा, जानें 'गुरु' की राजनीति की इनसाइड स्‍टोरी
पंजाब कांग्रेस अध्‍यख्‍ज्ञ नवजोत सिं‍ह सिद्धू । (फाइल फोटो)

चंडीगढ़, [इन्द्रप्रीत सिंह]। Navjot Singh Sidhu Inside Story: नवजोत सिंह सिद्धू ने अचानक पंजाब प्रदेश कांग्रेस के पद से इस्तीफा क्यों दिया? इस सवाल का जवाब अब तक नहीं मिल सका हालांकि उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो डालकर अपनी नाराजगी के कारण बताने की कोशिश की है जिसमें वह एडवोकेट जनरल (एजी) एपीएस देयोल और डीजीपी के रूप में इकबाल प्रीत सिंह सहोता की नियुक्ति पर अंगुली उठा रहे हैं। लेकिन, सवाल उठता है कि अचानक से ऐसा क्यों हुआ? दरअसल इसे सिद्धू की कांग्रेस खास हाईकमान नृपर दबाव डालने की राजनीति माना जा रहा है।

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नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस हाईकमान पर दबाव के लिए ठोकी ताली

अंदर की बात यह है कि नवजोत सिद्धू सबसे सीनियर आईपीएस अफसर एस.चट्टोपाध्याय को डीजीपी लगाना चाहते थे और इसमें उनका साथ उनके प्रमुख रणनीतिक सलाहकार मोहम्मद मुस्तफा दे रहे थे जो कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा उन्हें डीजीपी नहीं बनाने की वजह से नाराज हैं।

डीजीपी के पैनल में चट्टोपाध्याय का नाम डलवाना चाहते हैं सिद्धू

चट्टोपाध्याय को मार्च 2022 में रिटायर होना है इसलिए 30 सितंबर से पहले- पहले उनका नाम यूपीएससी को भेजे जाने वाले उस पैनल में भेजा जाना जरूरी था जो डीजीपी की स्थायी नियुक्ति करती है। अगर 30 सितंबर के बाद पैनल भेजा जाता है तो चट्टोपाध्याय अपने आप ही डीजीपी की रेस से बाहर हो जाते हैं। इसलिए नवजोत सिद्धू ने दो दिन पहले दबाव बनाने के लिए ऐसा किया। दबाव बनाने के लिए मोहम्मद मुस्तफा की पत्नी रजिया सुल्ताना ने भी मंत्रीपद से इस्तीफा दिया था।

आज है नाम भेजने की अंतिम तिथि, इसलिए पहले दे दिया त्यागपत्र

इसी बीच चट्टोपाध्याय को रोकने के लिए एक और कोशिश भी हुई बताई जाती है। डीजीपी दिनकर गुप्ता ने एक महीने का अर्जित अवकाश अप्लाई किया था जो सरकार ने मंजूर कर लिया, लेकिन ऐसा करने पर उन्हें एक महीने का चार्ज किसी सीनियर अधिकारी को देना पड़ता और चूंकि चट्टोपाध्याय ही सबसे सीनियर थे इसलिए यह उनके पास चला जाता। ऐसे में दिनकर गुप्ता ने एक हफ्ते के आकस्मिक अवकाश का आवेदन कर दिया जो 2 अक्टूबर को खत्म होगा । यानी 30 सितंबर के बाद।

दिनकर गुप्‍ता नई सरकार आने पर केंद्र में जाने के इच्छुक हैं। यह भी पता चला है कि पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मुलाकात में शायद डीजीपी दिनकर गुप्ता को जल्द केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर लगाने की उनसे बात हुई होगी। केंद्र में दो महत्वपूर्ण पद खाली हैं।

एजी को न हटाना पड़े इसलिए स्पेशल प्रासिक्यूटर लगाया जाएगा

नवजोत सिद्धू का दूसरा हमला डीएस पटवालिया की जगह एपीएस देयोल को एडवोकेट जनरल लगाना है। सिद्धू पटवालिया को लगाना चाहते थे। लेकिन पार्टी हाईकमान ने देयोल के नाम पर सहमति बनाई। सिद़धू का कहना है कि यह पूर्व डीजीपी सुमेध सैणी के वकील रहे हैं जो कोटकपूरा गोलीकांड में आरोपित हैं। ऐसे में न्याय कैसे मिलेगा? उनकी नाराजगी को देखते हुए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने स्पेशल प्रासिक्यूटर लगाने का फैसला किया है। उसके पास बेअदबी और बरगाड़ी वाले केस होंगे जो एडवोकेट जनरल के अधिकार क्षेत्र से बाहर होंगे। मुख्यमंत्री ने इसका एलान बुधवार को चंडीगढ़ में प्रेस कांफ्रेंस में किया।


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