LokSabha Election : चंडीगढ़ में रोजगार नहीं है बड़ा मुद्दा, मतदान के समय लोग इन बातों पर रखते हैं फोकस
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि स्मार्ट सिटी चंडीगढ़ के वोटर के लिए रोजगार जैसे मुद्दे प्राथमिकता में शामिल नहीं है।
चंडीगढ, [डॉ. सुमित सिंह श्योराण]। आगामी लोकसभा चुनाव के लिए मैदान तैयार हो चुका है। सभी पार्टियों के नेता वोटर को लुभाने के लिए हरसंभव कोशिश कर रहे हैं। एक-एक वोट के लिए नेताजी को धूप में खूब पसीना निकालना पड़ रहा है। वोटर भी अपनी हर मांग नेताओं से पूरी करवाने की गारंटी मांग रहे हैं। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि स्मार्ट सिटी चंडीगढ़ के वोटर के लिए रोजगार जैसे मुद्दे प्राथमिकता में शामिल नहीं है। यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा चंडीगढ़ के वोटर की नब्ज को पहचानने के लिए किए गए एक खास सर्वेक्षण में।
चंडीगढ़ के वोटर नेताओं से शहर के बारे में क्या चाहते हैं
एडीआर से जुड़े प्रोफेसर जगदीश कोछर का कहना है कि चंडीगढ़ के वोटर की प्राथमिकताओं में पानी, वायु, ध्वनि प्रदूषण और शहर में बेहतर हॉस्पिटल और चिकित्सा सुविधाएं देने वाले नेता को ही वह वोट देना शामिल है। इतना ही नहीं पानी और एयर पोल्यूशन को पहली प्राथमिकता करीब 43 फीसद वोटर ने दी है। जबकि ध्वनि प्रदूषण को लेकर 45 फीसद लोग जागरूक हैं।
500 लोगों पर किया गया सर्वे
चंडीगढ़ में एडीआर द्वारा कराए गए सर्वे में 500 वोटर को शामिल किया गया, जिसमें शहरी और ग्रामीण दोनों तरह के वोटर थे। यह सर्वे अक्टूबर से दिसंबर 2018 के बीच करवाया गया। उन्होंने बताया कि देश भर में करीब पौने तीन लाख वोटर को इस सर्वे में शामिल किया गया है। प्रत्येक लोकसभा सीट से 500 लोगों का सर्वे किया गया है। लोगों ने बेबाकी से चुनाव को लेकर उनकी उम्मीदें क्या है? इस बारे में इस सर्वे में अपनी राय रखी है। जानकारी अनुसार सर्वे में 31 विभिन्न मुद्दों को लेकर वोटर से सवाल किए गए हैं।
पार्टी के नाम पर देते हैं वोट
सर्वे में एक और चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है, जिसमें चंडीगढ़ के वोटर का कहना है कि वह सबसे पहले पार्टी को देखते हुए अपने वोट को निर्धारित करते हैं। ऐसा करने वालों में 93 फीसद वोटर शामिल है। सांसद पद के लिए कैंडिडेट कौन होगा? यह वोटर की प्राथमिकता में तीसरे नंबर पर आता है। चंडीगढ़ में रहने वाला वोटर अपनी मर्जी से अपने मत का प्रयोग करता है। केवल 3 फीसद मतदाता ही वोट किस कैंडिडेट को देना है, इस बारे में परिवार से विचार-विमर्श करते हैं। 35 फीसद वोटर का मानना है कि चुनाव में कैश और गिफ्ट चलते हैं। 98 फीसद वोटर क्रिमिनल बैकग्राउंड के कैंडिडेट को वोट देना पसंद नहीं करते।
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