चंडीगढ़ में रेहड़ी-फड़ी वालों को लाइसेंस और जगह दे प्रशासन : सत्यपाल जैन
सत्यपाल जैन ने रेहड़ी-फड़ी वालों की समस्या को लेकर प्रशासन को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि कोरोना से गरीब वर्ग सबसे अधिक प्रभावित है और उन्हें काम करने की अनुमति मिलनी चाहिए।
चंडीगढ़, जेएनएन। पूर्व सांसद एवं भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य सत्यपाल जैन ने चंडीगढ़ के प्रशासक वीपी सिंह बदनौर को पत्र लिखा है। उन्होंने मांग की है कि चंडीगढ़ में अपनी मंडी में काम करने वाले रेहड़ी-फड़ी वालों को जब तक अपनी मंड़ी चालू नहीं होती, कहीं और काम करने की अनुमति दी जाए। साथ ही मनीमाजरा रेहड़ी-फड़ी संघर्ष कमेटी को मनीमाजरा में एक निश्चित स्थान पर काम करने की अनुमति दी जाए, ताकि समाज के गरीब वर्ग के यह लोग अपने परिवारों का पेट पाल सकें।
चंडीगढ़ के प्रशासक को अलग-अलग लिखे दो पत्रों के साथ जैन ने चंडीगढ़ फड़ी वेलफेयर यूनियन अपनी मंडी के अध्यक्ष राजकुमार तथा रेहड़ी-फड़ी संघर्ष कमेटी, मनीमाजरा की अध्यक्ष रानी द्वारा दिये गये ज्ञापनों की प्रति भी भेजी है। इससे पूर्व इन दोनों संस्थाओं के प्रतिनिधिमंडल अमित शर्मा के नेतृत्व में जैन से उनके निवास पर मिले थे और उनको यह ज्ञापन सौंपा था। अपने पत्रों में जैन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह प्रयास है कि कोविड-19 जैसी महामारी में भी गरीब आदमी का रोटी कमाने का हक उसे मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोरोना का असर यूं तो समाज के हर वर्ग पर पड़ा है, लेकिन इसकी मार सबसे ज्यादा गरीब पर पड़ी है।
उन्होंने कहा कि रेहड़ी-फड़ी लगाकर सामान बेचने वाले लोग समाज के गरीब वर्ग से संबंध रखते हैं तथा रोजाना काम करके, बड़ी मुश्किल से अपने परिवार के लिये दो वक्त की रोटी जुटा पाते है। ऐसे में यदि इन्हें काम करने की जगह न दी गई तो उन्हें भूखों मरने की नौबत आ सकती है, जोकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीतियों के पूर्णतया विपरित है। उन्होंने प्रशासक से मांग की है कि इन प्रार्थना पत्रों पर तुरंत कार्रवाई की जाए तथा इन गरीब लोगों को समुचित लाइसेंस तथा निश्चित स्थान अलॉट करके, अपनी रोटी रोजी कमाने की सुविधा शीघ्र अतिशीघ्र प्रदान की जाए।