गैंगस्टरों पर नकेल कसने के लिए बना एक्शन प्लान, पुलिस के रडार पर कई गैंग
नाभा जेल ब्रेक जैसी वारदात दोबारा न हो, इसके लिए पुलिस ने कमर कस ली है। राज्य में फैले गैंगस्टर्स को खत्म करने का मास्टर प्लान भी तैयार किया जा चुका है।
चंडीगढ़ (मनोज त्रिपाठी)। नाभा जेल ब्रेक के बाद पंजाब पुलिस ने नए सिरे से सभी प्रमुख गैंगों के सरगना व गैंगस्टरों के साथ-साथ नए सिरे से छोटे गैंगस्टरों की भी लिस्ट तैयार कर ली है। किस-किस जिले में कितने गैंग हैं और उनके तार कहां-कहां से जुड़े हैं। इसकी सारी जानकारी पुलिस ने दो महीने में जुटाकर एंटी गैंगस्टर एक्शन प्लान तैयार किया है। काउंटर इंटेलिजेंस टीम ने इनका कच्चा-चिट्ठा संबंधित जिलों के पुलिस प्रमुखों को भी भेज दिया गया है। पंजाब पुलिस की ओर से पिछले साल तैयार करवाए गए गैंगस्टरों के रिकॉर्ड में 57 गैंगों के किंगपिन गैंगस्टरों के नाम दर्ज किए गए थे। लेकिन एक साल में ही चंडीगढ़, फिरोजपुर, फरीदकोट, अमृतसर, संगरूर और जालंधर में गैंगस्टरों की वारदातों के बाद पुलिस ने अब नए सिरे से दोबारा गैंगस्टरों पर लगाम कसने के लिए एक्शन प्लान तैयार किया है।
खास बात यह है कि इस बार एक्शन प्लान तैयार करने वालों में काउंटर इंटेलिजेंस की टीम ने खासी मेहनत की है। एडीजीपी काउंटर इंटेलिजेंस गौरव यादव व आईजी अमित प्रसाद सहित चार पुलिस अधिकारियों ने पूरा प्लान तैयार किया है। एसटीएफ के पास भी सभी गैंगेस्टरों का खाका भेजा जा चुका है। एसटीएफ के आइजी कुंवर विजय प्रताप सिंह ने इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए पंजाब के गैंगस्टरों को असलहे उपलब्ध करवाने वाले बग्गा खान व गाहिया खान गैंग के किंगपिन को बीते दिनों फिरोजपुर के मक्खू इलाके से दबोचा था। इसी तरह मालवा जोन में गैंगस्टरों पर नकेल कसने के लिए आइजी नीलाभ किशोर के हाथों में कमान सौंपी गई है। विभिन्न गैंग व उनके सदस्यों की साइंटिफिक तौर पर पड़ताल करने के साथ-साथ उनकी साइकोलॉजी को भी गहराई के साथ समझने की कोशिश की जा रही है। जबकि एक्शन प्लान में सारी जानकारी उपलब्ध करवाई गई है।
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20 से 40 मामले दर्ज
ज्यादातर प्रमुख गैंगेस्टरों पर पंजाब, हरियाणा सहित अन्य राज्यों में करीब 20 से 40 आपराधिक मामले दर्ज हैं। विक्की गौंडर, गुरप्रीत सेखों व प्रेमा लाहौरिया जैसे गैंगेस्टरों के खेल कनेक्शन से लेकर इन्हें फंडिंग करने वालों का खाका भी पुलिस ने तैयार कर लिया है। इनके गैंग आपस में कहां से किस संपर्क के जरिए कनेक्शन में हैं और उनके साथ जुड़े 600 से अधिक छोटे गैंगस्टरों की लिस्ट भी पुलिस भी पुलिस बना चुकी है। आइजी काउंटर इंटेलिजेंस अमित प्रसाद कहते हैं कि गैंगों को लेकर एक्शन प्लान व उनके बारे में विस्तार से जानकारी संबंधित जिलों के पुलिस प्रमुखों को उपलब्ध करा दी गई है। इतना ही नहीं यूनिवर्सिटी व कॉलेजों में पनप रही गैंगस्टरों की नर्सरी पर भी पुलिस का फोकस है। स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) आईजी कुंवर विजय प्रताप सिंह कहते हैं कि कोई भी गैंगेस्टर छोड़ा या बड़ा नहीं होता है, छोटे ही एक दिन बड़े गैंगेस्टर बनते हैं। इसलिए पुलिस अब किसी भी सूरत में इन्हें छोड़ने वाली नहीं है। इन गैंगेस्टरों को विभिन्न प्रकार का समर्थन देने वालों पर भी पुलिस की नजर है।
इन गैंगों पर है खास नजर
पुलिस की रडार पर विक्की गौंडर गैंग, प्रेमा लाहौरिया गैंग, सोनू कंगला गैंग, लारेंस विश्नोई गैंग, सुखप्रीत हैरी गैंग और कुलबीर नरुआना गैंग हैं। जबकि जूनियर गैंगेस्टरों में राजीव राजा गैंग, जग्गू व अनमोल विश्नोई गैंग, दलजीत भाणा गैंग, जयपाल गैंग, बग्गा खान व गाहिया खान गैंग, काला धनौला गैंग, गोपी उर्फ गोली गैंग, गुरप्रीत सिंह सेखों मुदकी गैंग, सोनू बाबा गैंग, मनप्रीत मान गैंग, मनू पंडोरी गैंग और दविंदर भांभिया गैंग शामिल हैं।
जेलों में इंतजाम पर भी जोर
23 जेलों में पुरुष कैदियों की क्षमता 17041 है, लेकिन बीते साल के आंकड़ों के अनुसार 25928 पुरुष कैदी जेलों में बंद हैं। इसी तरह 1563 महिला कैदियों की क्षमता वाली जेलों में 2136 महिला कैदी बंद हैं। हालांकि पुलिस ने जेलों में गैंगस्टरों को रखने के लिए अब अलग से विशेष सेल बनाने शुरू कर दिए हैं। लेकिन जेलों में क्षमता से अधिक बंद कैदियों के चलते पुलिस को जेलों में गैंगस्टरों के लिए विशेष सेल बनाने व उन्हें अन्य कैदियों से अलग रखने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ रही है।
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जेलों में बनाए जाएंगे पैरोल लीव क्वार्टर
जेल मैनुअल के अनुसार प्रत्येक कैदी को साल में दो बार 28-28 दिन की पैरोल का प्रावधान है। अधिकतर कैदियों को पैरोल गेहूं या धान की बजाई और कटाई के समय ही दी जाती है। कई बार परिवार के सदस्य के बीमार होने पर भी पैरोल दी जाती है।
क्या बदलाव होंगे?
1. कुख्यात अपराधियों को पैरोल 28 दिन नहीं सिर्फ सात दिन की होगी।
2. ये छुट्टी वह जेल के अंदर ही बनाए गए पैरोल लीव क्वार्टर में अपने परिवार के दो सदस्यों के साथ रहेगा।
3. इस दौरान उनके खाने का खर्च कैदी के मेहनताना से काट लिया जाएगा।
मोबाइल जैमर न चलने पर जेलर होगा जिम्मेदार
कैदी जेल में मोबाइल का इस्तेमाल न कर पाएं इसके लिए सभी जेलों में मोबाइल जैमर लगाए गए हैं। मोबाइल जैमर किसी भी समय काम करना बंद न करे इसके लिए सीधे तौर पर जेल के सुपरिंटेंडेंट को जिम्मेदार बनाया जाएगा। कुख्यात अपराधियों के सेल बाहर सीसीटीवी लगाए जाएंगे।
बड़े स्तर के बदलाव जल्द
एडीजीपी रोहित चौधरी का कहना है कि जेलों में कैदियों को रखने और उनकी सुरक्षा पर जल्द बड़े स्तर पर बदलाव किया जाएगा। जल्द ही जेलों में पैरोल लीव क्वार्टर बनाए जाएंगे यहां कैदी पैरोल के एक हफ्ते तक परिवार के साथ रह सकता है।
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पैरोल पर आया अपराधी नहीं लौटा
नाभा जेल में हत्या के मामले में बंद हार्ड कोर क्रिमिनल चार हफ्तों की पैरोल पूरी होने के बाद अभी तक नहीं लौटा है। थाना बस्ती जोधेवाल की पुलिस ने आरोपी टिब्बा रोड निवासी सन्नी के खिलाफ मामला दर्ज किया है। आरोपी सन्नी टिब्बा रोड का रहने वाला है। 1996 में आरोपी के खिलाफ थाना डिविजन नंबर 5 में चोरी के दौरान घर के मालिक की हत्या का मामला दर्ज हुआ था।
आरोपियों और गन हाउस मालिक से होगी पूछताछ
जेल ब्रेक कांड के आरोपियों में से एक गुरप्रीत सिंह सेखों व उसके चार अन्य साथियों का अदालत ने पांच दिन का पुलिस रिमांड बढ़ाते हुए सभी को 23 फरवरी तक पुलिस रिमांड पर भेजने के आदेश दिए हैं। शनिवार दोपहर बाद नाभा के डीएसपी जसकीरत सिंह के नेतृत्व में पुलिस पार्टी ने कड़ी सुरक्षा के बीच नाभा कोर्ट कांप्लेक्स में गुरप्रीत सिंह सेखों, मनवीर सिंह सेखों, राजविंदर सिंह, कुलविंदर सिंह व हथियार देने वाले किरनपाल सिंह को पैमलप्रीत ग्रेवाल कहल की अदालत में पेश किया। पुलिस ने पांचों को सात दिन का पुलिस रिमांड देने की मांग की। इस पर अदालत ने सभी आरोपियों को 23 फरवरी तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया। 27 नवंबर, 2017 को गुरप्रीत सिंह सेखों अपने पांच साथियों समेत नाभा की मैक्सिमम सिक्योरिटी जेल से हथियारों के बल पर फरार हो गया था। जेल से भागे सभी छह आरोपियों में से चार गैंगस्टर व दो आतंकवादी थे।
दिल्ली से गिरफ्तार हुआ था मिंटू
आतंकी हरमिंदर मिंटू को फरार होने के दूसरे दिन ही दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। गैंगस्टर कुलप्रीत सिंह उर्फ नीटा दयोल व उसके साथी सुनील कालड़ा को इंदौर से एमपी पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद काउंटर इंटेलीजेंस की सहायता से बीते दिनों मोगा के गांव ढुडीके से पटियाला व मोगा पुलिस ने संयुक्त ऑपरेशन चलाकर गैंगस्टर गुरप्रीत सिंह व उसके तीन अन्य साथियों को गिरफ्तार किया था। उन्हें बीते सोमवार को नाभा अदालत ने पांच दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा था। उनका शनिवार को रिमांड खत्म होने पर फिर से अदालत में पेश किया गया। आरोपियों को हथियार सप्लाई करने वाले पंजाब गन हाउस मोगा के मालिक किरनपाल सिंह की पुलिस रिमांड अवधि भी शनिवार को खत्म हो रही थी। इसलिए इन सभी को अदालत में पेश किया गया
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