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लॉकडाउन में जब हर ओर लगी थीं पाबंदियां तो विदेशी महिला को शहर में मिला आसरा

कोरोना संकट में भी अतिथि देवो भव की भावना खत्म नहीं हुई है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 30 May 2020 06:21 PM (IST)Updated: Sun, 31 May 2020 06:08 AM (IST)
लॉकडाउन में जब हर ओर लगी थीं पाबंदियां तो विदेशी महिला को शहर में मिला आसरा
लॉकडाउन में जब हर ओर लगी थीं पाबंदियां तो विदेशी महिला को शहर में मिला आसरा

सुमेश ठाकुर, चंडीगढ़

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कोरोना संकट में भी अतिथि देवो भव: की भावना खत्म नहीं हुई है। इस बात को सच साबित किया है यूटी प्रशासन ने। इसकी ताजा मिसाल कनाडा मूल की महिला पैगी लीया हैं, जिन्हें पिछले दो महीने से प्रशासन का सोशल वेलफेयर विभाग सहारा दे रहा है। बिजनेस वुमेन पैगी बिजनेस के सिलसिले में ही चंडीगढ़ आई थीं। लेकिन लॉकडाउन के बीच लगी बंदिशों के कारण यहां से वापस नहीं लौट सकीं। स्थिति यह है कि उनका पासपोर्ट, वीजा से लेकर मोबाइल और पैसे तक खो चुकी हैं। ऐसे हाल में उन्हें मदद की सख्त जरूरत थी। उधर, शहर में रहते हुए पैगी को दो महीने से भी ज्यादा समय हो चुका है। वह वापस अपने घर लौट सकें, इसके लिए कनाडा हाई कमीशन और दूतावास से चंडीगढ़ प्रशासन ने संपर्क किया है।

सवेरा शेल्टर होम सेक्टर-43 की वार्डन संतोष ने बताया कि पैगी को शेल्टर होम में रखा गया है। यहां उनकी सभी जरूरतें पूरी हो रही हैं और वह यहां के पूरे माहौल को बेहतर तरीके से एडजस्ट भी कर रही हैं।

सोशल वेलफेयर विभाग पैगी लीया को 24 मार्च से सहारा दे रहा है। पैगी भारत में बने हैंडलूम उत्पादों को विदेश में सप्लाई करती हैं। इसी सिलसिले में पैगी भारत आई थीं। 27 मई को उसकी वापसी थी, लेकिन इसी बीच उनका पर्स गुम हो गया। इसके चलते इसके एटीएम कार्ड और अन्य जरूरी सामान भी गुम हो गए। सबसे पहले पैगी को शहर के एक गुरुद्वारे ने शरण मिली और उसके बाद एक वेरका बूथ में, लेकिन कोरोना वायरस महामारी के चलते उन्हें दोनों ही जगह छोड़नी पड़ी और उसके बाद चंडीगढ़ पुलिस ने उन्हें सोशल वेलफेयर विभाग के सुपूर्द कर दिया, ताकि उसके रहने, खाने का प्रबंध हो सके। भारत में अपनापन पाकर खुश हैं पैगी पैगी का सारा जरूरी सामान खो चुका है। उसके पास पैसे नहीं है, लेकिन उसके बावजूद वह खुश है। पैगी ने दैनिक जागरण से बातचीत में बताया कि उन्हें बीपी संबंधी स्वास्थ्य समस्या है। इसके लिए वह नियमित रूप से दवा की खुराक लेती है। यह दवा समय-समय पर विभाग के कर्मचारी अपने खर्च पर लाकर उन्हें उपलब्ध करा रहे हैं। उन्हें यहां रहने और खाने के मामले में मदद के साथ-साथ अपनापन भी मिला है। बताया कि ऐसा स्नेह भारत के अलावा कहीं और नहीं मिल सकता। पैगी ने बताया कि बिजनेस वुमेन होने के कारण वह भारत के अलावा अन्य तमाम देशों में घूम चुकी हैं, लेकिन जो स्नेह भारत में मिला है वह किसी अन्य मुल्क में नहीं मिला। वह अपने देश वापस जाकर लोगों को बताएंगी कि किस प्रकार से मुसीबत के समय भी चंडीगढ़ में उन्हें सहारा मिला। जल्द होगी पैगी की वतन वापसी

सोशल वेलफेयर विभाग चंडीगढ़ की डायरेक्टर नवजोत कौर का कहना है कि पैगी भले ही विदेशी मूल की महिला हो, लेकिन विभाग का काम हर महिला और बच्चे को बेहतर माहौल देना है। यही सोचकर हम अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। उम्मीद है कि पैगी जल्द अपने वतन लौटेगी।


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