हरमोहन धवन का आप से चुनाव लड़ना तय, 15 दिन में होगी घोषणा
आम आदमी पार्टी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री हरमोहन धवन को अागामी लोकसभा चुनाव में अपना उम्मीदवार तय कर लिया है। पार्टी जल्द इसकी घोषणा करेगी।
चंडीगढ़ [राजेश ढल्ल]। भाजपा से किनारा कर आप में शामिल हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री हरमोहन धवन का चुनाव लडऩा तय हो गया है। आम आदमी पार्टी ने उन्हें चंडीगढ़ लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार तय कर दिया है। इसकी घोषणा 15 दिन के भीतर पार्टी हाईकमान की ओर से कर दी जाएगी।
पार्टी के अनुसार दिल्ली की सीटों के साथ ही चंडीगढ़ से हरमोहन धवन की घोषणा करने का मन बना लिया गया है। चंडीगढ़ से धवन का अकेला नाम दिल्ली पार्टी हाईकमान को भेजा गया है। आप के स्थानीय संयोजक प्रेम गर्ग का कहना है कि हरमोहन धवन का नाम उन्होंने तय करके पार्टी हाईकमान को कर दिया है। जिस पर सभी स्थानीय नेताओं की सहमति भी मिल गई है। गर्ग का दावा है कि 10 से 15 दिन के बीच में धवन को आफिश्यल उम्मीदवार के तौर पर घोषणा कर दी जाएगी। मालूम हो कि धवन 18 नवंबर को ही आप में शामिल हुए थे। घोषणा के साथ ही धवन अपना चुनाव प्रचार अन्य दलों से पहले ही शहर में शुरू कर देंगे।
जनवरी के पहले सप्ताह में होगी रैली
आप के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के सीएम केजरीवाल की चंडीगढ़ में रैली जनवरी माह में होगी। यहां से चुनाव का जोरो शोरो से प्रचार का शंख फूंक दिया जाएगा। आप का दावा है कि इस रैली में 20 से 25 हजार लोग शामिल होंगे। यह रैली चंडीगढ़ के सेक्टर-25 में होगी। वही पार्टी ने अभी से अपना सगठन भी मजबूत करना शुरू कर दिया है।
एक लाख 8 हजार वोट पड़े थे पिछले चुनाव में
पिछले लोकसभा चुनाव में आप ने शहर में अच्छा प्रदर्शन किया था। उस समय उसके उम्मीदवार गुल पनाग को एक लाख 8 हजार वोट पड़े थे। पार्टी यह मान कर चल रही है कि पिछले चुनाव में पड़े वोट उनके साथ ही है। ऐसे में उन्होंने शहर से दो लाख वोट लेकर जीत दर्ज करने का लक्ष्य रखा है। धवन का शहर में अपना भी वोट बैंक है। धवन का गांव और कालोनियों में जनाधार है। धवन 10 साल बाद अब चुनावी मैदान में उतरने जा रहे हैं। इससे पहले धवन ने साल 2009 में बसपा की टिकट से चुनाव लड़ा था। उस समय धवन को 70 हजार से ज्यादा
वोट मिले थे।
आठवी बार लड़ेंगे चुनाव
अगले साल पूर्व केंद्रीय मंत्री हरमोहन धवन आठवी बार चुनाव लडऩे की उम्मीद है। जबकि अब तक धवन कुल 11 दलों में रह चुके हैं। धवन ने पहला चुनाव 1984 जनता पार्टी से लड़ा था लेकिन हार का सामना करना पड़ा। दूसरा चुनाव 1989 में जनता दल से लड़ा। इस बार जीते और केंद्र में मात्र 4 माह के लिए उड़ायन मंत्री बने। इस दौरान 11 माह तक शहर के सांसद रहे और शहर के लिए काफी कुछ किया। बस उसके बाद धवन कोई भी चुनाव नहीं जीत पाए। साल 1991 में जनता पार्टी (जेपी), 1996 समता पार्टी, 2004 में इनेलो, 2009 में बसपा से चुनाव लड़ा। पिछले लोकसभा चुनाव से भाजपा से टिकट मांगा था लेकिन भाजपा ने धवन-टंडन की लड़ाई के कारण किरण खेर को चुनाव में उतारा था। साल 2001 में कांग्रेस में शामिल हुए। उस समय पवन बंसल को जीतवाने का काम किया। लेकिन यहां से भी लोकसभा चुनाव के बाद अपने आप को किनारा कर लिया।