हरमोहन धवन पर दांव लगा सकती है आप
दिल्ली में सीएम केजरीवाल से हुई धवन की मुलाकात, काग्रेस और भाजपा में बढ़ी राजनीतिक हलचल
बरीन्द्र सिंह रावत, चंडीगढ़ : दीवाली से 2 दिन पहले ही शहर की राजनीति में पटाखे छूट गए। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से शहर के भाजपा नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री हरमोहन धवन की मुलाकात में काग्रेस और भाजपा में हलचल मचा दी है। भाजपा के बागी नेता हरमोहन धवन सोमवार को नई दिल्ली में सीएम अरविंद केजरीवाल से उनके घर पर मिले। धवन की केजरीवाल से इस मुलाकात को आगामी लोकसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। आम आदमी पार्टी हरमोहन धवन पर दांव लगा सकती है। हरमोहन धवन का शहर में अपना वोट बैंक है। मौजूदा समय में हरमोहन धवन को चंडीगढ़ भाजपा ने हाशिए पर किया हुआ है। हरमोहन धवन का चंडीगढ़ भाजपा के नेताओं के साथ छत्तीस का आकड़ा है। चंडीगढ़ भाजपा में सभी महत्वपूर्ण पदों पर पार्टी के प्रेसिडेंट संजय टंडन के समर्थकों का कब्जा है। हरमोहन धवन चंडीगढ़ भाजपा के नेताओं के खिलाफ कई बार खोलकर मोर्चा खोल चुके हैं। गत लोकसभा चुनाव में भी हरमोहन धवन भाजपा के टिकट के लिए सशक्त दावेदार थे। टिकट न मिलने पर नाराज हरमोहन धवन को पार्टी के सीनियर नेताओं ने मनाया था। अब पिछले 4 सालों से पार्टी में पर्याप्त सम्मान न मिलने के कारण हरमोहन धवन अपनी राजनीतिक जमीन अलग से तैयार कर रहे हैं। गुल पनाग दर्ज करवा चुकी हैं दमदार उपस्थिति
सोमवार को अरविंद केजरीवाल के साथ हुई इस मुलाकात को नए राजनीतिक समीकरण से जोड़कर देखा जा रहा है। आम आदमी पार्टी यदि हरमोहन धवन को चंडीगढ़ से लोकसभा चुनाव के लिए मैदान में उतारती है, तो यह भाजपा और काग्रेस दोनों के लिए बड़ी चुनौती होगी। गत लोकसभा चुनाव में भी आम आदमी पार्टी गेम चेंजर की भूमिका में उभरकर सामने आई थी। आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी गुल पनाग ने अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराई थी। पहली बार शहर में काग्रेस और भाजपा को छोड़कर कोई राजनीतिक पार्टी इतनी अधिक वोट लेने में सक्षम रही थी। गुल पनाग के मैदान में उतरने का फायदा भाजपा को मिला था। इसके चलते किरण खेर चुनावी मैदान में विजयी रही थी। काग्रेसी भी संपर्क में
हरमोहन धवन की भाजपा से नाराजगी को काग्रेस भी कैश करने की तैयारी में है। हाल ही में काग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने भी हरमोहन धवन से मुलाकात की थी। यहा तक कि चंडीगढ़ में ओपन प्लेटफार्म पर धवन ने शत्रुघ्न सिन्हा और यशवंत सिन्हा के साथ भाजपा की खुलकर खिलाफत की थी। कॉलोनियों और गावों में वोट बैंक
पूर्व केंद्रीय मंत्री हरमोहन धवन का अधिकाश वोट बैंक शहर की कॉलोनियों और गावों में है। यही वोट बैंक किसी भी राजनीतिक पार्टी के लिए चुनाव में निर्णायक साबित होता है। हरमोहन धवन यदि आम आदमी पार्टी से चुनाव मैदान में उतरते हैं तो भाजपा और काग्रेस को गाव और कॉलोनियों में दिक्कत खड़ी हो सकती है। शहरी इलाकों की तुलना में गावों और कॉलोनियों में वोट प्रतिशत भी अधिक रहता है।
शहर की राजनीति पर हुई चर्चा
हरमोहन धवन के अनुसार अरविंद केजरीवाल से मुलाकात के दौरान शहर की राजनीति पर चर्चा हुई। धवन ने इशारा किया कि वह आने वाले समय में कोई बड़ी राजनीति घोषणा कर सकते हैं। हरमोहन धवन के अनुसार शहर में भाजपा लोगों की अपेक्षाओं पर खरी नहीं उतरी है। शहर की जनता से जो वायदे किए गए थे, उनमें से अधिकाश वायदे अभी भी अधूरे हैं।