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बगावत के चलते रद हुई आप की इसड़ू कांफ्रेंस, खैहरा के तेवर देख पीछे हटे मान

आम आदमी पार्टी की लुधियाना के इसडू में होनेवाली सियासी कांफ्रेंस रद कर दिया गया है। ऐसा बागी नेता सुखपाल सिंह खैहरा के तेवर के कारण किया गया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sun, 12 Aug 2018 09:30 AM (IST)Updated: Sun, 12 Aug 2018 09:04 PM (IST)
बगावत के चलते रद हुई आप की इसड़ू कांफ्रेंस, खैहरा के तेवर देख पीछे हटे मान
बगावत के चलते रद हुई आप की इसड़ू कांफ्रेंस, खैहरा के तेवर देख पीछे हटे मान

चंडीगढ़, [मनोज त्रिपाठी]। आम आदमी पार्टी की पंजाब इकाई में बगावत के बाद इसड़ू की सियासी कांफ्रेंस पर भी ग्रहण लग गया है। कान्‍फेंस में टकराव और बागी नेता सुखपाल सिंह खैहरा के तेवर को देखते हुए इसे रद कर दिया गया है। पहले कोशिश थी कि इसड़ू में सफल सियासी कांफ्रेंस करके भगवंत मान व दिल्ली गुट खैहरा गुट को झटका देगा। खैहरा गुट ने भी एेलान कर दिया कि इसड़ू की कांफ्रेंस में वह भाग लेंगे और आप के मंच से ही कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। खैहरा गुट के एलान के बाद मान को आगे करके दूसरे दिन पार्टी ने खैहरा गुट को चुनौती दी थी कि पार्टी अपने दम पर कांफ्रेंस करेगी। लेकिन, अब दोनों गुट पीछे हट गए हैं।

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भगवंत मान और सुखपाल खैहरा के गुटों मेंं थी टकराव की आशंका

बता दें आप विधायकों के नेता के तौर पर तैनात किए गए सुखपाल सिंह खैहरा को बीते महीने 26 जुलाई को दिल्ली की टीम ने नेता प्रतिपक्ष के पद पर से हटा दिया था। इसके बाद खैहरा ने सात विधायकों के साथ अपना अलग गुट बनाकर पंजाब को खुद मुख्तियारी देने की मांग करके पार्टी से बगावत कर दी थी। इसके बाद उन्होंने 2 अगस्त को बठिंडा में कन्वेंशन करके छह फैसले पास करवा लिए।

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इनमें सबसे अहम फैसला यह है कि पंजाब की टीम को दिल्ली की टीम खुद मुख्तियारी दे। इसके बाद से ही आप पंजाब व दिल्ली के लड़ाई में पिस रही थी। विधायक कंवर संधू ने भी आक्रामक रुख अख्तियार करके टिकटों की खरीद फरोख्त की पोल खोली है।

शनिवार को गढ़शंकर में खैहरा ने रैली करके एक बार फिर यह जताने की कोशिश की पंजाब में उनकी पकड़ पार्टी पर लगातार बढ़ती जा रही है। इसकी समीक्षा करने के बाद अब मान गुट ने अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए इसड़ू में सियासी कांफ्रेंस न करने का फैसला किया है।

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अगर कांफ्रेंस होती तो यह तय था कि खैहरा गुट मंच पर आ जाता और इन हालातों में मान गुट 13 विधायकों के साथ भी खैहरा से कमजोर दिखाई देता। दिल्ली की टीम के खिलाफ पंजाब में कार्यकर्ताओं में पहले से ही काफी रोष है। इन हालातों में मान गुट नहीं चाहता है कि किसी भी रूप में दोनों एक साथ हों और शक्ति प्रदर्शन में वह कमजोर पड़ें।

बैंस ब्रदर्स को लेकर भी पीछे हटे मान

पार्टी में इस बाबत खासी सियासत हो रही है कि आखिरकार घोषणा के बाद अचानक से इसड़ू की कांफ्रेंस न करने का फैसला क्यों लिया गया। हालांकि अभी तक इस बारे में पार्टी की तरफ से स्पष्ट तौर पर कोई तर्क नहीं दिया गया है, लेकिन लुधियाना में लोक इंसाफ पार्टी के प्रधान सिमरजीत सिंह बैंस की पकड़ के मद्देनजर मान गुट ने फैसला किया है। उसे डर था कि इसड़ू की कांफ्रेंस में अगर खैहरा गुट मंच पर आ गया और कार्यकर्ताओं की भीड़ में बैंस ब्रदर्स के समर्थक भी घुस आए तो खैहरा गुट को मंच पर हावी होने से रोक पाना मुश्किल होगा।

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