पंजाब में आम आदमी क्लीनिक कर रहा खास काम, समय पर बड़ी बीमारी का पता लगाकर बचा रहा जान
राज्य में आम आदमी क्लीनिक की सफलता के बारे में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि आम आदमी क्लीनिक को खोलने का उद्देश्य केवल छोटी-मोटी बीमारियों का इलाज करवाना ही नहीं बल्कि समय पर बड़ी बीमारी का पता लगाना भी है। इसीलिए क्लीनिक में 38 प्रकार के टेस्ट फ्री किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि आम तौर पर देखा जाता हैं कि लोग टेस्ट करवाने से डरते हैं।
डिजिटल टीम, चंडीगढ़। पंजाब सरकार द्वारा राज्य में खोले गए 872 आम आदमी क्लीनिक के सकारात्मक परिणाम सामने आने शुरू हो गए हैं। आम आदमी क्लीनिक में इलाज के लिए आने वाले मरीजों की जांच में पहले चरण में ही बीमारियों को पकड़ा जा रहा है। जिससे बीमारी का पता समय रहते ही चल जा रहा है। पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद पिछले 2 वर्षों में 2 करोड़ से अधिक लोगों ने आम आदमी क्लीनिक में इलाज करवाया। पहली बार इलाज करवाने आए 14.6 फीसदी बुजुर्गों को यह पता ही नहीं था कि वह हाई ब्लड प्रेशर के मरीज थे जबकि 17 फीसदी लोगों को पहली बार पता चला कि उन्हें सांस की बीमारियां हैं।
राज्य में आम आदमी क्लीनिक की सफलता के बारे में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि आम आदमी क्लीनिक को खोलने का उद्देश्य केवल छोटी-मोटी बीमारियों का इलाज करवाना ही नहीं बल्कि समय पर बड़ी बीमारी का पता लगाना भी है। इसीलिए आम आदमी क्लीनिक में 38 प्रकार के टेस्ट फ्री किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि आम तौर पर देखा जाता हैं कि लोग टेस्ट करवाने से डरते हैं। इस डर के पीछे कई कारण होते हैं। एक तो आर्थिक बोझ व्यक्ति पर पड़ता है, दूसरा व्यक्ति सोचता हैं कि छोटी सी तो बात है अपने आप ठीक हो जाएगी या उसे टेस्ट करवाने के लिए शहर में जाना होता है। जबकि हकीकत में अगर पहले चरण में ही बीमारी को पकड़ लिया जाए तो इसका इलाज करना आसान हो जाता है। कई बार टेस्ट न करवाने की वजह से बीमारी बड़ी हो जाती है।
बुजुर्गों में समय रहते हो रही बीमारी की पहचान
आम आदमी क्लीनिक में इलाज करवाने वाले व्यक्ति का डाटा इलेक्ट्रानिक रूप से मेनटेन किया जाता है। इसके पीछे पंजाब सरकार की सोच है कि उनके पास इस बात का पूरा डाटा रहे कि किस व्यक्ति ने कब-कब आम आदमी क्लीनिक में इलाज करवाया और उसे क्या बीमारी थी। ताकि कभी बड़ी बीमारी होने पर डाटा का सकारात्मक उपयोग किया जा सके। आम आदमी क्लीनिक में किए जा रहे टेस्टों में यह बात निकल कर सामने आई कि 14.6 फीसदी बुजुर्ग हाई ब्लड प्रेशर के मरीज थे। जबकि 8.5 फीसदी शुगर के मरीज पाए गए। 3 फीसदी को गठिया थी तो 4.2 फीसदी लोगों में सांस की बीमारियां।
38 प्रकार के टेस्ट और 80 प्रकार की दवाएं मुफ्त
आम आदमी क्लीनिक में सबसे ज्यादा 55 फीसदी महिलाओं ने इलाज करवाया। जांच के दौरान महिलाओं में भी हाई ब्लड प्रेशर और शुगर की बीमारी निकली जबकि खून की कमी (एनीमिया) के मामले भी जांच के दौरान सामने आए। कुल मिलाकर आम आदमी क्लीनिक में इलाज करवाने वाले 2 करोड़ लोगों में से 17 फीसदी यानी 3.20 लाख के करीब वह मरीज सामने आएं जिन्हें सांस की बीमारियां थी जिन्हें बड़े अस्पतालों में इलाज के लिए भेज दिया गया। बता दें कि आम आदमी क्लीनिक में 38 प्रकार के टेस्ट और 80 प्रकार की दवाएं मुफ्त में दी जाती हैं।