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    श्री आनंदपुर साहिब में सिख गौरव का संगम, विरासती मार्ग और भाई जैता जी स्मारक से संवर रही विरासत

    Updated: Tue, 02 Dec 2025 12:11 PM (IST)

    पंजाब सरकार श्री आनंदपुर साहिब को धार्मिक पर्यटन का केंद्र बनाने के लिए विरासती मार्ग और शहीद बाबा जीवन सिंह स्मारक का निर्माण कर रही है। 25 करोड़ रुपये से विरासती मार्ग बन रहा है, जो तख्त श्री केसगढ़ साहिब को जोड़ेगा। 29 करोड़ रुपये के शहीद बाबा जीवन सिंह स्मारक में भाई जैता जी के जीवन और बलिदान को दर्शाया गया है। मुख्यमंत्री मान ने इसे विरासत को सहेजने का प्रयास बताया।

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    डिजिटल टीम, चडीगढ़। पंजाब के पवित्र नगर श्री आनंदपुर साहिब, जहां 1699 में दसवें पातशाह श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी, एक बार फिर इतिहास के नए अध्याय का साक्षी बन रहा है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अगुवाई में पंजाब सरकार धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों को नया जीवन देने के लिए दो बड़े प्रोजेक्टों पर कार्य कर रही है विरासती मार्ग और शहीद बाबा जीवन सिंह (भाई जैता जी) स्मारक।

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    करीब 25 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा विरासती मार्ग तख्त श्री केसगढ़ साहिब जाने वाले रास्ते को सफेद संगमरमर से सुसज्जित करेगा। 580 मीटर लंबे इस मार्ग को कलात्मक पेंटिंगों और स्थापत्य कला से इस तरह सजाया जाएगा कि श्रद्धालु खालसा पंथ की पूरी ऐतिहासिक यात्रा का अनुभव कर सकें। मुख्यमंत्री मान ने कहा कि यह प्रयास आनंदपुर साहिब को “धार्मिक पर्यटन का वैश्विक केंद्र” बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

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    इसके साथ ही, राज्य सरकार ने लगभग 29 करोड़ रुपये की लागत से बने बाबा जीवन सिंह (भाई जैता जी) स्मारक को जनता को समर्पित किया है। स्मारक की पांच गैलरियां आधुनिक तकनीक से सुसज्जित हैं, जिनमें भाई जैता जी के जीवन, उनके अद्भुत साहस और गुरु तेग बहादुर जी की शहादत से जुड़ी ऐतिहासिक घटनाओं को भावनात्मक रूप में दर्शाया गया है। एक विशेष दृश्य में दिखाया गया है कि कैसे भाई जैता जी ने गुरु जी का पवित्र सिर दिल्ली से आनंदपुर साहिब तक लाकर अपना सर्वोच्च बलिदान दिया और गुरु गोबिंद सिंह जी ने उन्हें “रंगरेटा गुरु का बेटा” की उपाधि दी।

    मुख्यमंत्री मान ने कहा, “श्री आनंदपुर साहिब की यह पवित्र धरती न केवल पंजाब, बल्कि पूरे भारत के इतिहास को नया मोड़ देने वाली रही है। यह हमारा सौभाग्य है कि हम इसकी विरासत को और उज्ज्वल बना रहे हैं।” इन परियोजनाओं के माध्यम से पंजाब सरकार न केवल अपनी ऐतिहासिक जड़ों को सहेज रही है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए गौरव, प्रेरणा और पहचान की अमर धरोहर तैयार कर रही है।