नोटिफिकेशन जारी हाेने के बाद भी नहीं बंद हुए पेराफेरी के 91 स्कूल Chandigarh News
इस साल अगस्त में पेराफेरी स्कूलों को लेकर तत्कालीन डिस्टिक्ट एजुकेशन ऑफिसर अनुजीत कौर ने एक टीम का गठन किया था जिसने इन स्कूलों का दौरा किया।
चंडीगढ़, जेएनएन। शहर में अवैध रूप से चल रहे गांव और कॉलोनियों के स्कूलों को बंद करने के लिए शिक्षा विभाग ने ऐडी चोटी का जोर लगाया हुआ है, लेकिन इन सबके बावजूद अवैध स्कूल बंद नहीं हुए हैं। अवैध स्कूलों को लेकर कई सालाें से निरीक्षण अाैर बातचीत का दौर चल रहा था।
इस साल अगस्त में पेराफेरी स्कूलों को लेकर तत्कालीन डिस्टिक्ट एजुकेशन ऑफिसर अनुजीत कौर ने एक टीम का गठन किया था, जिसने इन स्कूलों का दौरा किया। उसके बाद से अवैध रूप से चल रहे स्कूलों को लेकर शिक्षा विभाग द्वारा समय-समय पर कई नोटिफिकेशन जारी किए गए, विभिन्न विभागों को लेटर लिखे गए, लेकिन हालात जस की तस है।
25 नवंबर को तत्कालीन डीईओ ने लिखा था पत्र
तत्कालीन डिस्ट्रिक्ट एजुकेशन ऑफिसर अनुजीत कौर ने पेराफेरी के स्कूलों को लेकर नगर निगम के कमिश्नर को लेटर लिखा था। उस लेटर में उन्होंने पेराफेरी में चल रहे स्कूलों पर जल्द कार्रवाई करने की मांग उठाई थी। उन्होंने निगम कमिश्नर और एस्टेट ऑफिस को लिखित में इस बात की मांग की थी कि क्या वह पेराफेरी में चल रहें स्कूलों को एनओसी दे सकते है या नहीं।
टीम ने मांगा था 3 दिन का समय
पेराफेरी के स्कूलों की जानकारी देने और उनके निरीक्षण के लिए गठित टीम ने तीन दिनों का समय मांगा था, लेकिन अब तो इस बात को दो माह हो चुके हैं, न तो रिपोर्ट का पता है और न ही जानकारी का। आलम यह है कि अवैध रूप से चल रहे स्कूल जमकर अभिभावकों की जेब काट रहे हैं। निगम और एस्टेट ऑफिस के सदस्यों ने पेराफेरी के स्कूलों की कोई भी जानकारी नहीं दी है।
वीआइपी एरिया के स्कूलों को नहीं किया शामिल
तत्कालिन शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में गत नवंबर माह में एक मीटिंग हुई थी। उस दौरान विभाग की जानकारी में 119 गैर मान्यता प्राप्त स्कूल शहर में चल रहे थे और इंस्पेक्शन के दौरान 28 स्कूल बंद मिले। अभी फिलहाल 91 अवैध स्कूल मिले हैं, जो ऐसी जमीन पर चल रहे हैं, जो एजुकेशनल पर्पज के लिए नहीं है। ये रेजिडेंशियल बिलिंडग में चल रहे हैं। वहीं डिपार्टमेंट पर ये भी आरोप लग रहे हैं कि इस लिस्ट में वीआइपी एरिया में चल रहे स्कूलों को शामिल नहीं किया गया है।
अभी स्कूलों में बच्चे पढ़ रहें हैं। हमने अपनी ओर से सभी अभिभावकों को यह निर्देश दिए थे कि वह अपने बच्चों को दूसरे स्कूलों को दाखिला दे। इसके लिए हमने शहर के दस स्कूलों में एडमिशन प्रक्रिया भी शुरू की थी। जब तक स्कूलों में बच्चे पढ़नें आना बंद नहीं करते तब तक स्कूल बंद नहीं हो पाएंगे।
-रूबिंदरजीत सिंह बराड़, डायरेक्टर, स्कूल एजुकेशन