पुलिस के हत्थे चढ़ा 8वीं फेल लुटेरा, कार्ड क्लोनिंग के जरिये पढ़े लिखों से ठग चुका है लाखों Chandigarh News
बुजुर्ग व कम पढ़े-लिखे लोगों के एटीएम कार्ड क्लोन कर लाखों रुपये की ठगी मारने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को पुलिस की साइबर क्राइम सेल ने गिरफ्तार किया है।
जेएनएन, मोहाली। बुजुर्ग व कम पढ़े-लिखे लोगों के एटीएम कार्ड क्लोन कर लाखों रुपये की ठगी मारने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को पुलिस की साइबर क्राइम सेल ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपितों की पहचान दमतान साहिब जींद (हरियाणा) निवासी साहिल, जतिंदर व ओपिंदर सिंह के रूप में हुई है। जबकि इस गैंग के दो सदस्य अभी फरार हैं। उन्हें पकडऩे के लिए छापेमारी की जा रही है। पुलिस ने शिकायतों के आधार पर पहले अज्ञात युवकों के खिलाफ थाना फेज-8 में मामला दर्ज किया था। उक्त आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद उन्हें इस मामले में नामजद किया गया है। आरोपितों को कोर्ट में पेश कर पुलिस ने चार दिन का रिमांड हासिल किया है। पुलिस का कहना है कि यह गिरोह अब तक 100 वारदातों को अंजाम दे चुके हैं। पुलिस ने ऐसे मोहाली के 60 मामले हल करने का दावा किया है।
डिवाइस राइटर से चोरी करते थे सूचनाएं, ब्लॉक एटीएम कार्ड को करते थे री-राइड
मामले की जांच कर रही डीएसपी साइबर क्राइम रुपिंदरदीप कौर ने बताया कि आरोपितों से एक कार्ड रीडर डिवाइस, टैब व कार्ड राइटर बरामद हुआ हैं, जोकि वारदात को अंजाम देने के लिए प्रयोग किए जाते थे। उक्त आरोपित बुजुर्गों, महिलाओं व कम पढ़े-लिखे लोगों को अपना टारगेट बनाते थे। जब कोई बुजुर्ग या महिला एटीएम से पैसे निकलवाने के लिए जाता, उसकी मदद के बहाने से वे उसका एटीएम कार्ड रीडर डिवाइस (क्लोन करने वाली मशीन) में स्वाइप कर लेते थे। साथ ही उसका पासवर्ड भी देखकर नोट कर लेते। फिर सारा डाटा ब्लू टूथ के जरिए टैब में शिफ्ट कर टैब से पूरी सूचना कार्ड राइटर में पहुंच जाती थी। बाद में वह डुप्लीकेट एटीएम कार्ड बनाकर कार्ड राइटर से पूरी सूचना को री-राइट कर पैसे निकाल लेते थे। साइबर पुलिस के अनुसार आरोपित केवल एटीएम कार्ड ही नहीं बल्कि शॉपिंग कार्ड, शॉपर स्टॉप व मॉल में इस्तेमाल होने वाले अन्य कार्ड भी क्लोन करते थे।
पढ़े-लिखे लोगों को शिकार बनाता था गिरोह
पुलिस का दावा है कि इस गैंग का किंग पिन ओपिंदर सिंह है। हालांकि गैंग के सभी सदस्य 8वीं -10वीं तक पढ़े लिखे हैं, लेकिन 8वीं फेल ओपिंदर के कारनामे किसी डिग्री होल्डर से कम नहीं था। जिस तरह के डिवाइस उससे बरामद हुए हैं, उसे कोई पढ़ा लिखा इंसान भी आसानी से समझ ना पाए। आरोपित डूप्लीकेट कार्ड बनाकर रात 12 बजे से पहले खाते से रकम निकालते और 12 बजने पर अगला दिन शुरू होते ही 12.10 मिनट पर दोबारा से खाते से पैसे निकाल लेते थे।
अब तक करीब सौ वारदातों को दे चुके हैं अंजाम
पुलिस ने बताया कि आरोपित मोहाली, लुधियाना, फतेहगढ़ साहिब, रुपनगर , पटियाला , हरियाणा, हिमाचल व दिल्ली जैसे शहरों में अब तक 100 वारदातों को अंजाम दे चुके हैं। उक्त आरोपितों की गिरफ्तारी के साथ मोहाली जिले के 60 से अधिक मामले हल हुए हैं। आरोपितों से एक ऐसा एटीएम कार्ड मिला है, जोकि उन्होंने करीब एक साल पहले क्लोन किया था और उस एटीएम कार्ड का इस्तेमाल अब तक करते आ रहे थे।
डेढ़ साल से सक्रिय था गिरोह, वारदात के बाद भाग जाते थे गांव
डीएसपी साइबर क्राइम रुङ्क्षपदरदीप कौर ने बताया कि आरोपित पिछले डेढ़ साल से इस धंधे में सक्रिय थे। केवल मोहाली जिले में वह डेढ़ साल में एटीएम कार्ड क्लोन कर अब तक 22 लाख रुपये निकाल चुके हैं। यह पैसा उन्होंने कहां इस्तेमाल किया उसकी जानकारी रिमांड के दौरान ली जानी है। वहीं एक बात सामने आई है कि आरोपित वारदात को अंजाम देने उपरांत अपने अपने गांव भाग जाते थे।
दिल्ली से खरीदे थे एटीएम कार्ड
साइबर पुलिस ने बताया कि आरोपितों से डूप्लीकेट कार्ड तैयार करने वाली 2 मशीनें, 18 जाली एटीएम, एक आइपैड व एक स्विफ्ट कार बरामद हुई है। आरोपितों ने कुछ कार्ड दिल्ली में एक चोर से खरीदे थे और कुछ कार्ड ऐसे थे जोकि ब्लॉक होने के बाद उन्होंने अपने जानकारों से ले लिए थे।
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