निःशुल्क मास्क बना रही हैं ये दादी मां... तैयार करने के बाद गरीबों में बांट देती हैं...
88 वर्षीय भूपिंदर कौर बेदी कोरोना वायरस से जूझ रहे लोगों के लिए घर से ही मास्क तैयार कर रही हैं। रोजाना सुबह वह करीब 150 मास्क तैयार करती हैं जिन्हें उनका बेटा बांट कर आता है।
चंडीगढ़ [शंकर सिंह]। घर में तीन बेटे, तीनों बहुएं और एक पौत्र डॉक्टर हैं लेकिन इस बुजुर्ग का सफर कुछ अलग है। 88 वर्षीय भूपिंदर कौर बेदी कोरोना वायरस से जूझ रहे लोगों के लिए घर से ही मास्क तैयार कर रही हैं। मोहाली फेज एक निवासी भूपिंदर कौर इन दिनों अपने इसी मिशन के लिए चर्चा में है। वह इन दिनों रोजाना करीबन 150 मास्क बना रही हैं। घर में अपनी 70 साल पुरानी सिलाई मशीन में मास्क तैयार कर रही बुजुर्ग ने कहा कि कोरोना वायरस को लेकर आसपास डर का माहौल है। लेकिन हमें ही इसके लिए कुछ करना है, ऐसे में मैंने ये रास्त चुना, जहां गरीबों के लिए निशुल्क मास्क बनाना शुरू किया।
गुरुद्वारों और गांव में बांटती हैं मास्क...
उन्होंने कहा कि वह रोजाना सुबह जल्दी उठकर मास्क बनाने में जुट जाती हैं। पहले इसके लिए लॉकडाउन के दौरान कपड़ा नहीं मिल रहा था। ऐसे में घर में पड़े पुराने कॉटन के कपड़ों को काट कर मास्क बनाने का काम शुरु किया। इसमें उनकी बहू ने भी मदद की जो खुद एक पेडियाट्रिक सर्जन है। करीबन 150 मास्क बनाने का टास्क हर दिन का रहता है। मास्क बनाने के बाद रोजाना उनके पुत्र डॉ. एचएस बेदी इन्हें विभिन्न गुरुद्वारों और गांव में निःशुल्क बांट आते हैं। इसमें सब्जी वाले, दूध वाले इत्यादि लोग भी शामिल हैं। मुझे खुशी होती है कि मैं इस मुश्किल वक्त में भी लोगों की मदद कर रही हूं। काम को लेकर अपने अंदर एक अलग ऊर्जा महसूस करती हूं, जिसकी वजह से रोजाना इस कार्य में जुट जाती हूं।
बड़ी घटनाएं देखी हैं इससे भी पार हो जाएंगे..
88 वर्षीय भूपिंदर कौर बेदी ने कहा कि उन्होंने देश विभाजन से लेकर कई युद्ध देखे हैं। उनका मानना है कि मुश्किल वक्त थोड़े ही समय के लिए होता है। ये भी थोड़े ही वक्त तक रहेगा, ऐसे में हमें पूरी हिम्मत से आगे बढ़ना है। हर किसी की मदद करनी है। उम्मीद है कि मेरी छोटी सी कोशिश इस लड़ाई को जीतने में मदद करेगी।