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पंजाब की 82 फीसदी आबादी हेल्थ इंश्योरेंस के दायरे में, सरकार ने किया समझौता

पंजाब की 82 फीसद अाबादी अब स्‍वास्‍थ्‍य बीमा योजना के त‍हत कवर होंगे। राज्‍य सरकार का इस संबंध में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के लिए केंद्र से समझौता हुआ है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 17 Oct 2018 06:09 PM (IST)Updated: Wed, 17 Oct 2018 06:09 PM (IST)
पंजाब की 82 फीसदी आबादी हेल्थ इंश्योरेंस के दायरे में, सरकार ने किया समझौता
पंजाब की 82 फीसदी आबादी हेल्थ इंश्योरेंस के दायरे में, सरकार ने किया समझौता

जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जिसकी 82 फीसदी आबादी हैल्थ इंश्योरेंस से कवर हो गई है। पंजाब सरकार ने 14.96 लाख परिवारों को 'प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना' के अंतर्गत स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ देने के लिए केंद्र सरकार से समझौता किया है। अब पंजाब के 43 लाख योग्य परिवारों का प्रति वर्ष पांच लाख रुपये का स्‍वास्‍थ्‍य बीमा किया जाएगा। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस कदम को ऐतिहासिक बताया है। उन्होंने कहा इस योजना से हर जरूरतमंद व्यक्ति को स्वास्थ्य सेवाएंं मुहैया होंगी।

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पंजाब सरकार अपने स्तर पर भगत पूरन सिंह स्वास्थ्य बीमा योजना चला रही है। इसके अधीन 28.20 लाख परिवारों को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाया जा रहा था। जिसमें नीले कार्ड, जे -फार्म, निर्माण श्रमिक, छोटे व्यापारियों के परिवार शामिल हैं। अब स्वास्थ्य बीमा योजना के अधीन कुल 43.16 लाख परिवारों को कवर किया जाएगा। इसमें भगत पूरन सिंह स्वास्थ्य बीमा योजना के अधीन आने वाले 20.30 लाख नीले कार्ड वाले परिवार भी शामिल हैं।

बता दें कि 3 अक्टूबर को हुई पंजाब कैबिनेट की मीटिंग में यह फैसला लिया गया कि राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही भगत पूरन सिंह स्वास्थ्य बीमा योजना को भी प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में शामिल कर लिया जाए। इससे अब राज्य के योग्य 43 लाख परिवारों को 50 हजार प्रति वर्ष की जगह पर पांच लाख रुपये प्रति वर्ष  की स्वास्थ्य  बीमा सेवाएं प्राप्त हो सकेंगी। वहीं भगत पूरन सिंह स्वास्थ्य बीमा योजना को 31 अक्टूबर 2018 से बढ़ा कर 31 दिसंबर 2018 तक करने का भी फैसला लिया गया।

आज 'प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के लिए समझौता पत्र पर मुख्यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह की मौजूदगी में पंजाब सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव सतीश चंद्रा और सीईओ आयुष्मान भारत, डाॅ. इंदू भूषण ने दस्‍तखत किए। इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्म मोहिंदरा ने सीमावर्ती राज्य का हवाला देते हुए कहा कि केंद्र सरकार 90:10 के अनुपात से इस योजना को लागू करे।

इस स्कीम की शुरुआत 1 जनवरी 2019 को होगी। इसमें 2011 की सामाजिक आर्थिक जाति गणना के अनुसार 14.96 लाख परिवारों को योग्य माना गया है। इस स्कीम के अधीन होने वाले खर्च में भारत सरकार और राज्य सरकार का 60:40 के अनुपात का योगदान होगा। इससे राज्य सरकार के लगभग 65 करोड़ रुपये और केंद्र सरकार के 97 करोड़ रुपये का वार्षिक खर्च होगा। योजना को 1 जनवरी से लागू करने से पहले तीन सरकारी अस्पतालों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चलाया जाएगा।

योजना के तहत 5.66 लाख जे फार्म धारक किसान, 1.22 लाख निर्माण श्रमिक और 1.02 लाख छोटे व्यापारियों के परिवारों को स्वास्थ्य सेवाएंं मुहैया करवाई जाएंगी। इसके लिए पंजाब मंडी बोर्ड के 62 करोड़, निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड के 13 करोड़ और कर व आबकारी विभाग के 11 करोड़ ख़र्च होंगे। इसके साथ पंजाब सरकार  स्वास्थ्य बीमा योजनाओं पर कुल 285 करोड़ रुपये का ख़र्च करेगी।

राज्य के 61 लाख परिवारों में से 43.16 लाख परिवारों को पांच लाख रुपये की कैशलेस और मुफ्त इलाज की स्वास्थ्य सेवाएंं मुहैया होंगी। यह राज्य की 70 फीसद आबादी बनती है। यदि इसमें राज्य केंद्र सरकार और रक्षा विभाग के कर्मचारियों को मिलने वाली सरकारी स्कीमों की सहूलतों को शामिल कर लिया जाए तो यह संख्या 82 प्रतिशत तक पहुंच जाती है।


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