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कागजों में ब्लैक स्पॉट घोषित कर दिए, जमीनी स्तर पर कार्रवाई नहीं

कागजों में 18 ब्लैक स्पॉट घोषित।

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Jun 2018 01:00 PM (IST)Updated: Fri, 15 Jun 2018 01:00 PM (IST)
कागजों में ब्लैक स्पॉट घोषित कर दिए, जमीनी स्तर पर कार्रवाई नहीं
कागजों में ब्लैक स्पॉट घोषित कर दिए, जमीनी स्तर पर कार्रवाई नहीं

कुलदीप शुक्ला, चंडीगढ़

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सिटी ब्यूटीफुल कहे जाने वाले चंडीगढ़ की सड़कें शहर की तरफ ब्यूटीफुल नहीं रही। इन पर जरा संभलकर चलना होगा। जरा सा ध्यान हटने से दुर्घटना घट सकती है। चंडीगढ़ पुलिस ने हादसों को ध्यान में रख ऐसी सड़कों का सर्वे किया और 18 ऐसे प्वाइंट्स की रिपोर्ट तैयार की जो सबसे ज्यादा खतरनाक है। इन्हें ब्लैक प्वाइंट्स एक्सीडेंट प्रोन एरिया के नाम से जाना जाता है।

यह सर्वे हर वर्ष सड़क हादसों के आंकड़ों और हादसे की वजह को रिव्यू करके तैयार किए जाते हैं। साल 2016 के रिकार्ड बुक व स्थान के आधार पर साल 2017 में इनका सर्वे कर ब्लैक स्पॉट तैयार किया गया था। हालांकि, जमीनी स्तर पर इन स्थानों पर होने वाली अतिरिक्त सुविधाओं की कमी नजर आती है। जबकि दुर्घटना के आकड़ों से प्वाइंट्स की पहचान होने के बाद हादसे की वजह वाली खामियों को दूर किया जाना चाहिए, जिससे हादसे होते हैं। इसके अलावा सभी जगह स्पेशल नाकेबंदी, अलर्ट बोर्ड, साइन लाइट्स बोर्ड लगाया जाना चाहिए। दैनिक जागरण इन 18 प्वाइंट्स को सिलसिले वार आपको बताएगा, ताकि पुलिस और प्रशासन किसी सड़क को सिर्फ जानलेवा का टैग देकर न छोड़ दे। ये हैं शहर के जानलेवा ब्लैक स्पॉट्स

1- ट्रासपोर्ट लाइट प्वाइंट

2- शास्त्री नगर लाइट प्वाइंट

3- रेलवे लाइट प्वाइंट

4- कलाग्राम लाइट प्वाइंट

5- एयरपोर्ट लाइट प्वाइंट

6- हल्लोमाजरा लाइट प्वाइंट

7- पोट्रीफार्म चौक

8- ट्रिब्यून चौक

9- कालीबारी लाइट पॉइंट

10-46-47-48-49 लाइट प्वाइंट

11- 45-46-49-50 लाइट प्वाइंट

12- सेक्टर-25-38 लाइट प्वाइंट

13- सेक्टर-38-40 लाइट प्वाइंट

14- हाउसिंग बोर्ड लाइट प्वाइंट

15- जीरीमंडी चौक

16- पेप्सी टर्न

17- आईएसबीटी-43 फ्रंट साइड

18- 44-45-50-51 लाइट प्वाइंट सुरक्षा व्यवस्था जीरो

ब्लैक स्पॉट घोषित सेक्टर-25-38 और सेक्टर-38-40 दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र का जायजा लिया गया। हालात ऐसे हैं कि कागजों में एक्सीडेंट प्रोन प्वाइंट्स घोषित होने के बावजूद सुरक्षा व्यवस्था जीरो है। वाहन चालकों की मनमानी के कारण समस्या बढ़ती जा रही है। मनमर्जी से रेड लाइट जंप, कोई रोकने वाला नहीं

सेक्टर-25-38 लाइट प्वाइंट डड्डूमाजरा, मलोया, धनास रोड, सारंगपुर रोड, सेक्टर-25, सेक्टर-37, 38 और मध्यमार्ग के सेक्टरों में निकलने का रास्ता है। वहा पर ना दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र का साइन बोर्ड, ना रेडियम का साकेतिक, ना कोई अनाउसमेंट सुविधा, ना नाकेबंदी है। चौराहें पर लाइटे लगी होने के बावजूद वाहन चालक मनमर्जी रेड लाइट जंप कर एक-दूसरे से टकराते-बचते निकल रहे हैं। साल 2016 में घोषित इन ब्लैक प्वाइंट्स पर कितने हादसे-

कलाग्राम लाइट प्वाइंट = 10

पोल्ट्री फार्म चौक = 10

सेक्टर 45/46/49/50 लाइट प्वाइंट = 8

एयरपोर्ट लाइट प्वाइंट = 7

हल्लोमाजरा लाइट प्वाइंट = 6

सेक्टर 46/47/48/49 लाइट प्वाइंट = 6

हाउसिंग बोर्ड लाइट प्वाइंट = 6 हर साल बदलते हैं ये प्वाइंट्स

एक्सीडेंट प्रोन प्वाइंट्स हर साल बदलते है और इनकी पहचान कर पुलिस विभाग प्रशासन को सौंप देता है। इसके बाद बाकी के काम प्रशासन और इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट का होता है। प्राथमिक तौर पर खानापूर्ति करने से एक्सीडेंट्स पर लगाम नहीं लगाई जा सकती है। चंडीगढ़ में हिट एंड रन के मामले में काफी तेजी से बढ़ने लगे है।

-हरमन सिद्धू, अराइव सेफ के संस्थापक। लगातार काम में जुटा है प्रशासन

इंजीनिय¨रग विभाग की ओर से एक टीम ब्लैक स्पॉट्स के सर्वे के लिए बनी है। जो सभी जगह जाकर हादसा होने वाले कारणों में फेरबदल करने का काम करती है। जैसे कही से स्लिप रोड निकालना, यू-टर्न सड़क बंद करना व अन्य होता है। इन प्वाइंट्स पर भी प्रशासन की ओर से लगातार काम किया जा रहा है।

-मुकेश आनन्द, चीफ इंजीनियर, प्रशासन।


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