लाल डोरे के बाहर जमीन अलाट करने पर शालीमार एस्टेट को लौटाने होंगे 6.45 लाख
गैर कानूनी ढंग से लोगों को जमीन अलाट करने के मामले में उपभोक्ता आयोग ने सेक्टर-8 स्थित शालीमार एस्टेट को 6.45 लाख की राशि लौटाने का आदेश दिया है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : गैर कानूनी ढंग से लोगों को जमीन अलाट करने के मामले में उपभोक्ता आयोग ने सेक्टर-8 स्थित शालीमार एस्टेट को 6.45 लाख की राशि लौटाने का आदेश दिया है। आयोग ने यह फैसला सेक्टर-46 निवासी माया रानी की शिकायत पर लिया है। इसके अलावा बिल्डर पर उपभोक्ता को मानसिक परेशान करने के लिए 50 हजार हर्जाना और मुकदमेबाजी का खर्च 15 हजार रुपये जमा कराने को कहा है। शालीमार पर गैर कानूनी ढंग से लाल डोरे के बाहर की जमीन लोगों को अलाट करने पर यह आदेश दिया है। शिकायतकर्ता ने आयोग को बताया कि उन्होंने शालीमार एस्टेट से छह अप्रैल 2004 को गांव सारंगपुर में 900 वर्ग फीट का भूखंड लिया था। इसका सौदा 10.80 लाख में तय हुआ और इसके लिए बिल्डर को 45 हजार रुपये की राशि पहले ही जमा करवा दी थी। इसके बाद शिकायतकर्ता को 40 फीसद शेष राशि 15 साल के भीतर 7.5 ब्याज के साथ ईएमआइ के जरिए जमा किया जाना था।
पजेशन को लेकर सात बार की मेल, नहीं दिया एक का भी जवाब
शिकायतकर्ता ने बताया कि भूखंड को लेकर बिल्डर को करीब सात बार मेल की, लेकिन एक का भी जवाब नहीं दिया। फ्लैट के आवंटन के संबंध में बिल्डर के आफिस का दौरा किया। बिल्डर ने उन्हें बताया कि पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित मुकदमे के कारण कब्जा नहीं दिया जा सका। उसके बाद भी करीब चार साल तक बिल्डर शिकायतकर्ता को लटकाता रहा। बिल्डर का जवाब- प्रशासन के आदेश पर हटाए गए निर्माण
आयोग की ओर से भेजे गए लीगल नोटिस के जवाब में शालीमार एस्टेट ने जवाब दिया कि प्रशासन ने अवैध रूप से उसकी परियोजना के खिलाफ कार्यवाही शुरू की और निर्माण को हटाने के निर्देश जारी किए थे। बिल्डर ने कहा कि यह मामला विचाराधीन है, लेकिन आयोग ने बिल्डर की कोई भी दलील नहीं मानी और उसे 45 दिनों में पूरी राशि लौटाने के लिए कहा।