कोरोना काल में चंडीगढ़ में 60 फीसद लोग अपनी सेहत को लेकर चिंतित, हेल्थ इंश्योरेंस की बढ़ी डिमांड
चंडीगढ़ के ज्यादातर लोगों ने कहा कि कोरोना काल से पहले उन्होंने हेल्थ इंश्योरेंस के बारे में इतना नहीं सोचा। अब 60 प्रतिशत लोग इंश्योरेंस प्लान खरीदना चाहते हैं।
चंडीगढ़, [शंकर सिंह]। मैक्स बूपा ने एक सर्वे जारी किया है, जिसमें कोरोना वायरस के कारण स्वास्थ्य बीमा के प्रति लोगों के व्यवहारिक बदलावों पर को उजागर किया गया है। यह सर्वे 11 शहरों दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता, लखनऊ, पुणे, पटना, जयपुर और चंडीगढ़ में किया गया है। सर्वे में कहा गया है कि चंडीगढ़ के लोग सेहतमंद रहने के प्रति तो जागरूक हैं, लेकिन हेल्थ इंश्योरेंस लेने के मामले में बेपरवाह रहे हैं, लेकिन कोरोना वायरस के कारण शहर के लोगों में हेल्थ इंश्योरेंस को लेकर जागरूकता बढ़ गई है और वे इसके महत्व और लाभ को समझने लगे हैं।
चंडीगढ़ में अब 60 प्रतिशत लोग गंभीर बीमारियों से उनकी सुरक्षा के लिए हेल्थ इंश्योरेंस खरीदना चाहते हैं। 45 प्रतिशत लोग नियमित बीमारियों से सुरक्षा के लिए हेल्थ इंश्योरेंस खरीदना चाहते हैं। सर्वे में शामिल हुए केवल 27 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे कोरोना वायरस जैसे नए दौर की बीमारियों से सुरक्षा के लिए हेल्थ इंश्योरेंस खरीदना चाहते हैं और 28 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे कैंसर जैसी बीमारी के खिलाफ सुरक्षा के लिए हेल्थ इंश्योरेंस चाहते हैं। इस सर्वे में शामिल होने वाले करीब 54 प्रतिशत लोगों ने मेडिकल खर्चों में बढ़ोतरी को सबसे बड़ी चिंताओं में से एक बताया है। चंडीगढ़ में लोगों की एक बहुत बड़ी तादाद (60 प्रतिशत) खुद के स्वास्थ्य को लेकर चिंता करने वालों की है और करीब 59 प्रतिशत लोग उनके माता-पिता के स्वास्थ्य से जुड़ें खर्चों को लेकर चिंतित हैं। अब वे हेल्थ इंश्योरेंस को आर्थिक सुरक्षा के तौर पर देख रहे हैं।
हेल्थ इंश्योरेंस को लेकर ये हैं चंडीगढ़ के लोगों के विचार
शहर में हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाएं जैसे कैशलेस बेनिफिट्स, अस्पताल में दाखिल करने के पहले और उसके बाद के फायदे, ओपीडी टोटल कवरेज राशि इत्यादि के बारे में जागरूकता का स्तर काफी उच्च है। हालांकि सर्वे में शामिल 91 प्रतिशत लोगों ने प्रतिक्रिया दी है कि कोरोना वायरस के पहले हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने का विचार उनके दिमाग में कभी नहीं आया। 69 प्रतिशत लोगों को यह लगा कि कर्मचारी हेल्थ कवर पर्याप्त हैं। 63 प्रतिशत ने कहा कि उन्हें भुगतान किए गए प्रीमियम पर रिटर्न नहीं मिलता और 60 प्रतिशत लोगों ने इसे खरीदने का उनका निर्णय आगे के लिए टाल दिया। 39 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हें हेल्थ इंश्योरेंस की पूरी समझ है, हालांकि इतने ही लोगों ने कहा कि उन्हें हेल्थ इंश्योरेंस प्रॉडक्ट की आंशिक समझ है। चंडीगढ में 36 प्रतिशत लोगों ने कहा कि हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने के लिए वे अपने परिवार की सलाह को मानते हैं। इंश्योरेंस एजेंट की सलाह मानने वाले 27 प्रतिशत लोग थे।
95 प्रतिशत से ज़्यादा क्लेम 30 मिनट के अंदर मंजू
इस अध्ययन पर प्रतिक्रिया देते हुए डायरेक्ट डिजिटल बिजनेस एंड मार्केटिंग मैक्स बूपा हेल्थ इंश्योरेंस की डायरेक्टर अनिका अग्रवाल ने कहा इस चुनौतीपूर्ण समय में हम हमारे ग्राहकों के साथ पूरी मज़बूती के साथ खड़े हैं। हम कॉम्प्रीहेंसिव हॉस्पिटलाइजेशन प्लान पेश करते हैं, जो कोविड के उपचार का खर्च कवर करता है। उन्होंने कहा कि अब तक हमें 1700 कोविड क्लेम प्राप्त हुए हैं। करीब 95 प्रतिशत से ज़्यादा ऐसे क्लेम को प्राथमिकता से कैशलेस आधार पर 30 मिनट के अंदर मंजूर किया गया है।
बढ़ते मेडिकल खर्चों को लेकर पुरुषों से भी ज़्यादा महिलाएं चिंतित
सर्वे में बताया गया कि महिलाएं हेल्थ इंश्यारेंस की सबसे बड़ी समर्थक के तौर पर उभर कर सामने आई हैं। सर्वे में शामिल पुरुषों के 52 प्रतिशत की तुलना में करीब 60 प्रतिशत महिलाओं ने बढ़ते मेडिकल खर्चों को लेकर चिंता व्यक्त की है। इसके साथ ही चंडीगढ़ में 72 प्रतिशत महिलाओं ने उनके स्वास्थ्य खर्चों को लेकर चिंता व्यक्त की है, जोकि पुरुषों (56 प्रतिशत) की तुलना में काफी ज़्यादा है।