लावारिस पशुओं के कारण दो साल में 550 की मौत, सरकार लापरवाह
-गौ सेस देने के बावजूद नहीं मिल रहा लावारिस पशुओं से छुटकारा -फरवरी से खाली पड़ा है गौ
-गौ सेस देने के बावजूद नहीं मिल रहा लावारिस पशुओं से छुटकारा
-फरवरी से खाली पड़ा है गौ सेवा आयोग के चेयरमैन का पद
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कैलाश नाथ, चंडीगढ़: पंजाब में लावारिस पशुओं की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। पिछले दो साल में लावारिस पशुओं की वजह से हुए सड़क हादसों व उनके हमलों में करीब 550 लोगों की मौत हो चुकी है। लगातार बढ़ती समस्या पर पंजाब सरकार कोई सकारात्मक कदम नहीं उठा पा रही है। महत्वपूर्ण यह है कि लावारिस पशुओं की समस्या के समाधान के लिए जनता टैक्स भी अदा कर रही है। इसके बावजूद लोगों को इससे निजात नहीं मिल रही।
सरकार इसे लेकर कितनी गंभीर है, इसका अंदाज इस बात से ही चलता है कि फरवरी से गौ सेवा आयोग के चेयरमैन का पद खाली पड़ा है। न तो फिलहाल आयोग में कोई सदस्य है और न ही यह कोई सकारात्मक कदम उठा पा रहा है। अब तक किए गए प्रयास
-अकाली भाजपा सरकार ने अपने कार्यकाल में हर जिले में एक कैटल पाउंड बनाने का फैसला किया था।
-जिला स्तर पर जमीन भी मुहैया करवाई गई। सरकार ने इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 40 करोड़ रुपये भी दिए।
-तत्कालीन सरकार ने बिजली पर दो पैसे व 9 आइटमों पर गौ सेस लगाया था। इसमें ट्रांसपोर्ट, गाड़ियों की खरीद फरोख्त, सीमेंट आदि शामिल था। बिजली से ही सरकार को सालाना 12 करोड़ रुपये मिल रहा है। वहीं, ट्रांसपोर्ट क्षेत्र से भी 8 करोड़ रुपये के करीब टैक्स इकट्ठा हो रहा है।
-अकाली-भाजपा सरकार ने आवारा पशुओं के कैटल पाउंड में जाने पर हर वर्ष 8 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता देने का फैसला किया था।
-कैटल पाउंड के लिए यह फंड चार हिस्सों में मिलना था, ताकि जानवरों को खाने व स्वास्थ्य सेवाएं मिल सके। कैटल पाउंड फंद बंद
कांग्रेस सरकार ने कैटल पाउंड के लिए फंड बंद कर दिया है। वहीं, आयोग का चेयरमैन न होने के कारण बिजली पर मिलने वाले सेस का पैसा भी सरकार के पास ही पड़ा हुआ है। 92 हजार लावारिस पशु सड़कों पर
वर्तमान में सड़कों पर 92 हजार के करीब लावारिस पशु हैं। इनके कारण रोज दुर्घटनाएं हो रही हैं। आयोग के पूर्व चेयरमैन कीमती भगत का कहना है कि लावारिस पशुओं को सड़क से हटाने के लिए प्रयास सही दिशा में किए जा रहे थे, लेकिन कांग्रेस सरकार ने इस दिशा में ध्यान नहीं दिया। अब न तो फंड दिया जा रहा है और न ही इस ओर सरकार का ध्यान है।