पीयू की शिवांशी को 50 लाख की रिसर्च ग्रांट
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पंजाब यूनिवर्सिटी की रिसर्च स्कॉलर शिवांशी वशिष्ठ को रिसर्च प्रोजेक्ट
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पंजाब यूनिवर्सिटी की रिसर्च स्कॉलर शिवांशी वशिष्ठ को रिसर्च प्रोजेक्ट के लिए 50 लाख की ग्रांट मंजूर हुई है। रिसर्च प्रोजेक्ट की अवधि 18 महीने है। उनको बायोटेक्नोलॉजी इंडस्ट्री रिसर्च असिस्टेंस काउंसिल (बिराक) की ओर से एंजाइम बनाने के रिसर्च प्रोजेक्ट के लिए बायोटेक्नोलॉजी इंग्निशन ग्रांट के रुप में यह राशि अप्रूव की गई है। रिसर्च प्रोजेक्ट के लिए शिवांशी चंडीगढ़ से अकेली चुनी गई हैं। देश भर से 537 केंडिडेट्स ने अप्लाई किया था। इसके बाद सबने अपने रिसर्च प्रोजेक्ट को लेकर प्रेजेंटेशन दी थी। इसके बाद फाइनल राउंड में 109 केंडिडेट्स पहुंचे थे। इनमें से चार चंडीगढ़ से थे, लेकिन अकेली शिवांशी चुनी गई है। शिवांशी पीयू के माइक्रोबियल टेक्नोलॉजी विभाग से पीएचडी कर रही हैं। उनके गाइड डॉ. रोहित शर्मा हैं, जो विभाग के चैयरपर्सन हैं। शिवांशी इससे पहले भी स्टार्टअप प्रोजेक्ट बना चुकी हैं। उन्होंने हाईपर थर्मल शेकर मशीन बनाई थी, जिसमें उच्च तापमान पर जीवाणु पैदा किए जा सकते हैं। इस तरह की मशीन इंडिया में नहीं थी, जो थी वो काफी महंगी थी। उनमें जीवाणु के लिए जरुरी हाई टेंपरेचर नहीं बन पाता था।
पर्यावरण संरक्षण व दवा बनाने पर करेंगी काम
रिसर्च प्रोजेक्ट के तहत शिवांशी एंजाइम बनाएंगी जो कि नाइट्राइन कंपाउंड के पर्यावरण पर नकारात्मक असर को खत्म करेगी। कंपाउंड को एंजाइम टुकड़ों में बांट देगा। इसके बाद ये पर्यावरण को हानि नहीं पहुंचा पाएंगे। साथ में इनका प्रयोग फार्मास्यूटिकल साइंस के क्षेत्र में किया जाएगा, जिससे दवाइयां भी बनाई जाएंगी। यह एंजाइम बहुत महंगा है। प्रति ग्राम इसकी कीमत 100 डॉलर से लेकर 700 डॉलर तक है। इसका इस्तेमाल कई जगह किया जा सकेगा।
कोट्स
शिवांशी यह प्रोजेक्ट पाने वाली चंडीगढ़ से अकेली स्टूडेंट है। यह पीयू के लिए गर्व की बात है। इससे पहले भी वो स्टार्ट अप प्रोजेक्ट बना चुकी है।
डॉ. रोहित शर्मा, चैयरपर्सन, माइक्रोबियल टेक्नोलॉजी विभाग पीयू