लोग खिलाफ, फिर भी बजट में पार्षदों के टूर के लिए रखा 50 लाख का फंड Chandigarh news
दिसंबर माह में भी तत्कालिन मेयर राजेश कालिया ने कोलकाता और केरल (त्रिवेंद्रम) के दो स्टडी टूर प्लान किए लेकिन किरकिरी से बचने के लिए यह टूर खारिज कर दिए गए हैं।
चंडीगढ़, राजेश ढल्ल। शहरवासी नगर निगम के पार्षदों के सरकारी खंजाने से किए जाने वाले स्टडी टूर के खिलाफ है। दिसंबर माह में भी तत्कालिन मेयर राजेश कालिया ने कोलकाता और केरल (त्रिवेंद्रम) के दो स्टडी टूर प्लान किए लेकिन किरकिरी से बचने के लिए यह टूर खारिज कर दिए गए हैं। इसके बावजूद नए वित्तीय सत्र (साल 2020-2021) के लिए तैयार हुए ड्राफ्ट बजट में एक बार फिर से 50 लाख रुपये का फंड स्टडी टूर के लिए रखा गया है। जबकि नगर निगम की वित्तीय हालात अभी भी खस्ता है।
मेयर राजबाला मलिक ने बजट पर चर्चा करने के लिए तीन फरवरी को वित्त एवं अनुबंध कमेटी की बैठक बुलाई है। इसके बाद सात फरवरी को सदन की बैठक में यह बजट पास किया जाएगा। नए सत्र के लिए नगर निगम ने 1349 करोड़ रुपये का बजट तैयार किया है। शहरवासियों को मानना है कि इस तरह के टूरों का शहर को कोई फायदा नहीं मिलता है सिर्फ पार्षदों का सैर सपाटा ही होता है। पार्षदों के सैर सपाटे की तस्वीरें भी समय समय पर वायरल हुई है।
पिछले साल तो पार्षदों का लेह लद्दाख में धार्मिक टूर गया था उस समय की भी घूमने फिरने की तस्वीरें सामने आई थी। उस टूर में वर्तमान मेयर राजबाला मलिक सहित चार महिला पार्षदों की तबीयत भी खराब हुई थी। मेयर राजबाला मलिक भी पार्षदों के स्टडी टूर के पक्ष में है। इस टूर का फासवेक ने बैठक करके खुलकर विरोध भी जाहिर किया था।जबकि अब तक जितने भी स्टडी टूर गए हैं, एक का भी शहर को कोई फायदा नहीं मिला है।पिछले 15 साल में अब तक टूर पर सरकारी खंजाने से दो करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि खर्च हो चुकी है।
टूर में तबीयत खराब होने से पार्षद की हो चुकी है मौत
साल 2014 में पार्षद चेन्नई, कोलकता और पोर्ट ब्लेयर के स्टडी टूर पर गए थे। इस टूर में उस समय अकाली पार्षद मलकीयत सिंह की तबीयत खराब होने से उनकी मौत भी हो गई थी। इस विवादित स्टडी टूर के लिए 13 पार्षदों से नौ-नौ हजार रुपये की रिकवरी भी ली गई थी। जिन 13 पार्षदों से रिकवरी ली गई थी वे पार्षद अपने परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों को सरकारी टूर पर साथ ले गए थे। वर्तमान के भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद भी इस टूर में शामिल थे। जिससे टूर का खर्चा बढ़ गया था। रिकवरी लेने पर पार्षदों ने सदन में काफी हंगामा भी किया था।