खेतों में नाड़ के साथ धुआं हो गए आदेश
पहले कर्फ्यू और अब लॉकडाउन की आड़ में किसानों ने खेतों में गेहूं की नाड़ को जला रहे हैं। रोज जिले में खेतों में नाड़ जलाने वाले किसानों पर केस दर्ज किए जा रहे हैं। जिले में नाड़ जलाने वाले 45 किसानों को कृषि विभाग ने एक लाख 17 हजार 500 रुपये का जुर्माना किया है।
सुशील पांडे, नवांशहर :
पहले कर्फ्यू और अब लॉकडाउन की आड़ में किसानों ने खेतों में गेहूं की नाड़ को जला रहे हैं। रोज जिले में खेतों में नाड़ जलाने वाले किसानों पर केस दर्ज किए जा रहे हैं। जिले में नाड़ जलाने वाले 45 किसानों को कृषि विभाग ने एक लाख 17 हजार 500 रुपये का जुर्माना किया है। वहीं नाड़ जलाने का घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए डिप्टी कमिश्नर ने कृषि विभाग के अधिकारियों को कहा है कि अगर तय सीमा पर कोई भी किसान जुर्माना जमा नहीं करवाता है तो उसके अदालत में चालान पेश किए जाएं।
अभी तक जिले में नाड़ को आग लगाने के आरोप में 45 किसानों पर 1 लाख 17, 500 रुपये का जुर्माना किया गया है। इनमें सैटेलाइट साइट्स से प्राप्त डाटा से 25 मामलों में 6750 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा जबकि 39 सैटेलाइट साइट की रिपोर्ट अभी बकाया है। इसके अलावा शिकायत के आधार पर 20 मामलों में 50 हजार रुपये जुर्माना और 12 एफआईआर दर्ज की गई है।
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पिछले साल नही दर्ज हुआ एक भी केस
पिछले साल लोकसभा चुनावों के कारण नाड़ जलाने पर जिले में किसी के खिलाफ कोई भी कारवाई नही की गई थी। सभी अधिकारियों व कर्मचारियों की डयूटियां चुनावों में लगी हुई थी। इस बारे 42 क्लस्टर कोर्आ्डीनेटर लगे हुए हैं। 167 गांव स्तर नोडल अफसर लगाए गए हैं। किसी के पास एक गांव है तो किसी के पास दो गांव है।
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इस बार नही लगे कैंप
कोरोना के कारण लोगों को नाड़ को आग लगाने से रोकने के लिए जागरूक करने के लिए कैंप नही लग सके पर लोगों में नाड़ को न जलाने के प्रति जागरूक करता साहित्य जरूर बांटा गया। सोशल मीडिया पर भी जागरूक किया गया। पांच एकड़ तक जमीन वाले हो सकता है पांच हजार तक जुर्मानाी
पुलिस नाड़ को आग लगाने पर डिप्टी कमिश्नर के आदेश के उल्लंघना करने के आरप में धारा 188 के तहत मामला दर्ज करती है। जबकि पर्यावरण विभाग की ओर से धारा 39 के तहत मामला दर्ज किया जाता है। धारा 39 के तहत नाड़ जलाने पर 2 एकड़ से कम वाले किसानों का 2500 रुपए, 2 से 5 एकड़ वाले किसान का 5 हजार और 5 से अधिक एकड़ वाले किसान का 15 हजार रुपए चालान होगा।
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मानव जीवन व जमीन के लिए खतरनाक है नाड़ को जलाना
नाड़ को आग लगाने से कार्बन डाईआक्साइड, कार्बन मोनोआक्साईड, नाईट्रिक आक्साइड ,सल्फर आक्साइड पैदा होती है। नाड़ को आग लगाने से जमीन का तापमान 100 से 150 डिग्री पर पहुंच जाती है और ऊपर की परत सड़ जाती है। छोटे तत्व सड़ जाते हैं। मित्र कीड़े भी सड़ जाते हैं। जमीन की पानी को सोखने की शक्ति कम हो जाती है। अगर यह गैस हमारे शरीर में जाती है तो यह आक्सिजन को खत्म करती है। आंखों व स्कीन की समस्या हो जाती है। कोट्स
पराली जलाने वाले किसानों को जागरूक किया जाता है। अगर कोई नहीं मानता तो उसके खिलाफ कानूनी कारवाई की जाती है।
मुख्य कृषि अधिकारी सुरिदर सिंह का कहना है कि