Paper Leak Case: शिक्षा विभाग की बड़ी कार्रवाई, 42 शिक्षक नौकरी से बर्खास्त
नौकरी से निकाले गए शिक्षकों में 34 जेबीटी और 8 टीजीटी चंडीगढ़ के विभिन्न सरकारी स्कूलों में कार्यरत थे। बर्खास्त शिक्षकों में सभी शिक्षक हरियाणा से संबंध रखते हैं।
चंडीगढ़, [डॉ. सुमित सिंह श्योराण]। चंडीगढ़ शिक्षा विभाग ने 42 शिक्षकों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। ये सभी शिक्षक 2015 पेपर लीक मामले में आरोपित हैं और उनके खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज है। डायरेक्टर स्कूल एजुकेशन (डीएसई) की ओर से जारी आदेशों में इन शिक्षकों की तुरंत प्रभाव से सेवाएं समाप्त करने के निर्देश जारी किए गए हैं। सभी स्कूल प्रिंसिपल को विशेष आदेश जारी कर आरोपित शिक्षकों को टर्मिनेट करने के निर्देश दिए हैं।
नौकरी से निकाले गए शिक्षकों में 34 जेबीटी और 8 टीजीटी चंडीगढ़ के विभिन्न सरकारी स्कूलों में कार्यरत थे। बर्खास्त शिक्षकों में सभी शिक्षक हरियाणा से संबंध रखते हैं। शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को नौकरी से निकालने का फैसला 27 नवंबर को पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट के पेपर लीक मामले में दिए गए आदेशों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। यूटी प्रशासक के सलाहकार की अप्रूवल के बाद शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को नौकरी से निकालने के निर्देश जारी किए हैं।
1150 शिक्षकों की हुई थी भर्ती
2015 में चंडीगढ़ शिक्षा विभाग ने 1150 जेबीटी और टीजीटी पदों पर भर्ती के लिए लिखित परीक्षा आयोजित की। परीक्षा पंजाब यूनिवर्सिटी की रिक्रूटमेंट एजेंसी द्वारा ली गई। पंजाब सरकार द्वारा आयोजित एक परीक्षा में पेपर लीक मामले में गिरफ्तार आरोपितों से पता चला कि चंडीगढ़ शिक्षकों की भर्ती की लिखित परीक्षा का पेपर भी लीक हुआ था। यह पेपर आठ से 10 लाख में बिका। मामले में पुलिस द्वारा एफआइआर दर्ज कर जांच की गई। मामले में जांच के बाद 49 शिक्षकों को दोषी पाया गया। पैसे देकर पेपर क्लीयर करने वाले 42 आरोपितों ने ज्वाइन कर लिया। जबकि सात कैंडिडेट्स ने ज्वाइन ही नहीं किया।
850 शिक्षकों को हाई कोर्ट ने दी थी राहत
बीते चार साल से 850 शिक्षकों की नौकरी पर तलवार लटकी हुई थी। जांच एजेंसी द्वारा मामले में एफआइआर दर्ज की गई जिसमें 49 शिक्षकों के नाम शामिल है, इनमें कुछ महिला कैंडिडेट्स् भी शामिल हैं। पेपर लीक मामले के बाद 30 मई 2018 को चंडीगढ़ शिक्षा विभाग ने सभी 850 जेबीटी और टीजीटी शिक्षकों को नौकरी से निकालने के आदेश जारी कर दिए। मामला कैट (चंडीगढ़ एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल) में पहुंचा। कैट ने सभी शिक्षकों की नौकरी बरकरार रखने के आदेश दिए। फैसले के खिलाफ शिक्षा विभाग हाई कोर्ट तक पहुंचा लेकिन यहां हाई कोर्ट ने शिक्षकों के पक्ष में फैसला दिया। लेकिन आरोपित शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की इजाजत दे दी।
चार साल से प्रोबेशन पर शिक्षक
2015 में भर्ती जेबीटी और टीजीटी शिक्षकों को शिक्षा विभाग द्वारा चार साल पूरे होने पर भी स्थायी नहीं किया गया है। पेपर लीक मामले में केस जारी रहने के कारण किसी भी शिक्षक का प्रोबेशन पीरियड क्लीयर नहीं किया गया। अब शिक्षकों को स्थायी किए जाने की उम्मीद बंधी है।
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