पेपर से निकली 3डी आर्ट
बंग भवन-35 में सात दिवसीय वर्कशॉप में बच्चों को 3डी आर्ट से जुड़ी ट्रेनिंग दी गई।
शंकर सिंह, चंडीगढ़ : कागज से आज तक जहाज बनाया था, मगर जहाज को 3डी एंगल से कैसे उभारा जाए, यह आज पता चला। कागज पर जो लिखते हैं, उसे 3डी आर्ट से हाईलाइट कैसे करें, ये तो और भी मजेदार रहा। एक पेपर से कितने प्रकार की शेप, एनीमेटिड कार्टून और मॉडल तैयार कर सकते हैं। अभी तक कार्टून से जुड़े चैनल में ही ऐसा देखा था मगर आज खुद अपने हाथों से इसे हमने बनाया है। बंग भवन-35 में नन्हें कलाकार कुछ इन्हीं शब्दों में अपना अनुभव साझा कर रहे थे। यहां आयोजित सात दिवसीय वर्कशॉप में बच्चों को 3डी आर्ट से जुड़ी ट्रेनिंग दी गई। यह शहर में पहली बार हुई। इसे आयोजित किया पीएनए पपेट थिएटर ग्रुप के अध्यक्ष शुभाशीष नियोगी ने। मोबाइल से आगे बढ़ें इसलिए आयोजित की वर्कशॉप
पपेट आर्टिस्ट शुभाशीष ने कहा कि इन दिनों बच्चे मोबाइल से ज्यादा आकर्षित होते हैं। ऐसे में वो किसी दृश्य को सुनते ही सोचने की क्षमता पर ज्यादा जोर नहीं देते। पेपर 3डी एक्सरसाइज इसी पर आधारित है। आपको कागज से दृश्य निर्माण करना होता है। कागज को काटकर, उससे छवि को उभारना होता है। ओरिगेमी से लेकर कोलाज पेंटिंग तक
वर्कशॉप में बच्चों को शुरुआती दौर में जापानी पेपर आर्ट टेक्निक ओरिगेमी से अवगत करवाया गया। इसे आर्टिस्ट सुरेखा धामी ने कंडक्ट किया। बच्चों को इसमें कागज से कई तरह की शेप देना सीखाया जाता है, इसके बाद वह इनसे विभिन्न तरह के डिजाइन तैयार करते हैं। इसके बाद वर्कशॉप का दूसरा चरण कोलाज मेकिंग का रहा। इसमें आर्टिस्ट सरिता भार्गव ने बच्चों को कोलाज मेकिंग के गुर सिखाए, जिससे बच्चे शेप में रंग भर सकें। तीसरा चरण 3डी आर्ट का रहा। उसमें प्राइम कैरेक्टर की पहचान और फिर उसे कागज में पहचाना जाता है। टाउन प्लानिंग के लिए होती है ये आर्ट मददगार
शुभाशीष ने बताया कि स्टूडेट्स को पॉप अप आर्ट के जरिए सिटी मॉडल बनाने को कहा गया। इसमें उन्हें बिल्डिंग और आसपास के माहौल का मॉडल तैयार करना था। आम तौर पर बच्चे स्कूल में ऐसे मॉडल बाजार से खरीदते हैं। हम चाहते हैं कि वह इन्हें खुद बनाए और टाउन प्लानिंग की बारीकियां सीखें।