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अमृतसर से 33.6 करोड़ रुपये के चावल गायब, राइस मिलर पर केस

-वीरूमल मुल्खराज जैन राइस मिल मामले में कमेटी ने सरकार को सौंपी रिपोर्ट -बचा हुआ 300 वैगन

By JagranEdited By: Published: Sat, 14 Apr 2018 07:00 PM (IST)Updated: Sat, 14 Apr 2018 07:00 PM (IST)
अमृतसर से 33.6 करोड़ रुपये के चावल गायब, राइस मिलर पर केस
अमृतसर से 33.6 करोड़ रुपये के चावल गायब, राइस मिलर पर केस

-वीरूमल मुल्खराज जैन राइस मिल मामले में कमेटी ने सरकार को सौंपी रिपोर्ट

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-बचा हुआ 300 वैगन चावल पनग्रेन व वेयरहाउसिंग में आधा-आधा बंटेगा

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राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़: अमृतसर की वीरूमल मुल्खराज जैन राइस मिल से कुल 33.60 करोड़ रुपये के 420 ट्रक चावल गायब हुए हैं। फूड एंड सप्लाई विभाग की ओर से बनाई गई तीन सदस्यों वाली कमेटी ने अपनी रिपोर्ट विभाग को सौंप दी है, जिसके आधार पर वीरूमल राइस मिल के मालिक पर केस दर्ज किया गया है। विभाग की डायरेक्टर अनंदिता मित्रा ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि गायब हुआ 420 ट्रक चावल किस एजेंसी का है, यह अभी तय नहीं हुआ है, इसका आकलन बाद में किया जाएगा।

वीरूमल मुल्खराज राइस मिल में वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन और पनग्रेन ने अपना अनाज मिलिंग के लिए लगाया था, जिसमें से 420 ट्रक चावल गायब हो गया है। हालांकि यह खबर मिलते ही मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक एपी सिंह को तुरंत प्रभाव से निलंबित करते हुए इसकी जांच विजिलेंस को सौंप दी, लेकिन विभागीय सूत्रों का कहना है कि अभी विजिलेंस ने अपनी जांच शुरू नहीं की है, विभाग अपने स्तर पर ही इसकी जांच कर रहा है। क्लेम फाइल करेंगी एजेंसियां

विभागीय सूत्रों का यह भी कहना है कि इस समय राइस मिल में 300 वैगन चावल जितना धान पड़ा हुआ है। यह तय हुआ है कि वेयर हाउसिंग और पनग्रेन दोनों ही एजेंसियां इसे आधा-आधा बांट लेंगी और बाद में इस पर क्लेम फाइल करेंगी। वेयरहाउसिंग का दावा है कि बचा हुआ सारा माल उनका है। उनके पास हर हफ्ते करवाई गई वीडियो रिकॉर्डिग भी मौजूद है, जो विभाग की डायरेक्टर को भेज दी गई है। सीएम स्तर पर हल होगा मामला

दिलचस्प बात यह भी है कि फूड एंड सप्लाई विभाग की डायरेक्टर अनंदिता मित्रा ही पनग्रेन की एमडी भी हैं और अब जबकि दो-दो एजेंसियों में माल को लेकर विवाद छिड़ गया है, तो इसका फैसला कौन करेगा? नियमों के मुताबिक इसका फैसला विभाग के डायरेक्टर को करना होता है, लेकिन इस मामले में डायरेक्टर खुद भी पार्टी हैं। यदि वह इस मामले से अपने कनफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट का हवाला देकर खुद को अलग कर लेती हैं, तो विवाद मुख्यमंत्री स्तर पर ही हल होगा।


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