पंजाब में एक वर्ष के लिए 4 एकड़ जमीन की ठेके की कीमत 33.10 लाख, बोली में दिखी दो किसानों की टशन
पंजाब के मोहाली स्थित एक गांव में पंचायत की जमीन की ठेके की बोली दो किसानों की टशन में काफी ऊंची पहुंच गई। चार एकड़ जमीन के ठेके की कीमत एक वर्ष के लिए 33.10 लाख रुपये तक पहुंच गई।
इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। मोहाली के गांव पल्हेरी ब्लाम माजरी में दो किसानों के बीच चार एकड़ पंचायती जमीन लेने के लिए इतनी होड़ मच गई कि इस जमीन की बोली सालभर के लिए 33.10 लाख में परगट सिंह के नाम पर छूटी। अमूमन इस क्षेत्र में चालीस से पचास हजार के बीच में जमीन का ठेका रहता है।
दरअसल, गांव की इस जमीन को लेने के लिए परगट सिंह और भूपेंद्र सिंह के बीच में गरारी फंस गई और दोनों एक दूसरे से बढ़कर बोली देते चले गए। आखिर चार एकड़ जमीन का ठेका 33.10 लाख पर टूटा।
जमीन की बोली करवा रहे पंचायत सेक्रेटरी भरत पाल ने बताया कि बोली की चालीस फीसदी राशि का चेक उसी समय जमीन लेने वाले परगट सिंह ने दे दिया और शेष राशि आरटीजीएस के जरिए विभाग के खाते में जमा करवा दी है।
#ViralVideo , ਜਦੋਂ ਕੁੰਡੀਆਂ ਦੇ ਸਿੰਘ ਫਸ ਗਏ....
ਚਾਰ ਏਕੜ ਜਮੀਨ ਗਈ 33.10 ਲੱਖ ਦੇ ਠੇਕੇ ਤੇ। ਪਿੰਡ ਪਲਹੇੜੀ, ਜ਼ਿਲਾ ਮੋਹਾਲੀ pic.twitter.com/1DSGWsMdbr— Inder Preet singh (@InderpreetPress) May 13, 2022
विभाग के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने बताया कि परगट सिंह से एफिडेविट लिया गया है कि वह इस जमीन का उपयोग केवल खेती के लिए करेगा और इसे किसी भी कंपनी को आगे लीज पर नहीं देगा।
उन्होंने कहा कि हमारे पास सारी राशि जमा हो गई है। पता चला है कि परगट सिंह और भूपेंद्र सिंह के बीच पहले से ही ठनी हुई और किसी भी कीमत पर एक-दूसरे को जमीन न लेने देने के लिए दोनों ने बोली देनी शुरू कर दी और एक एक हजार रुपये करके बढ़ाते चले गए।
यह पंचायती जमीन पिछले साल भूपेंद्र सिंह ने ली थी, जिसे इस बार हर हालत में परगट सिंह लेना चाहते थे। जब बोली तीन लाख को पार कर गई तो बोली के दौरान बैठे गांव पल्हेड़ी के लोगों में उत्सुकता बढ़ने लगी। देखते देखते यह 33 लाख तक पहुंच गई।
33.10 लाख की अंतिम बोली परगट सिंह ने दी। गांव के सरपंच कुलविंदर सिंह ने बताया कि बोली पूरे शांतिमयी तरीके से निपट गई है।
गांव के विकास में लगेगा पैसा: परगट सिंह
पंचायत विभाग के इतिहास में पहली बार इतनी बड़ी बोली देने वाले परगट सिंह ने माना कि जमीन लेने की जिद में यह 33.10 लाख तक पहुंच गई, लेकिन मुझे इस बात की खुशी है कि यह सारा पैसा हमारे गांव के विकास में ही लगेगा। मैं पहले भी गांव के विकास में योगदान देता रहता हूं अब भी देना चाहता था लेकिन यह नहीं पता था कि इतनी बड़ी बोली देने के रूप में यह पैसा देना होगा।
उधर, शिरोमणि अकाली दल के युवा नेता परमबंस सिंह रोमाणा का कहना है कि किसानों पर इसी तरह कर्ज बढ़ता है । उन्होंने कहा कि जमीन को खुली बोली पर देना अच्छा कदम है, लेकिन इसकी उच्चतम सीमा फिक्स होनी चाहिए।