प्राइवेट कॉलेजों के 300 कांट्रेक्ट असिस्टेंट प्रोफेसरो की नौकरी खतरे में, एकेडमिक सत्र पूरा होने से पहले ही रिलीव
सेक्टर-26 के दो प्राइवेट कॉलेजों ने 100 के करीब असिस्टेंट प्रोफेसर को रिलीव करने का ऑर्डर जारी किया।
डॉ. सुमित सिंह श्योराण, चंडीगढ़ : पंजाब यूनिवर्सिटी एफिलिएटेड कॉलेजों में कांट्रेक्ट पर नियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसरों के लिए बुरी खबर है। प्राइवेट कॉलेज प्रबंधकों ने लॉकडाउन के बीच कांट्रेक्ट असिस्टेंट प्रोफेसरों को रिलीव करने की तैयारी शुरु कर दी है। शहर के दो प्राइवेट कॉलेजों ने तो करीब 100 असिस्टेंट प्रोफेसर को 30 अप्रैल को रिलीव करने संबंधी लेटर तक जारी कर दिया है। अन्य कॉलेज भी अगले एक-दो दिन में कांट्रेक्ट शिक्षकों की छुट्टी का लेटर जारी कर देंगे। कॉलेज प्रबंधकों का कहना है कि उनके पास शिक्षकों की सैलरी देने के लिए पैसा नहीं है, साथ ही इन कांट्रेक्ट शिक्षकों को सेशन (अप्रैल तक) के लिए नियुक्त किया गया था। जबकि कोरोना महामारी के कारण अभी कॉलेजों में सेशन पूरा ही नहीं हुआ है। उधर, रिलीव होने वाले असिस्टेंट प्रोफेसरों का कहना है कि कोरोना महामारी के कारण न तो कॉलेजों में सिलेबस पूरा हुआ और न ही स्टूडेंट्स की अभी तक इंटर्नल असेसमेंट लगी है। इस समय गुरु गोबिद सिंह कॉलेज-26 में 70, गुरु गोबिद सिंह कॉलेज फॉर वुमेन-26 में 40, डीएवी कॉलेज में 70, एसडी कॉलेज-32 में 70 और एमसीएम डीएवी कॉलेज में भी 70 के करीब कांट्रेक्ट असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्त हैं। सभी शिक्षकों की नौकरी पर तलवार लटकी है। शिक्षकों का कहना है कि नए एकेडमिक सत्र की शुरुआत कब होगी, यह भी निश्चित नहीं है। ऐसे में इन शिक्षकों को कई महीनों तक अब बेरोजगार रहना पड़ेगा। प्रधानमंत्री का आह्वान : नौकरी से न निकालें
एक प्राइवेट कॉलेज द्वारा 30 अप्रैल को रिलीव का नोटिस पाने वाले असिस्टेंट प्रोफेसरो का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपने संबोधन में यह साफ तौर पर कहा गया था कि मौजूदा समय में किसी भी कांट्रेक्ट कर्मचारी को रिलीव न किया जाए। लेकिन कॉलेजों ने हफ्ताभर पहले ही रिलीविग का ऑर्डर जारी कर दिया। रिलीव होने वाले कुछ असिस्टेंट प्रोफेसर मामले में यूजीसी को पत्र लिखेंगे जबकि कुछ कोर्ट जाने पर भी विचार कर रहे हैं। पीयू प्रशासन तक भी प्राइवेट कॉलेजों द्वारा शिक्षकों को रिलीव करने का फरमान पहुंच चुका है। लेकिन कॉलेज पीयू के अनुरोध को भी अनसुना कर रहे हैं। गवर्नमेंट कॉलेज नहीं करते रिलीव
शहर के पांच सरकारी कॉलेजों में 350 से अधिक कांट्रेक्ट असिस्टेंट प्रोफेसर कार्यरत हैं। सरकारी कॉलेजों में 2009 और 2017 में नियुक्त कांट्रेक्ट असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति के बाद से हाई कोर्ट के निर्देश पर किसी को सेमेस्टर के बाद ब्रेक नहीं दिया जाता। यूपीएससी से नई नियुक्ति पर ही किसी कांट्रेक्ट शिक्षक को रिलीव किया जा सकता है। उधर, 2019 और इसी साल जनवरी में नियुक्त हुए कांट्रेक्ट असिस्टेंट प्रोफेसर को रिलीव करने का कोई आदेश जारी नहीं किया है। सभी कांट्रेक्ट असिस्टेंट प्रोफेसरो का कांट्रेक्ट 30 अप्रैल तक है। मैनेजमेंट के पास इस समय रेगुलर शिक्षकों को भी वेतन देना मुश्किल है। कांट्रेक्ट शिक्षकों को अप्रैल तक का पूरा वेतन दिया जाएगा। प्रशासन के निर्देश पर कॉलेज ने अभी तक दूसरे सेमेस्टर की फीस भी नहीं ली है। यूनिवर्सिटी या सरकार कोई निर्देश जारी करती है तो उसी हिसाब से फैसला लिया जाएगा।
-प्रोफेसर चरणजीत सिंह, प्रिसिपल गुरु गोबिद सिंह कॉलेज, सेक्टर-26 कांट्रेक्ट पर नियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसर का टर्म 15 अप्रैल तक होता है। जोकि पहले से निर्धारित है। स्टूडेंट्स से बिना फीस लिए टीचर्स को वेतन कहां से देंगे। मैनेजमेंट के साथ विचार विमर्श करके ही कुछ फैसला लिया जाएगा। सरकार अगर 95 फीसद सहायता दे तो ही कांट्रेक्ट टीचर्स को वेतन संभव है। नया एकेडमिक सत्र शुरू होने पर ही कांट्रेक्ट टीचर्स को रखा जाएगा। इन शिक्षकों को अप्रैल तक का वेतन दिया जाएगा ।
-प्रो. पवन शर्मा, प्रिसिपल, डीएवी कॉलेज, सेक्टर-10