पहली बार इंजीनियरिग डिपार्टमेंट में बड़े स्तर पर फेरबदल
एक जगह ड्यूटी करने के बाद कुर्सी से इतना मोह हो जाता है कि फिर कोई बाबू इस कुर्सी को छोड़ना नहीं चाहता। वह इसी जुगत में रहता है कि यह कुर्सी कहीं बदल न जाए। उसकी एक जगह से दूसरी जगह ट्रांसफर न हो जाए।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़
एक जगह ड्यूटी करने के बाद कुर्सी से इतना मोह हो जाता है कि फिर कोई बाबू इस कुर्सी को छोड़ना नहीं चाहता। वह इसी जुगत में रहता है कि यह कुर्सी कहीं बदल न जाए। उसकी एक जगह से दूसरी जगह ट्रांसफर न हो जाए। प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित के कड़े रुख बाद अब ऐसे बाबुओं की मुश्किल बढ़ गई हैं। प्रशासन के सभी विभागों ने तीन साल के नियम को अपनाना शुरू कर दिया है। जिस भी अधिकारी या बाबू को एक विभाग में या पद पर तीन वर्ष पूरे हो गए हैं। उन्हें दूसरी जगह ट्रांसफर किया जा रहा है। इंजीनियरिग डिपार्टमेंट ने 26 जूनियर इंजीनियर और एसडीओ स्तर के अधिकारियों के ट्रांसफर कर दिए हैं। एक डिविजन से दूसरी डिविजन भेज दिया गया है। पहली बार इंजीनियरिग डिपार्टमेंट में इतने बड़े स्तर पर ऐसा हुआ है। चीफ इंजीनियर सीबी ओझा ने यह तबादले के आदेश जारी किए हैं। सभी अधिकारियों के डिविजन बदले गए हैं। इंटर डिपार्टमेंटल ट्रांसफर पालिसी के तहत अब कोई भी एक जगह पर तीन वर्ष से अधिक समय तक नहीं रहेगा। इंजीनियरिग डिपार्टमेंट के पास सभी डेवलपमेंट से जुड़े काम होते हैं। टेंडर जारी होते हैं। 70 से अधिक सुपरिंटेंडेंट बदले
इससे पहले ट्रांसफर पालिसी के तहत ही प्रशासन के विभिन्न विभागों में सुपरींटेंडेंट बदले गए हैं। नगर निगम ने भी बड़े स्तर पर ऐसे तबादले किए हैं। 70 से अधिक सुपरींटेंडेंट को इधर से उधर किया गया है। अभी अगली सूची तैयार हो रही है। इसी सप्ताह कुछ और ट्रांसफर भी होंगे। सुपरींटेंडेंट बदले जाने के बाद अब नीचे बाबुओं के तबादले भी होंगे। इनकी सूची भी तैयार हो रही है। प्रशासक ने मांगी है जानकारी
प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित के आदेश पर पर्सोनल डिपार्टमेंट ने सभी डिपार्टमेंट से ऐसे अधिकारियों की जानकारी मांगी थी जो तीन वर्षों से अधिक समय से एक ही जगह कार्यरत हैं। उनकी दूसरी जगह ट्रांसफर नहीं हुई है। प्रशासक की सख्ती के बाद यह सूची जारी करने से पहले ही कई विभागों ने बड़े स्तर पर तबादले कर दिए। जिससे उनकी सूची में ऐसे अधिकारियों के नाम न हों। प्रशासक को काम में लेटलतीफी बिल्कुल भी पसंद नहीं करते। वह जीरो टालरेंस और पारदर्शिता की नीति अपनाने की सख्त हिदायत दे चुके हैं। उन्होंने अधिकारियों को आफिस से निकलकर ग्राउंड स्तर पर जाने की हिदायत दी थी। आफिस में कभी कभी देर तक रुक कर फाइलें निकालने की बात कह चुके हैं।