कैप्टन अमरिंदर तृणमूल कांग्रेस की तर्ज पर बनाएंगे पंजाब में नई पार्टी, जानें कौन-कौन आ सकते हैं साथ
Captain Amrinder Singh New Party पंजाब के पूर्व मुुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह राज्य में कल अपनी नई पार्टी का एलान करेंगे। ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि कैप्टन अपनी पार्टी तृणमूल कांग्रेस की तर्ज पर बनााएंगे। कैप्टन के एक करीबी सांसद ने इस बारे में संकेत दिए हैं।
चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। कैप्टन अमरिंदर सिंह कल पंजाब की सियासत में बड़ा धमाका करने की तैयारी में है। पक्के संकेत हैं कि कैप्टन आज अपनी नई पार्टी की घोषणा कर सकते हैं। बताया जाता है कि वह अपनी नई पार्टी का गठन ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (TMC) की तर्ज पर करेंगे। इसके साथ ही उनकी योजना है कि उनकी पार्टी पश्चिम बंगााल की टीएमसी के अंदाज में पंजाब में कांग्रेस की जगह ले। इस बारे में कैप्टन के करीबी सांसद जसबीर सिंह डिंपा ने बड़े संकेत दिए हैं। इससे साफ है कि कैप्टन पंजाब में कांग्रेस की जगह खाली कर अपनी पार्टी के उसकी जगह लेने की तैयारी में हैं। इससे आने वाला समय कांग्रेस के लिए बेहद चुनौती भरा हो सकता है।
कैप्टन अमरिंदर ने अब अपने समर्थकों के उत्पीड़न व धमकियां देने का आरोप लगाया
दूसरी ओर, कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक और ट्वीट कर कांग्रेस पर निशाना साधा है। कैप्टन ने लिखा है, निजी हमलों के बाद अब वे (कांग्रेस) पटियाला और अन्य जगहों पर मेरे समर्थकों को धमकियां दी जा रही हैं और उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। अपने प्रतिद्वंद्वियों को बता दूं इतने निचले स्तर के राजनीतिक खेल से नहीं हरा सकते हैं। इसत तरह के हथकड़ों से न तो वे वोट जीत सकेंगे और न ही लोगों के दिल।
‘From personal attacks they’ve now stooped to threats and harassment of my supporters in Patiala and elsewhere. Let me tell my rivals they can’t defeat me with such low-level political games. They will neither win votes nor people’s hearts with such tactics:’ @capt_amarinder 1/2 pic.twitter.com/zFSgQwjzmA— Raveen Thukral (@RT_Media_Capt) October 26, 2021
कैप्टन अमरिंदर सिंह की पंजाब में पश्चिम बंगाल की तरह कांग्रेस की जगह लेने की योजना
कैप्टन अमरिंदर सिंह के करीबी सूत्रों का कहना है कि वह आज अपनी पार्टी की घोषणा करने जा रहे है। कैप्टन ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है। कैप्टन की पार्टी के नाम में कांग्रेस शब्द का प्रयोग जरूर होगा। जिस प्रकार से ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस और शरद पवार ने नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी बनाई है, उसी प्रकार से कैप्टन भी अपनी पार्टी के नाम में कांग्रेस शब्द को जोड़ेंगे। 79 वर्षीय कैप्टन अमरिंदर सिंह के 52 वर्ष के राजनीतिक करियर में यह दूसरा मौका होगा, जब वह अपनी पार्टी का गठन करेंगे।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 1992 में शिरोमणि अकाली दल से अलग होकर शिरोमणि अकाली दल (पंथक) पार्टी का गठन किया था। हालांकि, उनका उस समय अपनी पार्टी गठित करने का अनुभव कड़वा रहा था। वह 1998 के चुनाव में दो सीटों पटियाला और तलवंडी साबो से चुनाव लड़े थे, लेकिन इन दोनों ही सीटों पर उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। जिसके बाद उन्होंने वापस कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली थी। उसके बाद वह तीन बार कांग्रेस के प्रदेश प्रधान और दो बार पंजाब के मुख्यमंत्री बने।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जिस प्रकार से अपनी पार्टी बनाकर भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन करने को लेकर इच्छा जाहिर की थी, उससे पंजाब की सियासत में नए समीकरण के संकेत मिले। इसमें से एक कदम उन्होंले बढ़ा दिया है। वह बुधवार को अपनी पार्टी का गठन के साथ ही कांग्रेस के लिए मुश्किल पैदा कर देंगे। माना जा रहा है कि कैप्टन के साथ ही उनकी धर्मपत्नी और पटियाला से कांग्रेस की सांसद परनीत कौर नई पार्टी की सदस्य हो सकती हैं।
कल नई पार्टी में कांग्रेस के छह विधायक हो सकते हैं शामिल, दो दर्जन विधायक कैप्टन के संपर्क में
यह भी जानकारी मिल रही है कि नई पार्टी के गठन के मौके पर उनके साथ करीब आधा दर्जन कांग्रेस के विधायक भी हो सकते हैं। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि वे कौन-से विधायक होंगे। मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद करीब दो दर्जन कांग्रेस विधायक लगातार कैप्टन के साथ संपर्क बनाए हुए हैं।
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कैप्टन जहां अपनी पार्टी बनाने जा रहे है, उसके बाद सबकी नजर इस बात पर रहेगी कि क्या भारतीय जनता पार्टी के साथ उनका गठबंधन पहले होगा या फिर किसान आंदोलन को माकूल हल निकालने कैप्टन पहले योगदान देंगे। राजनीतिक हलके में चर्चा रही है कि कैप्टन का अपनी पार्टी बनाने के बाद अगर कदम किसान आंदोलन को खत्म करवाने पर होगा। यही कारण है कि कांग्रेस के नेता किसान आंदोलन को लेकर कैप्टन पर आरोप जड़ रहे है कि अगर कैप्टन इस समस्या का हल करवा सकते थे तो उन्होंने बतौर मुख्यमंत्री रहते हुए ऐसा क्यों नहीं किया। क्यों उन्होंने 65 किसानों के मरने का इंतजार किया। अभी तक किसान आंदोलन में 65 लोगों की मौत हो चुकी है।
बदलेंगे राजनीतिक हालात
कैप्टन के अपनी पार्टी बनाने के बाद पंजाब के राजनीतिक हालातों को बदलने की पूरी-पूरी संभावना है। क्योंकि कैप्टन 21 वर्षों से कांग्रेस की सक्रिय राजनीतिक का प्रमुख हिस्सा रहे है। वह इस दौरान तीन बार कांगेस के प्रदेश प्रधान रहे और दो बार मुख्यमंत्री रहे। कैप्टन पहले ही कह चुके है कि 52 वर्षों के राजनीतिक करियर में उन्होंने कई दोस्त बनाए है।
ऐसे में यह तय है कि कैप्टन कांग्रेस को तोड़ने का प्रयास करेंगे। चूंकि कांग्रेस वर्तमान में राजनीतिक रूप से अस्थिर चल रही है। प्रदेश प्रधान पद से इस्तीफा दे चुके नवजोत सिंह सिद्धू और मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के बीच में खासी खींचतान चल रही है। वहीं, कांग्रेस का ग्राफ पंजाब में अपने अंतरकलह के कारण नीचे गिरता जा रहा है। ऐसे में कैप्टन के लिए कांग्रेस के राजनीतिक हालात भी माकूल नजर आ रहे है। चूंकि कैप्टन को भाजपा का समर्थन होने की भी चर्चा है। ऐसे में कई विधायकों को अपने करियर की भी चिंता नहीं होगी।
कैप्टन के करीबी सांसद ने ट्वीट ने भी छेड़ी चर्चा
कांग्रेस के सांसद जसबीर सिंह डिंपा ने कैप्टन अमरिंदर सिंह की नई पार्टी बनाने की तैयारियों के बीच एक ट्वीट किया। इसमें उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस की रणनीति है कि छोटे राज्यों जैसे त्रिपुरा और गोवा में इंडियन नेशनल कांग्रेस द्वारा दिए गए स्पेस को ले सके। इसके लिए हमें पहले से तैयारी करनी चाहिए। डिंपा पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खासे करीबी है। डिंपा की पूरी राजनीति कैप्टन की ही छत्रछाया में रही है। ऐसे में उनका ट्वीट भी इस तरफ इशारा कर रहा है कि पंजाब में भी कांग्रेस की जगह खाली हो रही है।