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पंजाब में डेंगू के मामले 11 हजार पार, विपक्ष ने साधा चन्नी सरकार पर निशाना, राजनीतिक अस्थिरता से बढ़े केस

पंजाब में डेंगू के मामले 11756 तक पहुंच गए हैं। कोई ऐसा जिला नहीं जहां डेंगू के मरीज न हों। विपक्ष ने इसके लिए सरकार पर निशाना साधा है। कहा कि कांग्रेस में राजनीतिक अस्थिरता के कारण सरकार जागरूकता पर ध्यान नहीं दे पा रही।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sun, 24 Oct 2021 11:16 AM (IST)Updated: Sun, 24 Oct 2021 11:16 AM (IST)
पंजाब में डेंगू के मामले 11 हजार पार, विपक्ष ने साधा चन्नी सरकार पर निशाना, राजनीतिक अस्थिरता से बढ़े केस
पंजाब में डेंगू का आंकड़ा 11 हजार के पार। सांकेतिक फोटो

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। कोरोना के बाद अब पंजाब में डेंगू का कहर बरस रहा है। पूरा राज्य डेंगू की चपेट में आ चुका है। राज्य में अभी तक 11,756 डेंगू के मरीज सामने आ चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग कोरोना की तरह डेंगू के मरीजों की जानकारी देने से कतरा रहा है। डेंगू के बढ़ते केसों की वजह से विपक्ष ने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। विपक्ष ने यह आरोप लगाया है कि कांग्रेस की आपसी लड़ाई के कारण पंजाब के लोगों को डेंगू से अकेले लड़ने के लिए छोड़ दिया गया है।

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अकाली दल के पूर्व मुख्यमंत्री डा. दलजीत सिंह चीमा ने कहा है कि चरणजीत सिंह चन्नी सरकार द्वारा समय रहते स्थिति न संभाले जाने के कारण आज हजारों लोग डेंगू का शिकार हो गए हैं। उन्होंने कहा कि सिर्फ 10 दिनों में ही डेंगू ने हजारों लोगों को शिकार बनाया है तथा वे अस्पतालों मेें भर्ती हैं। चीमा ने कहा कि पिछले 10 दिनों में राज्य में डेंगू के केसों में 90 फीसद बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

उन्होने कहा कि सबसे ज्यादा केस मोहाली, बठिंडा, अमृतसर, होशियारपुर तथा पठानकोट में सामने आए हैं, जहां 6970 लोग डेंगू से पीड़ित हैं। 12 अक्टूबर को पंजाब में डेंगू केसों की गिनती 5889 थी, जो 21 अक्टूबर को बढ़कर 11129 तक पहुंच गई, क्योंकि पंजाब सरकार समय रहते कदम उठाने में नाकाम रही है। चीमा ने कहा कि सरकार तौर पर मौत का आंकड़ा स्पष्ट नहीं है लेकिन अभी तक 22 लोगों की मौत डेंगू के कारण हुई है। इसमें से 9 संदिग्ध मौत मानसा तथा 3 जालंधर जिलें में बताई जा रही हैं।

डा. चीमा ने कहा कि सरकार की संवेदनशीलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अन्य राज्यों की सरकारें लोगों में डेंगू के प्रति जागरूकता लाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर विज्ञापन दे रही है, जबकि पंजाब में चन्नी सरकार गुलाबी सुंडी से पीड़ित किसानों को मुआवजा देने के झूठे विज्ञापन दे रही है। किसानों को एक पैसा भी नहीं दिया गया तथा करोड़ों रुपये के विज्ञापन लगा दिए गए हैं।

200 से 300 रुपये प्रति लीटर बिक रहा बकरी का दूध

डेंगू के कारण बकरी का दूध 200 से 300 रुपये लीटर बिक रहा है। जबकि बकरी के दूध के लिए लोगों को मारामारी भी करनी पड़ रही है। डा. चीमा कहते है, एसे भी कई परिवार है, जिनके घर में चार-चार डेंगू के मरीज है। यह सब कुछ पंजाब सरकार की नालायकी की वजह से है। क्योंकि वह आपस में भी लड़ रहे है, उनका ध्यान लोगों की तरफ है ही नहीं।


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