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पंजाब में कैप्‍टन अमरिंदर की बड़े सियासी उलटफेर की तैयारी, जानें भाजपा संग क्‍या होगा नया सियासी रोडमैप

Captain Amrinder Singh New Party पंजाब के पूर्व मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह राज्‍य की सियासत में बड़े उलटफेर की तैयारी में हैं। वह अपनी पार्टी का गठन करने के साथ ही भाजपा व अन्‍य दलों से तालमेल कर 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव में उतने की तैयारी में हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 19 Oct 2021 08:42 PM (IST)Updated: Wed, 20 Oct 2021 12:46 PM (IST)
पंजाब में कैप्‍टन अमरिंदर की बड़े सियासी उलटफेर की तैयारी, जानें भाजपा संग क्‍या होगा नया सियासी रोडमैप
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पंजाब के पूर्व सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह की फाइल फोटो।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Captain Amrinder Singh New Party: पंजाब के पूर्व सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह राज्‍य में बड़े सियासी उलटफेर की तैयारी में हैं। अमरिंदर सिंह राज्‍य में 2022 में हाेनेवाले विधानसभा चुनाव के लिए नया सियासी तानाबाना बुनने में जुटे हुए हैं। वह नया सियासी समीकरण बनाकर राज्‍य में फिर से सरकार बनाने की तैयारी में लगे हैं। वह इसके लिए भाजपा व अन्‍य दलों के साथ गठजोड़ कर 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए नया सियासी समीकरण बनाएंगे। इसके लिए कैप्‍टन ने अपना नया सियासी राेडमैप भी तैयार कर लिया है। मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के एक माह बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भविष्य को लेकर अपने पत्ते खोलने शुरू कर दिए हैं। वह पंजाब विधानसभा के चुनाव को लेकर अपनी राजनीतिक पार्टी बनाने जा रहे हैं । इसके साथ ही वह भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन कर सकते हैं, लेकिन शर्त है कि केंद्रीय कृषि कानूनों व किसान आंदोलन का समाधान हो जाए। इसके साथ ही कैप्टन अमरिंदर का अब भाजपा को लेकर कहना है कि वह सांप्रदायिक व मुसलमान विरोधी पार्टी नहीं है। कैप्टन का यह बयान इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि चर्चा रही है कि भाजपा कैप्टन के माध्यम से किसान आंदोलन का हल निकालना चाहती है।

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2022 चुनाव के लिए पार्टी बनाएंगे, कहा- कृषि कानूनों का हल निकला तो भाजपा से करेंगे गठबंधन

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने स्पष्ट कर दिया है कि वह 2022 में होने वाले पंजाब विधानसभा के चुनाव से पहले अपनी राजनीतिक पार्टी बनाएंगे और इसका भारतीय जनता पार्टी (BJP) व शिरोमणि अकाली दल (शिअद) से अलग हुए गुटों के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन होगा। वैसे कैप्‍टन अमरिंदर ने यह भी स्‍पष्‍ट किया है कि भाजपा से  गठबंधन इसी शर्त होगा कि कृषि कानूनों का संतोषपूर्ण समाधान निकाला जाए।

पूर्व मुख्यमंत्री भाजपा को सांप्रदायिक न विरोधी पार्टी नहींया मुसलमा मानते

कैप्टन ने कहा, 'मैं भाजपा को सांप्रदायिक व मुसलमान विरोधी पार्टी नहीं मानता। पंजाब में कभी हिंदू, सिख व मुस्लिम के बीच कोई समस्या नहीं रही।' कैप्टन अमरिंदर सिंह के मीडिया सलाहकार रहे रवीन ठुकराल ने उनकी आगामी योजना की जानकारी ट्वीट करके दी। कैप्टन ने कहा, 'यदि कृषि कानूनों का हल निकला तो 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ सीटों पर चर्चा कर पंजाब के बेहतर भविष्य की लड़ाई शुरू की जाएगी।'

उन्होंने कहा कि तीन कृषि कानूनों के मसले से पहले पंजाब में केंद्र सरकार के खिलाफ कोई समस्या नहीं थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी कृषि कानूनों के कारण पैदा हुई समस्या का समाधान खोजने की कोशिश कर रहे हैं। इससे मुझे लग रहा है विधानसभा चुनाव से पहले तीनों कृषि कानूनों का समाधान निकाल लिया जाएगा, जो उनके गठबंधन का मुख्य आधार होगा।

18 सितंबर को दिया था सीएम पद से इस्‍तीफा, कांग्रेस पर लगाया अपमानित करने का आरोप

बता दें कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 18 सितंबर को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफा देने के बाद उन्होंने कांग्रेस पर सीधे आरोप लगाए थे कि उन्हें अपमानित किया गया। इस्तीफा देने के बाद कैप्टन ने दिल्ली जाकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद से यही यह स्पष्ट संकेत मिलने लगे थे कि कैप्टन भाजपा से सियासी गठजोड़ कर सकते हैंं। यह भी कहा गया कि भाजपा कैप्टन के माध्यम से ही किसान आंदोलन का हल निकालेगी। क्योंकि, धरने पर बैठे किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ कैप्टन के अच्छे संबंध रहे है।

वहीं, किसान संगठनों को दिल्ली में धरने पर बैठाने में भी बतौर मुख्यमंत्री कैप्टन का बड़ा सहयोग रहा है। हालांकि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अमित शाह से मिलने के बाद स्पष्ट कर दिया था कि वह अपनी अगली राजनीतिक पारी जरूर खेलेंगे लेकिन भाजपा में जाकर नहीं। कैप्टन ने अपनी बात को भी सही साबित किया है। कैप्टन अब अपनी पार्टी बनाकर भाजपा के साथ समझौता कर सकते हैं। यही कारण है कि कांग्रेस पिछले कई दिनों से इस बात को लेकर डरी हुई है कि कैप्टन अपने साथ दो दर्जन के करीब विधायकों को जोड़ सकते हैं। इसी कारण कांग्रेस ने राजस्थान के राजस्व मंत्री व वरिष्ठ नेता हरीश चौधरी को पिछले एक माह से ही पंजाब में बैठा रखा है। चौधरी नियमित रूप से पार्टी के विधायकों से लेकर अन्य नेताओं से संपर्क साधे हुए हैं।

दिल्ली में एक अंग्रेजी वेबसाइट से की गई बातचीत के दौरान कैप्टन ने खुलासा किया कि वह अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी बनाएंगे, जो भाजपा, अकालियों के अलग-अलग दलों के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन करने की संभावना तलाशेगी। कैप्टन ने कहा कि कृषि कानून से पहले पंजाब में केंद्र सरकार के खिलाफ कोई समस्या नहीं थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कृषि कानूनों की समस्या का समाधान खोजने की कोशश कर रहे है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि विधान सभा चुनाव से पूर्व तीन केंद्रीय कृषि कानून का समाधान निकाल लिया जाएगा। वहीं, कैप्टन ने कहा है कि भाजपा सांप्रदायिक व मुस्लिम विरोधी पार्टी नहीं है। पंजाब में कभी भी हिंदू, सिख व मुस्लिम के बीच कोई समस्या नहीं रही।

पंजाब को हथियार बनाया जा रहा है

पंजाब में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने की संभावना पर कैप्टन ने कहा कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ व खालिस्तान समर्थक स्लीपर सेल के जरिए पंजाब को 'हथियार' बनाने की कोशिश की जा रही है। यही कारण है कि सीमा पार से हथियार, गोला-बारूद और नशीले पदार्थ ड्रोन के जरिये भेजे जा रहे हैं। वह इस मुद्दे को तीन वर्षोंं से उठा रहे हैं। उन्होंने कहा, 'पंजाब की लंबी सीमा पाकिस्तान के साथ लगती है। कोई कुछ ऐसी योजना बना रहा है, जिसके बारे में हम नहीं जानते और इससे मुझे चिंता होती है। मैं इन मुद्दों पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी मिला था। यही कारण है कि मैं चाहता हूं कि किसान आंदोलन समाप्त को ताकि इस कड़वाहट को पाकिस्तान युवाओं के माध्यम से इस्तेमाल न करे।' 

 मुझे नहीं लगता कुंडली में मारा गया व्यक्ति बेअदबी कर रहा था

इससे पहले दिल्ली में एक वेब पोर्टल को दिए इंटरव्यू में कुंडली बार्डर पर निहंग सिंहों की बर्बरता पर कैप्टन ने कहा, 'यह घटना एक भयानक त्रासदी थी। मैं नहीं मानता कि वहां पर मारा गया व्यक्ति बेअदबी कर रहा था, क्योंकि वहां बहुत सारे लोग थे। जिस व्यक्ति ने ऐसा किया (लखबीर को मारा) वह दिमागी रूप से ऐसी स्थिति में था, जिसे वह नियंत्रित नहीं कर सकता था। हो सकता है वह नशे में हो। निहंगों को 'सुखा' (नशे का एक रूप) लेने के लिए जाना जाता है।


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