Politics on Sugarcane Price: हुड्डा ने अपने राज से की गन्ने के बढ़े रेट की तुलना, कहा- हरियाणा सरकार कर रही है बस इवेंटबाजी
Politics on Sugarcane Price हरियाणा में गन्ने की दर में वृद्धि को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस मामले पर मनोहरलाल सरकार पर हमला किया है। उन्होंने कहा कि मनोहरलाल सरकार बस इवेंटबाजी कर रही है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Politics on Sugarcane Price: पंजाब के बाद अब हरियाणा में गन्ने की कीमत काे लेकर राजनीति शुरू हो गई है। इस मामले को लेकर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस विधायक दल के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने राज्य की मनोहरलाल सरकार पर निशाना साधा है। हुड्डा ने प्रदेश सरकार द्वारा गन्ने के रेट में बढ़ोतरी को नाकाफी बताया है। हुड्डा ने कहा कि इन दिनों भाजपा-जेजेपी सरकार गन्ने का रेट सिर्फ 12 रूपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर इवेंटबाजी कर रही है, जबकि खेती की बढ़ती लागत की तुलना में सभी फसलों का एमएसपी व गन्ने के दाम में बढ़ोतरी पर्याप्त नहीं है। मनोहरलाल सरकार बस इवेंटबाजी में लगी है।
पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा ने कहा हमने 165 फीसद की बढ़ोतरी की और भाजपा ने मात्र 16 प्रतिशत
पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस सरकार द्वारा साढ़े नौ साल के कार्यकाल में गन्ने के रेट में 165 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई। हर साल 16 प्रतिशत से भी ज्यादा की बढ़ोतरी हुई। भाजपा सरकार के सात साल के कार्यकाल में कुल 16 प्रतिशत यानी कांग्रेस से 10 गुणा कम बढ़ोतरी हुई। हरियाणा में 2005 तक किसानों को गन्ने का रेट सिर्फ 117 रुपये दिया जाता था, लेकिन कांग्रेस सरकार आने के बाद इसमें 193 रुपये की बढ़ोतरी हुई और गन्ने के रेट को 310 रुपये तक पहुंचाया गया। भाजपा सरकार ने सात साल में सिर्फ 52 रुपये की बढ़ोतरी करते हुए इसे मात्र 362 रुपये ही किया है।
हुड्डा ने कहा कि इस सरकार के कार्यकाल में पेट्रोल-डीजल के दाम, गन्ना खेती की लागत, लेबर से लेकर खाद, बीज, दवाई और खेती उपकरणों पर खर्च में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। कांग्रेस सरकार के समय हरियाणा में इसका रेट लगभग 56 रुपये प्रति लीटर था, जो अब बढ़कर लगभग 90 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच चुका है। अकेले डीजल में ही 62 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। बढ़ोतरी हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि पिछले सात साल में जो लागत बढ़ी है उसकी तुलना में बढ़ोतरी न के बराबर है। हुडडा ने याद दिलाया कांग्रेस सरकार के दौरान किसानों को 15 दिनों के भीतर गन्ने की पेमेंट हो जाती थी, लेकिन मौजूदा सरकार के दौरान कई-कई महीने तक मिलों में किसान का बकाया फंसा रहता है। आज भी नारायणगढ़ मिल में किसानों का सैकड़ों करोड़ रूपया बकाया है, जिसका भुगतान बाकी है।