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एस्टेट ऑफिस के अफसरों की भूमिक भी सवालों के घेरे में

सेक्टर-37 की कोठी नंबर-340 की फर्जी रजिस्ट्री के मामले में चंडीगढ़ एस्टेट ऑफिस की भूमिका भी सवालों के घेरे में है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 04 Mar 2021 06:22 AM (IST)Updated: Thu, 04 Mar 2021 06:22 AM (IST)
एस्टेट ऑफिस के अफसरों की भूमिक भी सवालों के घेरे में
एस्टेट ऑफिस के अफसरों की भूमिक भी सवालों के घेरे में

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़

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सेक्टर-37 की कोठी नंबर-340 की फर्जी रजिस्ट्री के मामले में चंडीगढ़ एस्टेट ऑफिस की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। पुलिस को यह बात खटक रही है कि आखिर रजिस्ट्री के वक्त एस्टेट ऑफिस के सब रजिस्ट्रार ने मालिक के स्थान पर दूसरे व्यक्ति को पेश करने पर सवाल क्यों नहीं उठाया। यह कोठी दो करोड़ 90 लाख रुपये में बेची गई।

प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस पूरे मामले में संलिप्त अधिकारियों की भूमिका पर जांच करने के आदेश दे दिए हैं। मार्च 2019 की उस सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला जाएगा। जिसमें किसी दूसरे व्यक्ति को सब रजिस्ट्रार के सामने पेश कर रजिस्ट्री कराई गई। फोटो के बाद ही होती है रजिस्ट्री

किसी भी प्रॉपर्टी की सेल डीड प्रॉपर्टी मालिक और खरीददार की फोटो होने के बाद ही होती है। इसमें नंबरदार और एक अन्य व्यक्ति की गवाही भी होती है। यह दोनों गवाह के तौर पर मौजूद होते हैं। रजिस्ट्री में इनकी भी फोटो होती है। अब यह जांच की जा रही है कि रजिस्ट्री के समय जो फोटो हुई, उसमें गवाह और प्रॉपर्टी ऑनर किसे दिखाया गया है। सब रजिस्ट्रार ऑफिस में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज को भी स्टोर रूम से कब्जे में लिया जाएगा। कोठी के असली मालिक ने शिकायत में यह कहा

कोठी के असली मालिक राहुल मेहता ने पुलिस को दी शिकायत में कहा है कि उसने अपना मकान अभी तक किसी को नहीं बेचा है। मगर फर्जी तरीके से एक मार्च 2019 को उसकी कोठी की सेल डीड तैयार कराकर सौरव गुप्ता के नाम ट्रांसफर करा दी गई। चंडीगढ़ एस्टेट ऑफिस के सब रजिस्ट्रार के सामने राहुल मेहता नाम के फर्जी व्यक्ति को खड़ा कराकर इस प्रॉपर्टी का सौदा हुआ। जबकि इस तारीख को वह अपना घर आश्रम राजस्थान में भर्ती था। राहुल मेहता की यह शिकायत एस्टेट ऑफिस की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिह्न लगाती है। एस्टेट ऑफिस पहले भी रहा विवादों में

यह पहला मामला नहीं है जब एस्टेट ऑफिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। फरवरी माह में ही एस्टेट ऑफिस के एक चौकीदार को फाइल जलाने के लिए गिरफ्तार किया गया था। चौकीदार ने असिस्टेंट एस्टेट ऑफिसर के पीए से लेकर अधिकारियों पर सवाल उठाए थे। इस मामले के बाद एस्टेट ऑफिस में बड़े स्तर पर बाबुओं के तबादले तक हुए। मामले की पुलिस जांच कर रही है।


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