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Punjab Budget 2021 Session: बागी आप विधायकों के मुद्दे पर सदन में हंगामा, शिअद व आप ने स्पीकर को घेरा

Punjab Budget 2021 Session पंजाब विधानसभा बजट सत्र की दूसरे दिन की कार्यवाही शुरू हो गई है। शून्यकाल में अकाली विधायक विक्रम सिंह मजीठिया ने किसानों की आत्महत्या का मुद्दा उठाया और सरकार को उसी वादों पर घेरा।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 02 Mar 2021 11:00 AM (IST)Updated: Tue, 02 Mar 2021 12:28 PM (IST)
Punjab Budget 2021 Session: बागी आप विधायकों के मुद्दे पर सदन में हंगामा, शिअद व आप ने स्पीकर को घेरा
पंजाब विधान सभा की फाइल फोटो ।

जेएनएन, चंडीगढ़। Punjab Budget 2021 Session: पंजाब विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही शुरू हो गई है। विधानसभा में आज आम आदमी पार्टी व अकाली दल ने आप से बगावत कर कांग्रेस में जाने तथा अलग पार्टी बनाने वाले विधायकों के मुद्दे पर स्पीकर को घेरा। स्पीकर राणा केपी सिंह ने कहा कि जब तक उनकी तसल्ली नहीं होती स्पीकर को यह अधिकार है कि वह किसी भी विधायक पर कार्रवाई को रोक सकता है।

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स्पीकर ने कहा कि अगर फिर भी किसी विधायक को ऐतराज है तो अदालत का दरवाजा उनके लिए खुला है। मामला उस समय उठा जब आम आदमी पार्टी के बागी ग्रुप के सदस्य कंवर संधू ने बीते कल राज्यपाल के अभिभाषण के विरोध के साथ-साथ राज्यपाल का भी विरोध किया। उन्होंने कहा कि हाउस का एक डेकोरम होना चाहिए, विरोध करना अपनी जगह सही है लेकिन उन पर अभिभाषण की कॉपियां फेंकना सही नहीं है।

बता दें, शिरोमणि अकाली दल, आम आदमी पार्टी व लोक इंसाफ पार्टी ने राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर का कल विरोध किया था। कंवर संधू के इस बयान के बाद अकाली नेता विक्रम मजीठिया ने कहा कि स्पीकर साहब यह सब आपके कारण ही हो रहा है। उन्होंने कहा कि विरोधी पार्टी के विधायक विपक्ष में भी हैंं और सत्ता पक्ष में भी हैं, लेकिन आपने उन पर कोई भी एक्शन नहीं लिया। अगर इसी तरह फ्रेंडली मैच चलता रहना है तो फिर इस तरह के विरोध होने ही हैं।

मजीठिया की बात खत्म होते ही विपक्ष के नेता हरपाल चीमा ने भी स्पीकर राणा केपी सिंह को ही कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की और कहा कि उन्होंने 1 साल पहले पार्टी से बागी हुए विधायकों पर कार्रवाई करने के बारे में लिखा था, लेकिन आप बार-बार कोई न कोई बहाना लगाकर उन्हें पेशियों से छूट देते जा रहे हैं।

इस पर स्पीकर ने कहा कि संविधान ने उनको यह हक दिया हुआ है। उन्होंने कहा कि जब तक किसी मामले में स्पीकर की तसल्ली नहीं हो जाती तब तक वह किसी विधायक पर कार्रवाई नहीं करेंगे। अगर किसी विधायक को ऐतराज है तो वह अदालत में जा सकता है। इस पर चीमा ने कहा कि ऐसा कहकर आप 5 साल ही निकलवा देंगे। स्पीकर ने कहा कि चीमा जी, आप खुद एक वकील हैं और कानून के बारे में अच्छी तरह से जानते हैं।

इसी बीच, लोक इंसाफ पार्टी के नेता सिमरजीत बैंस ने कहा कि इस विधानसभा ने तीन खेती कानून में संशोधन करके बिल राज्यपाल को भेजे हुए हैं, लेकिन वह उन्हें आगे राष्ट्रपति के पास भेजने के बजाय अपने पास रखे बैठे हैं। ऐसे राज्यपाल का विरोध करना जायज था।

शून्यकाल में अकाली दल के विधायक विक्रम सिंह मजीठिया ने पंजाब में बाप बेटे द्वारा आत्महत्या करने के मामले को सदन में उठाया। मजीठिया ने कहा कि मामले में प्रदेश कांग्रेस के प्रधान और सहकारिता मंत्री पर केस दर्ज किया जाना चाहिए। मजीठिया ने कहा कि मरने वाले दोनों किसान सीमांत थे और उन पर सोसायटी का कर्ज था मजीठिया अपने साथ इन किसानों का सुसाइड नोट भी लेकर आए थे।

मजीठिया ने कहा कि चुनाव से पहले मुख्यमंत्री ने आढ़तियों, बैंकों और प्राइवेट बैंकों का कर्ज माफ करने का वादा किया था लेकिन उसे पूरा न करने के कारण किसान लगातार आत्महत्या कर रहे हैं और पिछले 4 सालों में 15 किसानों ने आत्महत्या कर ली है । ऐसे में वादाखिलाफी के चलते मुख्यमंत्री पर केस दर्ज किया जाना चाहिए।

गत दिवस सत्र के पहले दिन राज्यपाल के अभिभाषण पर जमकर हंगामा हुआ था। अकाली विधायकों ने राज्यपाल गो बैक तक के नारे लगाए और स्वागत के लिए बिछाए गए रेड कारपेट को हटा दिया। आज भी सदन में हंगामा होने के आसार हैं। बजट सत्र के पहले दिन नवजोत सिंंह सिद्धू पौने दो साल बाद सदन में नजर आए। वह सुबह विधायक परगट सिंह के साथ एक ही गाड़ी में आए और पूरा समय उनके साथ ही रहे। कोविड के कारण सदन में सदस्यों को बैठने के लिए प्रोटोकाल लागू किया गया था और एक कुर्सी को छोड़कर बैठने को कहा गया, लेकिन पहले दिन मुख्यमंत्री और नवजोत सिद्धू के साथ विधायक सटकर बैठे नजर आए। 

पहले दिन राज्यपाल के अभिभाषण के अलावा तीन कृषि कानूनों को लेकर चल रहे आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों और खेतिहर मजदूरों, स्वतंत्रता सेनानियों और राजनीतिक शख्सियतों को श्रद्धांजलि दी गई। बजट सत्र के पहले दिन सदन ने पूर्व केंद्रीय मंत्री बूटा सिंह, पूर्व मंत्री महिंदर सिंह गिल, मेजर सिंह उबोके, बाल मुकन्द शर्मा, सतपाल गोसाईं और सतवंत कौर संधू, संयुक्त पंजाब की पूर्व डिप्टी मंत्री चन्द्रावती और पूर्व विधायक ब्रिज लाल गोयल को श्रद्धांजलि दी।

पंजाबी गायक सरदूल सिकंदर, भजन गायक नरेंद्र चंचल और पत्रकार सतबीर सिंह दर्दी के अलावा शहीद नायब सूबेदार परविंदर सिंह, स्वतंत्रता सेनानियों अजीत सिंह, जत्थेदार गोहल सिंह तुड़, बलवंत सिंह और हरबंस सिंह को भी याद किया गया। सदन की तरफ से उन व्यक्तियों को भी श्रद्धांजलि दी गई, जिनकी कोरोना महामारी के कारण जान गई।

मानसा से विधायक नाजर सिंह मानशाहिया के आग्रह पर नामी रंगकर्मी मोहन मिड्डा और प्रसिद्ध लेखक दर्शन दरवेश का नाम भी श्रद्धांजलि देने के लिए सूची में शामिल किया गया।  स्पीकर राणा कंवर पाल सिंह की तरफ से उन सदस्यों को श्रद्धांजलि देने के लिए प्रस्ताव पेश किया गया, जिनका पिछले सेशन के बाद आकस्मिक निधन हो गया। इसके बाद दो मिनट का मौन धारण कर दिवंगत आत्माओं की याद किया गया। 


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