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पंजाब में जहरीली शराब बेचने पर होगी फांसी, कैबिनेट ने दी मंजूरी, बजट सत्र में पेश किया जाएगा बिल

पंजाब कैबिनेट ने आबकारी एक्ट में संशोधन को मंजूरी दे दी है। राज्य में जहरीली शराब बेचने वालों के लिए मौत या उम्र कैद की सजा का प्रविधान किया गया है। इस संबंधी बिल विधानसभा के बजट सेशन में पेश किया जाएगा।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 02 Mar 2021 09:59 AM (IST)Updated: Tue, 02 Mar 2021 09:59 AM (IST)
पंजाब में जहरीली शराब बेचने पर होगी फांसी, कैबिनेट ने दी मंजूरी, बजट सत्र में पेश किया जाएगा बिल
पंजाब में जहरीली शराब बेचने वालों को मिलेगी फांसी। सांकेतिक फोटो

जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब में नकली शराब की घटनाओं के मद्देनजर पंजाब सरकार ने पंजाब आबकारी एक्ट, 1914 की धारा 61-ए दर्ज करने और धारा 61 व 63 में संशोधन करने की मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई पंजाब कैबिनेट की बैठक में यह फैसला जुलाई 2020 में अमृतसर, गुरदासपुर और तरनतारन में जहरीली शराब से हुईं मौतों को देखते हुए लिया गया है। नकली या अवैध शराब पीने से किसी व्यक्ति की मौत होने या हालत गंभीर होने पर आरोपितों को मौत या उम्र कैद की सजा का प्रविधान किया गया है। इस संबंधी बिल विधानसभा के बजट सेशन में पेश किया जाएगा।

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अगर व्यक्ति अपाहिज हो जाता है तो आरोपित को कम से कम छह साल या उम्र कैद तक सजा के अलावा 10 लाख रुपये जुर्माने, अन्य गंभीर नुकसान पहुंचने पर आरोपित को एक साल तक कैद और पांच लाख रुपये जुर्माना किया जाएगा। यह प्रविधान भी किया गया है कि नकली शराब बनाने, बेचने वाले व्यक्ति से पीडि़तों के परिवारों को मुआवजा भी दिलाया जाएगा।

धारा 61-ए (2) के तहत अगर अदालत को लगे कि व्यक्ति की मौत या गंभीर स्थिति किसी जगह बेची गई शराब के सेवन के कारण हुई है तो अदालत शराब के निर्माता व विक्रेता (चाहे उसे अपराध के लिए दोषी ठहराया गया हो या न) से मुआवजे के तौर पर हर मृतक के कानूनी वारिसों को कम से कम पांच लाख रुपये, गंभीर नुकसान के मामले में कम से कम तीन लाख रुपये और अन्य नुकसान के मामले में 50 हजार रुपये जुर्माना देने के आदेश दे सकती है।

यह व्यवस्था भी की गई है कि जहां शराब एक लाइसेंसशुदा ठेके से बेची जाती है तो इस सेक्शन के अंतर्गत मुआवजा देने की जिम्मेदारी लाइसेंस धारक व्यक्ति की होगी। जब तक इस धारा के तहत अदालत में अदा योग्य रकम का भुगतान नहीं हो जाता तब तक आरोपित कोई अपील दायर नहीं कर सकेगा। स्प्रिट की नेचर में किसी तरह की तबदीली या तबदीली की कोशिश के अपराध के लिए कैद की सजा एक साल से बढ़ा कर तीन साल करने व जुर्माने राशि 1000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 करने के लिए सेक्शन 63 में भी संशोधन किया गया है।

जौड़ा फाटक हादसे के पीडि़त परिवारों के सदस्यों को मिलेगी नौकरी

कैबिनेट ने एक और फैसले में अमृतसर के जौड़ा फाटक रेल हादसे में मारे गए लोगों में से 34 मृतकों के परिवार के सदस्यों को सरकारी नौकरियां देने को मंजूरी दी है। इसके लिए नियमों में ढील देते हुए योग्यता के अनुसार इन लोगों को विभिन्न विभागों या संस्थाओं में नौकरियां दी जाएंगी। यह लोग अनुकंपा के आधार पर नौकरी के लिए राज्य की मौजूदा नीति के दायरे में नहीं आते थे। अमृतसर के डिप्टी कमिश्नर के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री कार्यालय ने विचार किया और अब कैबिनेट ने इसे मंजूरी दी। 19 अक्तूबर, 2018 को दशहरे वाले दिन इस हादसे में 58 लोगों की मौत हो गई ता और 71 लोग घायल हुए थे।


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